भगवान शिव का अनोखा मंदिर, जहां पतली-सी गुफा पार कर होते हैं भोलेनाथ के दिव्य दर्शन...जानिए कैसे सकती हैं पहुंच

वैष्णो देवी मंदिर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर शिवखोड़ी है। यहां पतली-सी गुफा को पार करने के बाद स्वंयभू शिवलिंग के दर्शन होते हैं। अगर आप भी भगवान शंकर के इस अद्भुत मंदिर के दर्शन करना चाहती हैं, तो यहां जान लीजिए वहां कैसे पहुंचा जा सकता है। 
Shivkhori cave Jammu

देशभर में भगवान शिव के अनेकों मंदिर हैं और हर किसी के साथ अलौकिक और अद्भुत कथा जुड़ी है। लेकिन, जब भी भगवान शिव के प्राचीन मंदिरों की बात की जाती है तो लोगों की जुबां पर सबसे पहले अमरनाथ, केदारनाथ या महाकालेश्वर मंदिर आता है। मगर आज हम यहां जिस शिव मंदिर के बारे में बात करने जा रहे हैं उसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं जम्मू के रियासी जिले में स्थित शिवखोड़ी के बारे में। शिवखोड़ी यानी शिव की गुफा, यह वैष्णो देवी कटरा से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

शिवखोड़ी की गुफा धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता और रहस्यमयीकहानियों से भी जुड़ी हुई है। यहां भगवान शिव की स्वंयभू शिवलिंग के रूप में पूजा होती है। शिवखोड़ी की सबसे खास बात यह है कि यहां एक लंबी गुफा है, जिसका रास्ता बेहद ही संकरा यानी पतला-सा है। इस गुफा में भक्तों को कभी सिर झुकाकर तो कभी घुटनों पर चलकर आगे बढ़ना होता है। लेकिन, गुफा पार करते ही भोलेनाथ के दिव्य दर्शन होते हैं। आइए, यहां जानते हैं कि शिवखोड़ी के साथ क्या मान्यताएं जुड़ी हुई हैं और यहां कैसे पहुंचा जा सकता है।

क्या हैं शिवखोड़ी गुफा से जुड़ी मान्यताएं?

  • शिवखोड़ी गुफा को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक यह है कि इस गुफा का दूसरा हिस्सा अमरनाथ में खुलता है। शिवखोड़ी के आस-पास रहने वाले लोगों का ऐसा कहना है कि द्वापर युग में साधु-महात्मा इसी गुफा के रास्ते से अमरनाथ जाते थे। लेकिन, कलयुग में ऐसा कोई नहीं हुआ है। बता दें, शिवखोड़ी से अमरनाथ जाने वाला रास्ता अब बंद कर दिया गया है।

Shiv khori gufa

  • शिवखोड़ी की गुफा को लेकर दूसरी मान्यता यह है कि यहां मौजूद शिवलिंग स्वंयभू यानी अमरनाथ गुफा की तरह प्राकृतिक हैं। आसान भाषा में कहें तो इस शिवलिंग को किसी ने बनाया या स्थापित नहीं किया है। यह अपने आप ही बना है। बस अमरनाथ में बर्फ का शिवलिंग बनता है और शिवखोड़ी में चट्टान से बना है।

  • मान्यता है कि इस गुफा में भगवान शिव के साथ उनका पूरा परिवार विराजमान है। गुफा में चट्टान पर प्राकृतिक रूप से आकृतियां बनी हुई हैं, जिन्हें माता पार्वती, भगवान गणेश और नंदी के रूप में पूजा जाता है।

  • एक पौराणिक कथा के मुताबिक, शिवखोड़ी वही जगह है जहां राक्षस भस्मासुर से युद्ध के दौरान भगवान शिव छिपे थे।

बता दें, शिवखोड़ी की गुफा में जाने के लिए आपको दो आस-पास सटी हुई पहाड़ियों के बीच से निकलना होता है। यह पहाड़ियां इतनी पास हैं कि पहली बार देखने में लगता है कि आप इस रास्ते से नहीं निकल पाएंगे। लेकिन, खासियतयह है कि इसमें से हर कोई आसानी से निकल जाता है।

इसे भी पढ़ें:मध्य प्रदेश का अमरनाथ..! सिर्फ 10 दिनों के लिए खुलता है यह दिव्य मंदिर, दर्शन मात्र से मुरादें होती हैं पूरी

कैसे पहुंचा जा सकता है शिवखोड़ी की गुफा?

shivkhori and amarnath link

अगर आप अमरनाथ यात्रा या वैष्णो देवी यात्रा के लिए जा रही हैं, तो आसानी से शिवखोड़ी भी जा सकती हैं। शिवखोड़ी जाने के लिए जम्मू और वैष्णो देवी कटरा से आसानी से बस-टैक्सी मिल जाती है।

  • जम्मू से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर शिवखोड़ी है। आप जम्मू के बस स्टैंड से बस से शिवखोड़ी जा सकती हैं।

  • वहीं, वैष्णो देवी की यात्रा करने के बाद कटरा बस स्टैंड से भी आपको शिवखोड़ी के लिए बस या टैक्सी आसानी से मिल जाएगी।

शिवखोड़ी पहुंचने के बाद आपको गुफा तक जाने के लिए 4 किलोमीटर की चढ़ाई करनी होगी। आप चाहें तो यह चढ़ाई पैदल कर सकती हैं। वहीं, आप पैदल न चलना चाहें तो यहां घोड़ा या पालकी से भी आया-जाया जा सकता है। शिवखोड़ी की गुफा के रास्ते में एक नदी भी बहती है, जिसमें सांप और बिच्छु देखने को मिलते हैं।

इसे भी पढ़ें:केरल के 5 सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर, जहां जाना हर भक्त के लिए होता है एक वरदान

हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंटबॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।

अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।

ImageCredit: Tripadvisor.com

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP