महिलाओं के जीवन में आभूषण एक ख़ास जगह रखते हैं। महिलाएं किसी भी पार्टी या फंक्शन में जाएं, उनकी ड्रेस के साथ उनकी खूबसूरत ज्वैलरी हर किसी का ध्यान उनकी तरफ आकर्षित करती है। ज्वैलरी ना सिर्फ लुक को खूबसूरत बनाती है, बल्कि महिलाओं की पर्सनेलिटी को भी चार चांद लगा देती है। भांति-भांति की ज्वैलरी का कलेक्शन करना महिलाओं को काफी रास आता है। भले ही वे पार्टी या खास फंक्शन में अपनी ज्वैलरी पहनें, लेकिन ज्वैलरी खरीदने का शौक उन्हें खूब होता है।
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ज्वैलरी के प्रति महिलाओं का आकर्षण भी सदियों पुराना है। फैशन के ग्लोबल ट्रेंड्स की तर्ज पर ज्वैलरी डिजाइन्स की मांग बरकरार रहती है। ज्वैलरी पहनने और गिफ्ट करनने का बढ़ता चलन ही आजकल महिलाओं को ज्वैलरी मेकिंग में करियर बनाने के लिए आकर्षित कर रहा है। अगर फैशन इंडस्ट्री में आप करियर बनाना चाहती हैं, तो ज्वेलरी डिज़ाइन आपके लिए संभावनाओं भरा क्षेत्र हो सकता है। सीनियर करियर काउंसलर आशीष आदर्श से आइए जानते हैं कि महिलाएं ज्वैलरी डिज़ाइन में किस तरह से करियर बना सकती हैं-
ज्वैलरी डिजाइन से जुड़ी तीन अहम बातें जानें
अगर आपकी रुचि और आपका करियर एक हो, तो निश्चित तौर पर आप अपने करियर में औसत से बेहतर करेंगी। चाहे वास्तविक आभूषण हों या आर्टिफीशियल, महिलाओं के लिए ज्वैलरी डिजाइनिंग का क्षेत्र रोज नए करियर अवसर उपलब्ध करा रहा है। सबसे पहले ज्वैलरी डिजाइन के बारे में तीन बातों को समझ लेने आवश्यक है। पहला, एक समय था जब यह काम समाज के एक ख़ास वर्ग द्वारा ही पीढ़ी-दर-पीढ़ी किया जाता था, परन्तु समय के साथ इसे आज के युवाओं के लिए भी खोल दिया गया है। दूसरा, आज की महिलाएं ज्वैलरी के रूप में आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ खूबसूरत डिजाइन की भी शौक़ीन हैं, इसीलिए अब ज्वैलरी का मतलब केवल सोना-चांदी या हीरा या कोई और नगीना तक ही नहीं रह गया है। इसमें सेमी प्रेशस ज्वैलरी के डिजाइन्स भी काफी पॉपुलर हैं। तीसरा, आज भारतीय जवाहरातों की भारी मांग विदेशों में भी हैं और भारत घूमने आने वाले समृद्ध सैलानी के मन में ज्वैलरी खरीदने की ललक रहती है, क्योंकि उनका मानना है कि ऐसे डिजाइन केवल भारत में ही मिल सकते है। कुल मिलाकर यह समझ लें कि यदि आपमें क्रिएटिविटी है, आप डिजाइनिंग करने का शौक रखती हैं और कभी किसी जवाहरात को देखकर आपके मन में यह ख़याल आता है कि इसे और खुबसूरत बनाया जा सकता था, तो यह क्षेत्र आपके लिए ही है।Read more :महिलाओं के लिए बेहतरीन है फिजियोथेरेपी में करियर
Senior Career Counsellor Aashish Aadarsh
ये है पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रमों में 10+2 के बाद 6 माह का सर्टिफिकेट कोर्स या ग्रेजुएशन के बाद 1 वर्ष का डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध है। अपने पाठ्यक्रम के दौरान, आपको स्टोन कटिंग और पॉलिशिंग, स्टोन की सही पहचान, मेटल का रंग-रोगन, स्टोन सेटिंग, इलेक्ट्रोप्लेटिंग, ज्वेलरी प्रेजेंटेशन, ज्वेलरी कॉस्टिंग, फिनिशिंग से लेकर विभिन्न प्रकार के मेटल्स और स्टोन की तमाम जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। प्रशिक्षण पूरा कर आप कुछ समय किसी ज्वेलरी प्रतिष्ठान में काम कर व्यवहारिक अनुभव प्राप्त कर लें, जिसके बाद किसी बड़े ब्रांड में जॉब के लिए आवेदन दे सकती हैं जैसे कि तनिष्क, गिली, नक्षत्र आदि। इसके अलावा आप ज्वेलरी मेकिंग एंड डिज़ाइनिंग यूनिट्स, ज्वैलरी शॉप्स एंड शोरूम, एंटीक एंड आर्ट ऑक्शन हाउसेस आदि में भी जॉब पा सकती हैं।
आप चाहें तो डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्स करने के बाद स्वयं का ज्वेलरी सेट-अप भी स्थापित कर सकती हैं। पाठ्यक्रम चलाने वाले कुछ निजी संस्थानों में जीआईए इंडिया लेबोरेटरीज मुंबई, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ जेम्स एंड ज्वेलरी मुंबई, जेमोलोजिकल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया मुंबई, आर्क कॉलेज ऑफ़ डिजाइन जयपुर, पर्ल अकादमी दिल्ली व जयपुर इत्यादि शामिल हैं।
तो ज्वैलरी मेकिंग के करियर के बारे में जानने के बाद आप इसमें हाथ आजमा सकती हैं और अपनी क्रिएटिविटी को पंख देकर ज्वैलरी पहनने के साथ-साथ ज्वैलरी बनाने का शौक भी पूरा कर सकती हैं।
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