Diwali 2023: मध्यप्रदेश का अनोखा मंदिर, यहां भगवान राम की नहीं होती पूजा, सीता माता को पूजते हैं लोग

देशभर के सभी मंदिरों में माता सीता और भगवान राम का नाम साथ लिया जाता है। हर कोई उन्हें सीया राम कहकर ही संबोधित करता है। 

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आपने शायद ही सुना होगा कि भारत में कोई ऐसा मंदिर भी होगा, जहां श्री राम नहीं पूजे जाते। लेकिन मध्यप्रदेश में एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान राम के बिना माता सीता की पूजा होती है।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि यहां आखिर क्यों महाराज जनक की पुत्री माता सीता को अकेले पूजा जाता है।

कहां स्थित है मंदिर?

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यह मंदिर मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के करीला में स्थित है। यह मंदिर अशोकनगर से 35 किमी दूर निर्जन पहाड़ी पर बसा है। इस मंदिर में माता सीता अपने दोनों पुत्रों के साथ विराजमान हैं। लव और कुश के साथ मंदिर में जानकी माता को पूजा जाता है। मंदिर में भगवान राम की मूर्ति नहीं है।

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लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि केवल मध्यप्रदेश ही नहीं श्रीलंका में भी ऐसा मंदिर है, जहां माता सीता को अकेले पूजा जाता है। दुनिया में केवल दो मंदिर हैं, जहां भगवान राम के बिना लोग माता सीता की पूजा करते हैं।

हैरानी वाली बात यह है कि मंदिर में मूर्ति भी माता सीता की अकेले ही विराजमान है।(राम मंदिर के लिए 400 किलो का ताला)

श्रीलंका में स्थित माता के मंदिर को लोग अम्मा मंदिर के नाम से जानते हैं। यह वही जगह है जहां रावण द्वारा अपहरण होने पर माता ने अपने कैद के दिन बिताए थे।

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क्यों श्री राम के बिना पूजा जाता है माता को?

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मध्‍यप्रदेश का करीला कोई आम जगह नहीं है, क्योंकि इसका इतिहास भगवान राम से जुड़ा हुआ है। यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि जब लोगों की बातों में आकर भगवान राम ने माता सीता का त्याग कर दिया था, तो उनके भाई लक्ष्मण जी माता सीता को करीला में स्थित निर्जन वन में अकेला छोड़कर चले गए थे।

तब माता सीता ने अपने आगे का जीवन, वन में स्थित महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में गुजारा था। यह वही जगह है जहां, लव कुश ने भगवान राम के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को पकड़कर बांध दिया था।

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Image Credit- Insta

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