नई नौकरी से मन में एक नया उत्साह होता है। काम करने के लिए नया माहौल और नई संभावनाएं मिलती हैं। लेकिन वर्किंग वुमन के लिए नई जॉब प्रोफाइल में कंपनी के अनुसार खुद को ढालना भी एक बड़ी चुनौती होता है। काम के शुरुआती दिन में इसमें काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें नई कंपनी में कामकाज समझने के साथ नए कलीग्स के साथ भी तालमेल बिठाना जरूरी होता है। शुरुआती दिनों में अगर आप सतर्कता ना रखें तो आप ऑफिस पॉलिटिक्स की शिकार बन सकती हैं। शुरुआत में अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाने पर आपकी छवि भी खराब हो सकती है।
काम की बनाएं रणनीति
जब आप नई जगह जॉइन करें तो वहां की वर्किंग पर विशेष रूप से ध्यान दें। संस्थान के काम करने के तरीके के बारे में अपनी समझ के आधार पर एक रणनीति बनाएं कि आप किस तरह से उसमें काम करेंगी। नए संस्थान की छोटी-छोटी चीजें समझने पर ही आप वहां पूरे आत्मविश्वास के साथ काम कर सकती हैं। इसलिए सीखने के लिए हमेशा तैयार रहें। हर वक़्त सीखने को लालायित रहे। किसी भी बात को लेकर शंका हो तो उस बारे में अपने सहयोगियों से जरूर पूछें। विशेष रूप से जिनका काम अच्छा है, उनके काम करने के तरीकों से सीख लेने की कोशिश करें।
नए टार्गेट बनाएं
नए संस्थान में आपको जो लक्ष्य दिए जाएं, हमेशा उनसे आगे जाने के बारे में सोचिए, खुद को सीमित रखने के बजाय अपनी परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने का प्रयास करिए। ऑफिस के टार्गेट्स के साथ अपने व्यक्तिगत टार्गेट भी बनाएं। हर महीने अपने टार्गेट्स की समीक्षा करें और पर्सनल लेवल पर आपको जो खामियां नजर आती हैं, उन्हें दूर करने का प्रयास करें।
लर्निंग पर करें फोकस
आप चाहें कितनी ही अनुभवी क्यों ना हों, नए संस्थान में आपको नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आपको आउट ऑफ द बॉक्स सीखने की जरूरत होती है। अपने आसपास के लोगों से हमेशा नई चीजें सीखने के लिए लालायित रहें और बदलाव को पॉजिटिविटी के साथ स्वीकार करें। इससे नए माहोल में सहयोगियों के साथ आपकी अनबन नहीं होगी।
खुद को लेकर रहें आश्वस्त
नए माहौल में आपके मन में एक किस्म की अस्थिरता होती है। कामकाज का तरीका भी अलग होता है, ऐसे में आपका हर काम सही तरीके से संपन्न हो जाए, जरूरी नहीं है। मुमकिन है कि आपसे कुछ गलतियां हो जाएं, लेकिन कोशिश करें कि पुरानी गलतियों को दोहराया ना जाए।
नए दोस्त बनाएं
नए माहौल में जब आप लोगों के साथ शेयरिंग बढ़ाएंगी तो उनके साथ आप सहज तरीके से बात भी कर पाएंगी। इससे वे किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर आपकी मदद के लिए तैयार रहेंगे। नए साथियों से आप काम से जुड़ी चुनौतियों पर सलाह ले सकती हैं और संस्थान की वर्किंग के बारे में भी अच्छी तरह से समझ सकती हैं। अपने सहयोगियों के साथ दोस्ताना संबंध होने पर आपकी स्थिति मजबूत होती है। लेकिन दोस्त बनाते हुए किसी तरह के गैंग में शामिल होने से बचें।