भारत में करोड़ों लोग ऐसे हैं जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। करोड़ों लोगों में से कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो हर एक मिनट में फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, लिंक्डइन, वॉट्सऐप आदि का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, मौजूदा समय में सोशल मीडिया किसी भी इंसान के लिए कोई नई बात नहीं है। लेकिन, सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय धोखाधड़ी में फंस जाना किसी भी इंसान के लिए नई बात हो सकती है।
जी हां, आज के समय में हर सौ व्यक्ति में से आपको तीन से चार ऐसे व्यक्ति मिल जाएंगे जो किसी न किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के चलते धोखा खा चुके होंगे। कई बार किसी व्यर्थ लिंक पर क्लिक करने की वजह से लाखों का धोखाधड़ी होना आदि ऐसी खबरे आती रहती है। लेकिन, क्या आपको इसके पीछे की वजह के बारे में मालूम है? अगर नहीं तो आपको बता दें कि मैलवेयर और फ़िशिंग से आपको भी सतर्रक रहना चाहिए।
आज इस लेख में हम आपको ये बताने जा रहे हैं आखिर ये मैलवेयर और फ़िशिंग क्या है और इससे आपको कैसे सावधान रहने की ज़रूरत है, तो आइए जानते हैं।
सोशल मीडिया का कुछ अधिक ही इस्तेमाल करते हैं, तो सबसे पहले ये जान लेना बहुत ज़रूरी है कि आखिर ये मैलवेयर और फ़िशिंग क्या होता है। मैलवेयर और फ़िशिंग एक तरह का सोशल मीडिया वायरस है, जिसके द्वारा सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले लोगों पर हमला किया जाता है। मैलवेयर और फ़िशिंग के माध्यम से सोशल मीडिया पर लुभावने ऑफर दिए जाते हैं, और जैसे ही लिंक पर क्लिक करके बैंक खाते की या अन्य किसी जानकारी को देते हैं, तो धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। एक तरह से ये एक स्पाई वायरस भी है।
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सोशल मीडिया पर मैलवेयर और फ़िशिंग से बचने के लिए आपको हेमशा ही सतर्क रहने की ज़रूरत है। अगर आप फेसबुक पर वीडियो देखते हैं, तो कई बार आपको लुभावने ऑफर दिखाएं जाते हैं और उस ऑफर में कहा जाता है कि 'आप करोड़ों रुपये घर लेकर जा सकते हैं, आपको इन सवालों का जवाब देना होगा है और अपने बैंक खाते का नंबर डालना है'। ऐसे में जब आप इन जानकारी को किसी दूसरे व्यक्ति को देते हैं, तो आप मैलवेयर और फ़िशिंग के शिकार हो सकते हैं।
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जी हां, आज के समय मैलवेयर और फ़िशिंग का शिकार लोग जीमेल के माध्यम से भी होते हैं। जीमेल पर तमाम ऐसे मेल आते रहते हैं कि आपके मोबाइल नंबर पर लॉटरी लगा है। इसके लिए आपको इस या उस फॉर्म हो भरना होगा और साथ में इतना रुपये का पेमेंट करना होगा और आप करोड़ों रुपये जीत सकते हैं। दरअसल, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये मैलवेयर और फ़िशिंग का ही एक रूप है जिसके माध्यम से धोखाधड़ी किया जाता है। कई बार लैपटॉप या मोबाइल में कुकीज ऑन रहता है जिसकी वजह से भी आप इसका शिकार हो सकते हैं।(भूल गए हैं इंस्टाग्राम अकाउंट का पासवर्ड, ऐसे करें रिकवर)
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि ये कुकीज क्या है? दरअसल, आप जब भी मोबाइल या लैपटॉप में किसी भी सोशल मीडिया एप्लीकेशन को डाउनलोड करते हैं और इंस्टॉल है तो वो एप्लीकेशन कुकीज परमिशन मांगता है ताकि ऐड दिखाकर व्यक्ति को किसी चीज को खरीदने या लिंक पर क्लिक करने पर मजबूर किया जा सके। जब व्यक्ति इस प्रक्रिया से गुजरता है तब उसे धोखे से जानकारी लेकर किसी अन्य को बेचा जाता है या फिर बैंक खाते की जानकारी मांग कर पैसा निकाल लिया जाता है।
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