Year Beginner 2025: भारत के इन ऐतिहासिक किलों की खूबसूरती से नजर नहीं हटा पाएंगे आप, विदेशी पर्यटक भी आते हैं देखने नजारा

देश में कुछ ऐसे किले हैं, जहां आप कभी भी चले जाएं, हमेशा आपको विदेशी पर्यटक घूमते हुए नजर आएंगे। इन किलों की खूबसूरती उनकी दीवारों और इतिहास से देखी और समझी जा सकती है। हर साल इन जगहों पर लाखों पर्यटक घूमने आते हैं।
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भारत के किलों की कहानी, उनकी भव्यता और उनमें छुपे रहस्यमय पहलू केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी देखने के लिए मजबूर करते हैं। भारत के कई किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इससे आप समझ सकते हैं कि यह किले कितने खास है। अद्भुत वास्तुकला और मजबूत दीवारें भारत के गौरवशाली इतिहास को दर्शाती है। आपको देश में इतने विशाल किले देखने को मिलेंगे, जो क्षेत्रफल के आधार पर भी काफी बड़ा है। हर किले का अपना अनूठा इतिहास, संघर्ष और विजय की कहानियां हैं। जो लोग इतिहास में इंटरेस्ट रखते हैं, उन्हें यहां की हर चीज देखना अच्छा लगता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको देश के ऐसे किलों और महलों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसे देखने देश ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी आते हैं।

आमेर किला

आमेर किला

राजस्थान में स्थित आमेर किला एक ऐसी जगह है, जिसे देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। यहां आप कभी भी चले जाएं, आपको विदेशी पर्यटक घूमते हुए नजर जरूर आएंगे। इससे आप समझ सकते हैं कि यह किला कितना ज्यादा सुंदर है। इस किले की वास्तुकला और इसका अनोखा डिजाइन, लोगों को आकर्षित करता है। यह किला लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है। आमेर किला को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। किले को 6 अलग-अलग खंडों में बांटा गया है।

इतिहास- किले का नाम अम्बा माता के नाम पर रखा गया है, क्योंकि यहां रहने वाला राजा उन्हें बहुत मानते थे। इस किले के हर कमरे अनोखे तरीके से बनाए गए हैं। कहा जाता है कि राजा मान सिंह की 12 रानियों के लिए यहां अलग 12 कमरे बनाए गए थे। इसमें हर रानी के कमरे को राजा के कमरे से जोड़ा गया था। किले को लेकर कहा जाता है कि इसे बनने में लगभग 100 साल का समय लगा था।

लाल किला

लाल किला

अगर देश के सबसे खास किलों की बात हो रही है, तो इसमें दिल्ली के लाल किले का नाम जरूर आता है। विश्व धरोहर स्थल की लिस्ट में शामिल इस किले को देखने के लिए भी हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। यह किला अपनी लाल विशाल दीवारों के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि इस किले को देखकर ही देश में कई अन्य किलों का निर्माण किया गया था। इस किले तक ट्रेन, मेट्रो और बस से पहुंचना आसान है। इसलिए यहां आने में आपको परेशानी नहीं होगी। यहां भी आप कभी भी चले जाएं, आपको विदेशी पर्यटक घूमते हुए जरूर नजर आएंगे।

इतिहास- लाल किले का नाम इसकी लाल पत्थर की दीवारों पर ही रखा गया है। लाल किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में मुगल शासक शाहजहां ने करवाया था। किले के अंदर ही कई भवन बनाए गए थे। इसे इतने विशाल आकार में बनाया गया है, जिसमें हर तरह की सुविधाएं हुआ करती थी। माना जाता है कि पहले मुगल लोग इसे लाल किला नहीं लाल हवेली कहते थे।

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लोहागढ़ किला, महाराष्ट्र

लोहागढ़ किला, महाराष्ट्र

देश के सबसे अनोखे और खास किले में महाराष्ट्र का यह किला भी शामिल है। इस किले को लेकर कहा जाता है कि इस किले पर कई आक्रमण हुए हैं, लेकिन इसे कोई भी नहीं जीत पाया। यह किला न केवल इतिहास प्रेमियों के लिए बेस्ट है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों को भी पसंद आता है। हर साल यहां लाखों पर्यटक घूमने आते हैं। इसलिए भी यह देश में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले किलों में से एक माना जाता है। यह किला 3400 फीट की ऊंचाई पर और अद्भुत वातावरण में स्थित है। इतनी ऊंचाई पर बने इसे किले की खूबसूरती देखने के बाद आप भी यह सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि आखिर ऐसी जगह पर इसका निर्माण कैसे करवाया गया था। यह देश के सबसे सुंदर किलों में से एक है।

इतिहास
इस किले का इतिहास छत्रपति शिवाजी महाराज से जोड़ा जाता है। माना जाता है कि 18वीं शताब्दी में इसे बनाया गया था और छत्रपति शिवाजी महाराज इस किले में अपना विशाल खजाना रखते थे। इस किले 4 मुख्य प्रवेश द्वार बनाए गए हैं और सभी द्वार का अलग-अलग नाम रखा गया है। यह गणेश दरवाजा, नारायण दरवाजा, हनुमान दरवाजा और महा दरवाजा के नाम से जाने जाते हैं।

गोलकुंडा किला, हैदराबाद

गोलकुंडा किला, हैदराबाद

यह किला भी अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए जाता है। यहां आप कभी भी चले जाएं, हमेशा आपको पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलेगी। हैदराबाद आने वाले लोग इस किले का नजारा देखे बिना वापस नहीं जाते हैं। गोलकुंडा किला अपने आकर्षण से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह लगभग 400 फीट ऊंची ग्रेनाइट की पहाड़ी पर बना है। इससे आप समझ सकते हैं कि इसे बनाना कितना मुश्किल होगा।

इतिहास
माना जाता है कि तेलंगाना राज्य के हैदराबाद में कुतुब शाही राजवंश द्वारा इसे तैयार करवाया गया था। कुतुब शाही सुल्तानों ने लगभग 1512 से 1687 तक शासन किया। यहां के कुतुब शाही शासकों ने किले के प्रत्येक द्वार को एक नाम दिया है। वे हैं फ़तेह, बहमनी, मक्का, पतनचेरू, बंजारू, जमाली, नायकिला और मोती।

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मेहरानगढ़ किला

मेहरानगढ़ किला

इसके अलावा आपजोधपुर के मेहरानगढ़ किला भी का नजारा देखने भी जा सकते हैं। यह किला देश के सबसे बड़े किलों में से एक माना जाता है, जो 410 फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह राजस्थान के सबसे सुंदर किलों में से एक है।

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image credit- freepik, wikipedia

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