भारत में चावल के कई किस्म प्रसिद्ध हैं, जिसमें से गोविंद भोग चावल एक प्रसिद्ध भारतीय चावल की किस्म है, जिसे विशेष रूप से पश्चिम बंगाल और आस-पास के क्षेत्रों में उगाया जाता है। इस चावल का नाम भगवान कृष्ण के एक नाम "गोविंद" पर आधारित है। "भोग" का मतलब होता है भोग या प्रसाद। इसलिए, "गोविंद भोग" का अर्थ है "भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाने वाला भोग"।
इस चावल की खासियत यह है कि यह बेहद सुगंधित और स्वादिष्ट होता है और इसे अक्सर धार्मिक या पौराणिक अवसरों पर विशेष रूप से भोग के लिए तैयार किया जाता है। इसके अलावा, यह चावल खास तौर से बंगाली रसोई में उपयोग किया जाता है।
गोविंद भोग चावल की क्या है खासियत
- स्वाद और सुगंध: गोविंद भोग चावल में एक विशेष सुगंध होती है और इसका स्वाद भी बहुत ही अच्छा होता है।
- आकार और रंग: यह चावल छोटे दानों वाला होता है और इसकी रंगत हल्की होती है।
- पोषण: यह चावल सामान्यत: पोषक तत्वों से भरपूर होता है और पारंपरिक भारतीय भोजन में इस्तेमाल किया जाता है।
गोविंद भोग चावल को पकाने का तरीका:
- चावल धोना: पहले चावल को अच्छे से धो लें ताकि चावल का एक्स्ट्रा स्टार्च निकल जाए।
- भिगोना : चावल को 20-30 मिनट के लिए पानी में भिगो दें। इससे चावल अच्छे से पकता है।
- पानी का अनुपात: चावल के लिए पानी का अनुपात आमतौर पर 1 कप चावल के लिए 1.5 से 2 कप पानी होता है।
- पकाना: एक पैन में पानी गरम करें, जब पानी में उबाल आ जाए, तो उसमें चावल डालें और उबालें। चावल को हल्की आंच पर पकाएं ताकि वो पूरी तरह से पक जाएं और एक-दूसरे से चिपके नहीं।
- पानी निकालना: चावल पक जाने के बाद चावल के पानीको छान लें। चावल को 5 मिनट के लिए ढक कर रख दें ताकि पूरी तरह से पानी छट जाएं।
- गोविंद भोग चावल की खुशबू ही इसकी खासियत है, स्वाद और खुशबू के कारण लोग इसे खाना पसंद करते हैं।
- गोविंद भोग चावल को साधारण तरीके से या फिर खास भारतीय डिशेज जैसे खिचड़ी, पुलाव आदि में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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Image Credit: Freepik
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