भगवान राम के जीवन से जुड़ा है नेपाल का यह मंदिर, इस दिवाली यात्रा का बनाएं प्लान

दिवाली का पर्व आने में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में आज हम आपको श्रीराम के अलौकिक जीवन के उस अहम प्रसंग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका कथन माता सीता से भी जुड़ा है। 

 

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हर साल दिवाली का पर्व एक जश्न के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन भगवान राम ने माता सीता को रावण के चंगुल से बचाया था। दिवाली का पर्व नजदीक है। इस साल 12 नवंबर 2023 को दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।

ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको नेपाल के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जिसका प्रभु राम से गहरा नाता है।

मंदिर का श्री राम और माता सीता के विवाह से कनेक्शन

dhanusha dham temple

यह तो आप सभी जानते हैं कि जब भगवान राम का रिश्ता माता सीता से जुड़ा था, तब उनके स्वयंवर की कुछ खास हुआ था। यह कार्य और कुछ नहीं धनुष तोड़ना था। इस स्वयंवर में भगवान राम ने महादेव का धनुष तोड़ा और सीता स्वयंवर में अपनी जीत दर्ज की थी। (जानें भारत के प्राचीन मंदिरों के बारे में)

लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब श्री राम ने अपना धनुष तोड़ा तो वह तीन हिस्सों में टूट गया था, तीनों हिससे अलग अलग जगह गिरे, जिनमें से एक हिस्सा नेपाल के इस स्थान पर गिरा।

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धनुषा धामनाम से फेमस है मंदिर

श्री राम द्वारा धनुष तोड़े जाने पर नेपाल में धनुष का टुकड़ा गिरा। इसलिए जहां यह टुकड़ा गिरा उस जगह मंदिर बना दिया गया। इस मंदिर को लोग धनुषा धाम के नाम से जानते हैं।(ये हैं नेपाल के प्रसिद्ध हिंदू मंदिर)

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कहां स्थित है मंदिर?

यह मंदिर जनकपुर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लोग यहां शिव धनुष के टुकड़े की पूजा- करने आते हैं। इस मंदिर में धनुष का बीच का भाग गिरा था। यहां आपको एक धनुष कुंड भी देखने को मिलेगा। दरअसल, लोगों का मानना है कि जहां धनुष का हिस्सा गिरा वहीं पर पीपल का पेड़ उग आया।

धनुष कुंड को लेकर लोगों को अलग श्रद्धा है, माना जाता है कि कुंड के जल के आकार से पता लगाया जाता है कि इस बार फसल कैसी रहेगी। इतना ही नहीं यह भी माना जाता है कि मंदिर में स्थित धनुष का मध्य भाग समय के साथ-साथ बढ़ता जा रहा है।

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Image Credit- Freepik

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