कोसी नदी के उद्गम स्थल और इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में जानें

आइए जानते हैं देश और बिहार की प्रमुख नदियों में से एक कोसी से जुड़ी कुछ खास बातें और इसके उद्गम के बारे में।  

know about kosi river origin and history
know about kosi river origin and history

भारत की नदियों की कहानी सिर्फ देश में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भी प्रसिद्ध हैं। जिस तरह हम और आप गंगा, यमुना, नर्मदा या फिर गोदावरी आदि नदियों के बारे में जानते हैं ठीक वैसे ही बिहार की एक प्रमुख नदी है जो हर साल चर्चा में रहती होती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कोसी नदी के बारे में। यह बिहार की सबसे बड़ी नदी में से एक है जिसे बिहार की शोक नदी भी कहा जाता है। इस लेख में हम आपको कोसी नदी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं और उद्गम स्थल के बारे में भी। आइए जानते हैं।

कोसी नदी का उद्गम स्थल

कोसी नदी भारत के साथ-साथ बिहार की प्रमुख नदियों में से एक है और यह गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में से भी एक है। कोसी/कोशी नदी नेपाल में हिमालय से निकलती है और बिहार में भीम नगर से रास्ते से भारत में दाखिल होती है। इस नदी के भौगोलिक रूप के बारे में कहा जाता है कि यह नदी पिछले 200 वर्षों में लगभग 120 किमी से भी अधिक धरातल पर विस्तार कर चुकी है।

कोसी नदी गंगा में कहां पर मिलती है?

know about kosi river

अब तक तो आप जान ही गए होंगे कि कोसी नदी गंगा की सहायक नदी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेपाल से होते हुए यह नदी बिहार के राजमहल के पास गंगा में मिल जाती है। इसके अलावा बिहार के कटिहार में भी यह नदी गंगा में मिलती है। इस नदी की लम्बाई लगभग 720 किमी है और बिहार में सुपौल, पूर्णिया, कटिहार आदि जिले में बहती है।

इसे भी पढ़ें:अमरनाथ यात्रा पर जाने से पहले आप भी कर लें इन चीजों की तैयारी, नहीं होगी कोई परेशानी

कोसी नदी को बिहार का शोक क्यों कहते हैं?

kosi river why called shok river in bihar

शायद आपको मालूम हो अगर नहीं मालूम है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोसी नदी को बिहार का शोक नदी भी कहा जाता है। कहा जाता है कि मानसून के समय में इस नदी की धरा इतनी तेज होती है कि बिहार के लाखों घर उजड़ जाते हैं और लाखों लोग बेघर हो जाते हैं। जब मानसून में विभिन्न नदियाँ कोसी में सम्मिलित होती है तो इसका प्रभाव और भी खतरनाक हो जाता है।(सतलुज नदी)

पौराणिक ग्रन्थ से जुड़ा है इसका नाम

kosi river myth

जी हां, इस नदी का नाम पौराणिक ग्रन्थ में ही है। कहा जाता है कि हिन्दू ग्रंथ में इसे कौशिकी नाम से जाना जाता है। एक अन्य कथा है कि विश्वामित्र ने इस नदी के किनारे ऋषि का दर्जा पाया था। वो एक ऋषि के शिष्य थे और उन्हें वेद में कौशिकी भी कहा गया है। एक अन्य मिथक है कि सात धाराओं से मिलकर सत्प कोसी नदी बनती है जिसे बिहार आदि शहरों के लोग कोसी के नाम से जानते हैं।(चंबल नदी)

इसे भी पढ़ें:एक ऐसा अनोखा गांव जहां हर किसी को बुलाने के लिए बनी है अलग धुन

कोसी नदी पर कौन सा बांध बना है?

कोसी नदी पर लगभग 1958-62 के बीच एक बांध (बैराज) बनाया गया था। यह प्रमुख बांध भारत-नेपाल बॉर्डर पर स्थित है। कहा जाता है कि पानी के तेज बहाव के नियंत्रण के लिए इसका निर्माण किया गया था।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Recommended Video

Image Credit:(@sutterstocks,jagran)

HerZindagi Video

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP