Difference Between Freeze Lien: वर्तमान समय में हम सभी ऑनलाइन बैंकिंग का ज्यादा इस्तेमाल करते है। अब ऐसे में बहुत कम बार होता है, जब हम ऑफलाइन बैंक जाकर कोई काम कराते हैं। हालांकि कई बार ऐसी समस्या का सामना करना पड़ता है, जब पैसे ट्रांसफर करके या अन्य काम में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। बाद में जब इसके बारे में पता करते हैं, तो अकाउंट फ्रीज या लीन जैसी समस्या सामने निकल कर आती है। हम में से अधिकतर लोग फ्रीज टर्म से रूबरू है और इसका मतलब भी पता होता है।
अगर ये बोला जाए कि आपका बैंक अकाउंट लीन हो गया है, तो हो सकता है कि आपको यह टर्म नया या जाना पहचाना लगे। लेकिन आज भी अधिकतर लोगों को इस शब्द के बारे में क्लियर जानकारी नहीं होगी।
यह दिक्कत उस समय ज्यादा बढ़ जाती है, जब आपकी सैलरी, ऑनलाइन शॉपिंग पेमेंट या अन्य काम इस बैंक अकाउंट से हो। डिजिटल युग के जमाने में हर काम बैंक खाते से जुड़ा होता है। ऐसे में अगर किसी दिन यह चले कि आपका बैंक अकाउंट फ्रिज या लीन हो गया है, तो यह परेशानी का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं बल्कि कई बार तो लोग समझ ही नहीं पाते हैं कि आखिर हुआ क्या है।
अगर आप इस समस्या को फेस कर चुके हैं या आज तक कभी यह प्रॉब्लम नहीं आई है, तो इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि लीन और फ्रीज के बीच क्या अंतर है। साथ ही यह भी इन दोनों टर्म का कब और किस-किस सिचुवेशन में यह दिक्कत होती है।
बैंक अकाउंट फ्रीज होने का क्या होता है मतलब?
अगर आपका बैंक अकाउंट फ्रीज हो गया है, तो इसका मतलब यह है कि उस खाते से किसी भी लेन-देन जैसे पैसा निकालना, जमा करना, ट्रांसफर करना आदि चीजों को टेम्परेरी रूप से रोक दिया गया है। अब ऐसे में यह दिक्कत उस समय तक दूर नहीं हो सकती है, जब तक आप बैंक अकाउंट में जाकर उसे सही करने के बारे में बात नहीं करते हैं। हालांकि इस प्रोसेस को आप ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं। इसमें आपके अकाउंट को परमानेंट क्लोज नहीं किया जात है बल्कि उसका उपयोग तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि कारण दूर न हो जाए।
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कब होता है बैंक अकाउंट फ्रीज?
बैंक अकाउंट उस कंडीशन में फ्रीज किया जाता है, जब किसी प्रकार का संदिग्ध लेनदेन, कानून प्रवर्तन एजेंसी का निर्देश, कोर्ट का आदेश, केवाईसी दस्तावेजों की कमी या टैक्स संबंधित विवाद जैसी चीजें शामिल हैं। इसके पीछे का मकसद अकाउंट की सुरक्षा और कानूनी नियमों का पालन सुनिश्चित करना होता है। यदि किसी का खाता फ्रीज हो जाए, तो उसे तुरंत बैंक से संपर्क करके वजह जाननी चाहिए और जरूरी दस्तावेज जमा कराकर खाते को सक्रिय करवाना चाहिए।
कैसे सही करें बैंक अकाउंट फ्रीज समस्या?
अगर आपका बैंक अकाउंट फ्रीज हो गया है, तो इसके लिए आप बैंक की ब्रांच या कस्टमर केयर से कांटेक्ट करें। आमतौर पर केवाईसी डॉक्यूमेंट अधूरे होने, संदिग्ध ट्रांजैक्शन या कोर्ट/सरकारी आदेश की वजह से खाता फ्रीज होता है। समस्या का कारण जानने के बाद जरूरी दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, पते का प्रमाण, या कानूनी दस्तावेज बैंक में जमा करें। सारे प्रोसेस के पूरा हो जाने पर बैंक आपका खाता दोबारा सक्रिय कर देगा।
बैंक अकाउंट लीन होने का क्या होता है मतलब?
अगर आपके बैंक अकाउंट पर लीन प्रॉब्लम आ गई है, तो इसका मतलब है कि बैंक या किसी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट को आपके अकाउंट से पैसा वसूलने का अधिकार मिल गया है। इस दिक्कत उस समय आती है, जब आपने कोई कर्ज लिया हो और उसे समय पर चुकाया न हो। ऐसे में बैंक आपके खाते पर लीन लगाकर उसमें जमा राशि से बकाया राशि वसूल सकता है। लीन के दौरान आप खाते से पैसे निकाल नहीं सकते, जब तक कि पूरा बकाया चुकता न हो। यह एक तरह की कानूनी कार्रवाई होती है जिससे बैंक अपने डूबते कर्ज की भरपाई करता है।
कैसे सही करें बैंक अकाउंट लीन?
अगर आपके बैंक अकाउंट पर लीन लग गया है तो बैंक जाकर इसके पीछे का कारण का पता करें। आमतौर पर यह लोन या क्रेडिट कार्ड बकाया भुगतान न करने पर लगाया जाता है। लीन हटाने के लिए आपको पूरा बकाया भुगतान करना होगा या बैंक से समझौता कर रि-पेमेंट की प्रक्रिया तय करनी होगी। भुगतान की रसीद बैंक को देने के बाद ही लीन हटाया जाएगा।
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