
Social Media Rules India: आज के समय में सोशल मीडिया हमारी लाइफस्टाइल का एक ऐसा हिस्सा बन चुका है। बच्चे हो या बड़े हर व्यक्ति घंटों का समय इंस्टाग्राम, फेसबुक और वॉट्सऐप पर बिताते हैं। लंबा समय इन ऐप्स पर बिताने के कारण बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर दुनियाभर में चिंताएं बढ़ रही हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। यह कानून न केवल बच्चों को साइबर बुलिंग और हानिकारक कंटेंट से बचाने के लिए बनाया गया है बल्कि माता-पिता की चिंताओं को दूर करने की एक कोशिश है। लेकिन जब बात भारत की करें, तो यहां साल भर का बच्चे को शांत करने के लिए मोबाइल फोन दे दिया जाता है। वहीं वर्तमान में 10 साल के बच्चे के पास भी उनका खुद का पर्सनल मोबाइल भी होता है। इसमें वह सोशल मीडिया इस्तेमाल करने के साथ ही एडल्ट कंटेंट भी देख सकते हैं।
अब ऐसे में प्रश्न आता है कि क्या यहां पर बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने को लेकर क्या नियम है। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत में सोशल मीडिया इस्तेमाल करने को लेकर क्या नियम हैं?

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने हाल ही में एक ऐसा कानून लागू किया है, जो 16 साल से कम उम्र के बच्चों को इंस्टाग्राम, टिकटॉक और स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने से रोकता है।
इस कानून के तहत, यह जिम्मेदारी माता-पिता की नहीं, बल्कि सोशल मीडिया कंपनियों की होगी कि वे सुनिश्चित करें कि उनके प्लेटफॉर्म पर 16 साल से कम उम्र का कोई बच्चा न हो। यदि कंपनियां एज वेरिफिकेशन करने में विफल रहती हैं, तो उन पर करोड़ों डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है। सरकार का मानना है कि सोशल मीडिया बच्चों के मानसिक विकास में बाधा डाल रहा है।
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भारत में बच्चों को सोशल मीडिया इस्तेमाल करने को लेकर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन सरकार ने नए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट DPDP Act 2023 के जरिए नियमों को काफी सख्त कर दिया है।
भारत के नए नियमों के अनुसार, 18 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को 'बच्चा' माना गया है। सोशल मीडिया कंपनियों को बच्चों का डेटा प्रोसेस करने के लिए उनके माता-पिता की अनिवार्य सहमति लेनी होगी।
कंपनियां बच्चों की ऑनलाइन आदतों को ट्रैक नहीं कर सकतीं और न ही उन्हें ऐसे विज्ञापन दिखा सकती हैं जो उनके व्यवहार को प्रभावित करें।
भारत सरकार अब कंपनियों से एज गेटिंग सिस्टम लागू करने को कह रही है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बच्चे अपनी उम्र छिपाकर अकाउंट न बना सकें।
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