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राजस्थान में बनी भगवान शिव की 369 फीट ऊंची प्रतिमा, जानें क्या है इसकी खासियत

हाल ही में बनी शिव भगवान की सबसे बड़ी मूर्ति के दर्शन करने के लिए आपको 6 नंवबर तक रूकना पड़ेगा।
Editorial
Updated:- 2022-11-01, 14:18 IST

सत्य ही शिव है शिव ही सुंदर, यह गाने के बोल आपने भी जरूर सुने होंगे? भगवान शिव देवों के देव हैं, इसलिए उन्हें महादेव के नाम से पुकारा जाता है। शिव की महिमा अपंरपार है। दुनिया भर में शिव भगवान की कई मूर्तियां मौजूद हैं। हाल ही में राजसमंद केनाथद्वारा की गणेश टेकरी पहाड़ी पर शिव की प्रतिमा स्थापित की गई है। मूर्ति के उद्घाटन के बाद से ही यानि 29 अक्टूबर से 6 नंवबर तकधार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। चलिए विस्तार से जानते हैं इस मूर्ति की खासियत से लेकर बनने तक की कहानी।

दुनिया की पांचवी बड़ी भगवान शिव की मूर्ति

भारत में शिव भगवान के कई प्राचीन मंदिर हैं। साथ ही कई मूर्तियां भी हैं। हाल ही में राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में शिव भगवान की प्रतिमा बनाई गई है। इसका काम करीब 10 साल से चल रहा था। संत मोरारी बापू ने इस मूर्ति को बनाने की नींव रखी थी। यह मूर्ति कई मान्यों में बेहद खास है क्योंकि यह दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी मूर्ति है। इस मूर्ति की ऊंचाई 369 फीट है, जिसका नाम विश्वास स्वरूपम रखा गया है।

ये हैं शिव जी की अन्य बड़ी मूर्तियां

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  • नेपाल में भी शिव की 143 मीटर ऊंची प्रतिमा मौजूद है। यह कैलाशनाथ महादेव के नाम से जानी जाती है।
  • भगवान शिव की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा 123 मीटरहै। यह कर्नाटक में स्थित है, जिसे मरूद्वेश्वर कहा जाता है।
  • आदियोग के नाम से प्रसिद्ध मूर्ति के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं। यह मूर्तितमिलनाडु केकोयम्बटूर शहर में बनाई गई है। यह करीब112 मीटर ऊंची है।
  • मॉरीशस में मंगल महादेव की 108 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित है।

किसने बनाई है यह मूर्ति?

भगवान शिव की यह मूर्ति नरेश कुमार ने बनाई है। वह राजस्थान के पिलानी गांव के वासी हैं। उन्होंने यह मूर्ति मानेसर में बनाई है।

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शिव जी का किया जाएगा जलाभिषेक

शिव जी का जलाभिषेक भी किया जाएगा। इसके लिए सिर के पास दो टैंक लगाए लगे हैं, जिसमें एक टैंक के द्वारा शिव जी की जटाओं से गंगाजल बहेगा। वहीं दूसरा टैंक आपातकालीन स्थिती के लिए बनाया गया है।

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क्या खास है मूर्ति में?

  • इस मूर्ति में भगवान शिव ध्यान मुद्रा में बैठे हैं।
  • मूर्ति की ऊंचाई के कारण यह आपको काफी दूर से ही नजर आ जाएगी।
  • प्रतिमा को देखने के लिए 280 फीट तक लिफ्ट जाएगी, जहां से आप अरावली पहाड़ी का खूबसूरत नजारा देख पाएंगे।
  • इसके अलावा आप लिफ्ट के जरिए भगवान शिव के त्रिशूल भी देख पाएंगे।
  • यहां लोग आराम से बैठ सकें इसके लिए हॉल भी बनाया गया है।
  • मूर्तिकार ने बताया है कि इस मूर्ति को ढाई हजार साल तक कुछ नहीं होगा।
  • मूर्ति को लेजर लाइट्स से भी सजाया गया है, जिससे रात के समय में इस मूर्ति की का रिफलेक्शन नजर आएगा।
  • यह कहा जाता है कि नंदी के बगैर शिव अधूरे हैं। ऐसे में शिव जी के ठीक सामने नंदी जी की भी मूर्ति बनवाई गई है, जो 25 फीट ऊंची और 37 फीट चौड़ी है।

राजसमंद शहर की खासियत?

all about rajsmand lakeराजसमंद शहर का नाम झील के नाम पर पड़ा है। राणा राज सिंह मेवाड़ ने 17वीं शताब्दी में राजसमंद झील का निर्माण किया था। ऐसे में आप अगर इस प्रतिमा को देखने जाएं तो इस झील की खूबसूरती का भी आनंद उठा सकते हैं। यह झील नाथद्वारा से करीब 25-30 मिनट दूर है।

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