Mana And Kamet Parvat Why Famous: उत्तराखंड, देश का एक खूबसूरत और प्रमुख पहाड़ी राज्य है। यह पूरा राज्य एक से एक खूबसूरत और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और घने जंगलों से घिरा हुआ है।
उत्तराखंड को पर्यटन केंद्र हब भी माना जाता है। उत्तराखंड में स्थित मसूरी से लेकर नैनीताल और चोपता से लेकर औली की हसीन वादियों में हर महीने हजारों देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं।
उत्तराखंड अपनी खूबसूरती के साथ-साथ कई खूबसूरत और मनमोहक पर्वतों के लिए भी जाना जाता है। इस राज्य में स्थित नंदा देवी पर्वत और त्रिशूल पर्वत के बारे में लगभग हर घुम्मकड़ जानता होगा।
इस आर्टिकल में हम आपको उत्तराखंड की हसीन वादियों में स्थित माना पर्वत और कामेट पर्वत की खूबसूरती और खासियत बताने जा रहे हैं। इन पर्वतों के आसपास घूमने के बाद आप जीवन भर ट्रिप को याद करेंगे।
उत्तराखंड में माना और कामेट पर्वत कहां है?
माना और कामेट पर्वत की खासियत और खूबसूरती जानने से पहले आपको बता दें कि यह दोनों पर्वत उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में स्थित है, जो तिब्बत की सीमा के पास में स्थित है।
माना और कामेट पर्वत, दोनों हिमालय पर्वत श्रृंखला का हिस्सा हैं, जो अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं। इस पर्वत की ऊंचाई पर चढ़ाना किसी भी ट्रेकर्स के लिए किसी सपने से कम नहीं है।
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माना और कामेट पर्वत की ऊंचाई
माना और कामेट पर्वत कहां है, यह जानने के बाद आपकी जानकारी के लिए बता दें कि समुद्र तल से माना पर्वत की ऊंचाई करीब 6 हजार मीटर से अधिक है। माना को उत्तराखंड में स्थित सबसे ऊंचे पर्वतों में से एक माना जाता है। कई लोगों का यह भी मानना है कि माना पर्वत नंदा देवी के बाद दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत है।
माना पर्वत की तरह कामेट पर्वत भी उत्तराखंड का एक चर्चित और खूबसूरत पर्वत है। या समुद्र तल से करीब 7 हजार से अधिक मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कामेट पर्वत को जास्कर रेंज का हिस्सा माना जाता है, जो तिब्बत की सीमा के पास स्थित है।
माना और कामेट पर्वत पर्यटकों के लिए क्यों खास है?
माना और कामेट पर्वत पर्यटकों के लिए काफी खास और खूबसूरत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माना जाता है। इस दोनों पर्वत के आसपास के लुभावने दृश्यों के बीच घूमना किसी हसीन जन्नत से कम नहीं है।
माना और कामेट पर्वतों के आसपास का शांत और शुद्ध वातावरण सैलानियों को खूब आकर्षित करता है। इन पर्वतों के आसपास की हरियाली भी पर्यटकों को खूब मोहित करती है। यह दोनों ही पर्वत सर्दियों में बर्फ और मानसून में बादलों से ढके होते हैं।
एडवेंचर प्रेमियों के स्वर्ग से कम नहीं
माना और कामेट पर्वत एडवेंचर प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं माना जाता है। इन दोनों ही पर्वतों के आसपास सिर्फ देशी ही नहीं, बल्कि बल्कि विदेशी पर्यटक भी ट्रेकिंग से लेकर हाइकिंग और कैम्पिंग का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा, रॉक क्लाइंब और ऑफ रोड बाइक के लिए पर्यटक पहुंचते हैं।
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माना और कामेट पर्वत के आसपास घूमने समय
माना और कामेट पर्वत के आसपास घूमने का बेस्ट समय मार्च से लेकर जून के बीच में माना जाता है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के चलते आसपास का पूरा इलाका बर्फ से ढक जाता है। इसके अलावा, बारिश में पर्वतों के आसपास जाना खतरे से खाली नहीं।
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