rajasthan karwa chauth ritual

राजस्थान में करवा चौथ के दिन मिट्टी के करवे में क्यों भरे जाते हैं चावल और गेहूं?

राजस्थान में करवा चौथ के दिन शाम की पूजा के दौरान मिट्टी के करवे में गेहूं और चावल भरा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे का महत्व? अगर नहीं तो आइये बताते हैं आपको इस लेख में।  
Editorial
Updated:- 2025-10-07, 16:15 IST

करवा चौथ का त्योहार पूरे उत्तर भारत में मनाया जाता है जो सुहागिनों के लिए बहुत खास होता है। इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखा जाता है और शाम को करवा माता की पूजा होती है। करवा चौथ के दिन अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रकार की परम्पराएं निभाई जाती हैं, जैसे कि राजस्थान में करवा चौथ के दिन शाम को पूजा के दौरान मिट्टी के करवे में चावल और गेहूं भरा जाता है। आइये जानते हैं क्या है इसके पीछे का महत्व।

करवा चौथ के दिन मिट्टी के कर्वे में चावल और गेहूं भरने का महत्व

करवा चौथ पर मिट्टी के करवे में चावल और गेहूं भरना समृद्धि और मां अन्नपूर्णा का प्रतीक माना जाता है। करवा चौथ की पूजा के बाद इन भरे हुए करवों को सास को या घर की किसी सुहागिन महिला को बायने के रूप में दिया जाता है।

rajasthan mein karwa chauth ke rituals

अन्न यानी गेहूं और चावल का दान भारतीय संस्कृति में सबसे बड़ा दान माना जाता है। यह दान इस कामना के साथ किया जाता है कि देने वाले और लेने वाले दोनों के घर में अन्न और धन की कभी कमी न हो और उनका भंडार हमेशा भरा रहे।

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गेहूं को प्रमुख अनाज और पोषण का स्रोत माना जाता है जबकि चावल को पूर्णता, पवित्रता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इन दोनों अनाजों को करवे में भरकर, महिलाएं करवा माता से यह प्रार्थना करती हैं।

प्रार्थना करते हुए सुहागिन महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की खुशहाली की कामना करती हैं और दांपत्य जीवन में अन्न, धन और संतान सुख हमेशा बना रहे इसकी प्रार्थना करती हैं।

मिट्टी का करवा स्वयं पंच तत्वों यानी जल, मिट्टी, अग्नि, आकाश, वायु का प्रतीक होता है जो मानव शरीर का भी आधार हैं। इसमें अनाज भरने से जीवन और शरीर दोनों को पोषण और शक्ति मिलती है।

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चावल और खील दोनों ही ज्योतिष में चंद्रमा से संबंधित माने जाते हैं। चंद्रमा मन, सुख-शांति और वैवाहिक जीवन की मधुरता का कारक है। करवे में इन चीजों को भरकर पूजा करने और दान देने से चंद्रमा मजबूत होता है।

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इससे पति-पत्नी के बीच प्रेम और भावनात्मक संबंध मजबूत होते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। ज्योतिष में अनाज को साक्षात धन और समृद्धि का रूप माना जाता है। करवा चौथ में अनाज का प्रयोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है।

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image credit: herzindagi 

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FAQ
करवा चौथ के दिन किसकी पूजा होती है? 
करवा चौथ के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और करवा माता की पूजा होती है। 
क्या करवा चौथ के दिन किया जाता है दान? 
हां, करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार के सामान का दान किया जाता है।
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