आपको बता दें सभी के घर में अलग-अलग तरीके से मक्खन का यूज होता है। किसी को टोस्ट या ब्रेड के साथ बटर तो कोई पराठे पर बटर लगाकर खाता है। इसके अलावा कुछ लोग कुकिंग में भी बटर का यूज करते हैं। कुछ डिश में मक्खन डाल देने से उसका स्वाद दोगुना हो जाता है, लेकिन हर चीज में बटर का तड़का कभी-कभी आपका स्वाद बिगाड़ भी देता है। ऐसे में हमें हर चीज में मक्खन नहीं यूज करना चाहिए।
मार्केट में अलग-अलग तरीके के मक्खन मिलते हैं। एक सफेद और दूसरा पीला। हर घर में अलग तरह का मक्खन खाया जाता है। किसी को सफेद तो किसी को पीला मक्खन ज्यादा पसंद होता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है आखिरकार इन दोनों मक्खन के बीच क्या फर्क होता है ? दरअसल, आज हम आपको इस आर्टिकल में इन दोनों ही मक्खन के इस्तेमाल से लेकर स्वाद, रंग और बनाने के तरीके के बीच का अंतर बताएंगे। किस तरह यह दोनों एक-दूसरे से अलग हैं। साथ ही कुकिंग के लिए कौन-सा बेस्ट होता है इसके बारे में भी जानकारी देंगे।
सफेद और पीले मक्खन के स्वाद में बेहद अंतर होता है। जहां सफेद मक्खन का कोई स्वाद नहीं होता यानि यह मक्खन फीका होता है, जबकि पीला मक्खन का स्वाद थोड़ा नमकीन होता है। पीले मक्खन में नमक इसलिए मिलाया जाता है ताकि इसकी शेल्फ लाइफ को बढ़ाया जा सके। पीला मक्खन खाने पर आपको मुंह ज्यादा चिकना नहीं लगता है। जबकि सफेद मक्खन मलाईयुक्त होता है। ऐसे में इसके सेवन के बाद पूरे मुंह में घी जैसा हो जाता है।
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इसके अलावा इन दोनों मक्खन के बीच कैलोरी का भी काफी अंतर होता है। सफेद मक्खन अनप्रोसेस्ड होता है यानि इसको बिना किसी मिलावट के तैयार किया जाता है। ऐसे में यह एक हेल्दी ऑप्शन है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम रहती है। वहीं पीले मक्खन में सफेद की तुलना में ज्यादा कैलोरी पाई जाती है। येलो बटर में ट्रांस फैट और कैलोरी दोनों की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में सफेद मक्खन पीले मक्खन से ज्यादा हेल्दी होता है।
पीले मक्खन को गाय के दूध की मलाई से बनाया जाता है। दरअसल, गाय के दूध में मौजूद पीलापन बीटा-कैरेटिन की वजह से होता है। ऐसे में इसी की वजह से गाय के दूध से बना मक्खन का रंग पीला होता है। इसको दूध की क्रीम को मथकर बनाया जाता है। वहीं सफेद मक्खन भैंस के दूध से बनता है। जब मलाई को जमाने के बाद मथा जाता है, तो छाछ और बटर अलग हो जाता है। इसको आसानी से घर पर बनाया जा सकता है।
बात की जाय इन दोनों मक्खन की स्टोरेज करने की क्षमता की तो इसमें भी फर्क होता है। पीले मक्खन की शेल्फ लाइफ ज्यादा होती है। वहीं सफेद बटर को ज्यादा लंबे समय तक स्टोर नहीं किया जा सकता है। लेकिन सफेद मक्खन से निकला हुआ घी लंबे टाइम के लिए स्टोर कर सकते हैं।
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आमतौर पर कुकिंग में दोनों मक्खन का इस्तेमाल होता है। हर डिश के लिए अलग मक्खन यूज होता है। अधिकतर कोई भी डिश बनाते हुए घरों और होटल में पीले मक्खन का ज्यादा इस्तेमाल होता है। दरअसल, इस मक्खन के नमकीन स्वाद के चलते डिश का स्वाद अच्छा हो जाता है। किसी भी डिश को बनाते समय पीले मक्खन का फ्लेवर ज्यादा बेस्ट रहता है। वहीं जब पराठों या रोटी आदि के साथ खाने की बात हो तो उसमें सफेद मक्खन का टेस्ट बेहतर होता है।
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