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हरियाणा के इस शीशे वाली मस्जिद को क्यों कहा जाता है सबसे खास, ईद पर परिवार के साथ जाएं यहां

बकरीद पर इस मस्जिद में प्रार्थना के लिए जाना अच्छा माना जाता है। यहां रहने वाले लोगों को मानना है कि इस मस्जिद का निर्माण कसाइयों द्वारा करवाया गया था।   
Editorial
Updated:- 2024-06-16, 08:00 IST

इस साल ईद का त्योहार 17 जून को मनाया जाने वाला है। इस खास पर्व में हर कोई कहीं न कहीं घूमने का प्लान बना रहा है। यह बकरीद का त्योहार है, जिसे इर्द उल अजहा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग मस्जिद भी जाते हैं। लेकिन कई लोग हैं, जो इस खास पर्व में प्रार्थना के लिए किसी ऐतिहासिक मस्जिद जाना पसंद करते हैं।

अगर आप हरियाणा में किसी ऐतिहासिक मस्जिद में जाना चाहते हैं, तो अपने पूरे परिवार या दोस्तों के साथ शीशे वाली मस्जिद जाने का प्लान करें। आज के इस आर्टिकल में हम आपको मस्जिद के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। 

200 साल पुरानी है यह मस्जिद

masjid

हरियाणा के रोहतक में स्थित शीशे वाली मस्जिद का इतिहास 200 साल पुराना बताया जाता है। ईद पर यहां हर साल लोगों के बहुत भीड़ देखी जाती है। केवल शहर से ही नहीं बल्कि शहर के बाहर से भी लोग इस सुंदर मस्जिद का दीदार करने आते हैं। यह मस्जिद धार्मिक के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी फेमस होता जा रहा है। यह हरियाणा में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह में से एक है।

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क्यों कहा जाता है इसे शीशे वाली मस्जिद

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रोहतक इस मस्जिद की दीवारों पर शीशे से नक्काशी की गई है। इसलिए ही यह मस्जिद और दूसरे मस्जिदों के मुकाबले सबसे अलग है। हालांकि यहां मस्जिद में आपको कई शीशे टूटे हुए और उखड़े हुए नजर आएंगे।  मस्जिद पुरानी होने की वजह से इमारत की कई जगह पर आपको शीशे टूट गए थे। लेकिन अब इसे ठीक करवा दिया गया है। 

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मस्जिद का इतिहास 

यहां आने वाले लोगों का मानना है कि इस मस्जिद के पास स्थित इलाकों को कसाई चौक कहा जाता है। माना जाता है कि पहले यहां कसाई रहा करते थे। साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस मस्जिद का निर्माण भी कसाईयों द्वारा ही करवाया गया है। क्योंकि इस मस्जिद को कसाईयों द्वारा बनवाया गया था, इसलिए बकरीद पर इसकी अहमियत और भी ज्यादा बढ़ जाती है। 

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