Pachmatha Laxmi Temple Myth And Facts: देश के पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण भारत में ऐसे लाखों लक्ष्मी मंदिर मिल जाएंगे जिनकी महिमा अपरंपार हैं।
वैसे तो भारतीय समाज में हर दिन मां लक्ष्मी की पूजा पाठ होती है, लेकिन धनतेरस के दिन पूजा-पाठ करने का एक अलग ही महत्व होता है। कहा जाता है कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन की बारिश होती है। इसलिए इस खास मौके पर मां लक्ष्मी के चमत्कारी मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ उमड़ जाती हैं।
मध्य प्रदेश में मौजूद पचमठा एक ऐसा मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां माता दिन भर में तीन रंगों के नजर आती है और दर्शन मात्र से धन की बारिश होती है। इस आर्टिकल में हम आपको पचमठा की चमत्कारी कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
पचमठा मंदिर की खासियत और चमत्कारी कहानी बताने से पहले आपको यह बता दें कि यह मंदिर मध्य प्रदेश के जबलपुर में मौजूद है। जी हां, पचमठा मंदिर, जबलपुर मुख्य शहर से कुछ ही दूरी पर मौजूद है। स्थानीय लोगों के लिए यह मंदिर बेहद ही खास है। आपको बता दें कि जबलपुर कई अद्भुत जगहों के लिए पूरे भारत में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है।
इसे भी पढ़ें: चार धाम के कपाट बंद होने से पहले कर आएं दर्शन, एक बार देख लें इस टूर पैकेज का बजट
मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित पचमठा मंदिर का इतिहास काफी पुराना बताया जाता है। जी हां, इस पवित्र मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका इतिहास करीब 1100 वर्षों से भी अधिक पुराना है।
पचमठा मंदिर के इतिहास को लेकर एक अन्य बात यह भी बोली जाती है कि इस पवित्र मंदिर को नष्ट करने के लिए औरंगजेब की सेना ने भी आक्रमण किया था, लेकिन वो विफल रहें। आपको बता दें कि इस मंदिर का संरक्षण पुरातत्व विभाग करता है।
यह विडियो भी देखें
पचमठा मंदिर की एक नहीं, बल्कि कई चमत्कारी कहानियां प्रचलित हैं। इस मंदिर की सबसे प्रचलित कहानी है कि मंदिर में स्थापित माता लक्ष्मी की मूर्ति एक दिन में करीब तीन बार रंग बदलती है।
पचमठा मंदिर में एक अन्य कहानी यह प्रचलित है कि यह मंदिर किसी जमाने में पूरे देश के तांत्रिकों के लिए साधना का विशेष केंद्र हुआ करता था। माना जाता है कि मंदिर के चारों तरफ श्रीयंत्र की विशेष रचना मौजूद है।
आपको यह भी बता दें कि इस पवित्र मंदिर में मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान कृष्ण की मूर्ति भी स्थापित है।
धनतेरस से लेकर दिवाली के खास मौके पर पचमठा मंदिर में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। इस खास मौके पर सुबह चार बजे से भी भक्तों की भीड़ लग जाती हैं। इस खास मौके पर पंचगव्यों से महाभिषेक किया जाता है।
पचमठा मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां भगवान कुबेर की पूजा करने के लिए भारी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। धनतेरस और दिवाली के मौके पर मंदिर का कपाट पूरे दिन खुला रहता है। यहां शुक्रवार को मां लक्ष्मी का विशेष पूजन भी किया जाता है।
इसे भी पढ़ें: Diwali Long Weekend: दिवाली पर 1 दिन की छुट्टी लेकर 4 दिन तक घूमने का लुत्फ उठा सकते हैं, जानें कैसे
पचमठा मंदिर पहुंचना बहुत ही आसान है। इसके लिए आप मध्य प्रदेश के किसी भी शहर से आराम से पहुंच सकते हैं। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से जबलपुर की दूरी करीब 313 किमी और विदिशा से करीब 263 किमी है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image@divyahimachal,googleusercontent
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।