पूर्व भारत से लेकर पश्चिम भारत और उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत का जब भी इतिहास पढ़ा जाता है, तो इतिहास के पन्नों में दुर्ग यानी फोर्ट का जिक्र जरूरत होता है।
भारत के चारों दिशाओं में ऐसे कई प्राचीन और भव्य फोर्ट्स मौजूद हैं, जिन्हें एक्सप्लोर करना के लिए हर दिन हजारों देशी और विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं। भारत में स्थित कुछ फोर्ट किसी चमत्कार से कम नहीं है।
दक्षिण भारत में भी एक से एक प्राचीन और भव्य फोर्ट्स मौजूद हैं, जिनके बारे में कई कथाएं आज भी प्रचलित हैं। तमिलनाडु में स्थित जिंजी फोर्ट की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। इस आर्टिकल में हम आपको जिंजी फोर्ट के बारे में बताने जा रहे हैं।
जिंजी फोर्ट का इतिहास (Gingee fort history)
जिंजी फोर्ट का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था। कहा जाता है कि जिंजी फोर्ट का निर्माण चोल राजवंश के द्वारा करवाया गया था। लोगों का मानना है कि इस फोर्ट पर दक्षिण भारत के कई शासकों और राजवंशों ने राज किया है।
कहा जाता है कि विजयनगर साम्राज्य ने चोल राजवंशों को 13वीं शताब्दी के आसपास पराजित करके कई वर्षों तक इस फोर्ट को अपने अधिक रखा था। 15वीं और 16वीं शताब्दी के दौरान विजयनगर साम्राज्य द्वारा इस अद्भुत फोर्ट का पुनः निर्माण भी करवाया गया था।
मराठा और मुगलों ने भी किया है राज (Gingee fort history and facts)
तत्कालीन समय में जिंजी फोर्ट फोर्ट पर सिर्फ चोल राजवंश या विजयनगर साम्राज्य ने ही राज नहीं किया था। कहा जाता है कि विजयनगर साम्राज्य को पराजित करने के बाद मराठों ने भी राज किया था। कई लोगों का यह भी मानना है कि मराठों को पराजित करने के बाद मुगल और मुगलों को पराजित करने के बाद फ्रांसीसियों ने भी कई वर्षों तक राज किया था।
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अभेद्य फोर्ट था जिंजी फोर्ट (Gingee fort facts)
जिंजी फोर्ट को लेकर एक दिलचस्प कहानी यह थी कि इसे तत्कालीन समय में एक अभेद्य फोर्ट माना जाता था। कहा जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा इसकी बनावट को देखते हुए अभेद किला कहा था।(भारत में स्थित रहस्यमयी फोर्ट्स)
जिंजी फोर्ट को लेकर एक अन्य कहानी यह कि मुगल साम्राज्य द्वारा इसे पूर्व का टॉय भी बोला जाता था। यह फोर्ट लगातार कई वर्षों तक अनेकों राजवंशों के युद्ध को सहन करते हुए खड़ा रहा और इतिहास का गवाह बनता रहा।
जिंजी फोर्ट की वास्तुकला (Architecture of Gingee fort)
तत्कालीन समय में जिंजी फोर्ट की वास्तुकला बेहद महत्पूर्ण मानी जाती थी। यह अद्भुत फोर्ट का मुख्य परिसर तीन पहाड़ियों पर स्थित है, जिसे कई लोग कृष्णागिरी, राजगिरी और चंद्रयानगिरी पहाड़ के नाम से जानते हैं।
कहा जाता है कि इस फोर्ट का निर्माण कुछ इस तरह किया गया था कि दुश्मन भी इस फोर्ट पर हमला करने से पहले कई बार सोचता था। इस फोर्ट का मुख्य आकर्षण पिरामिड जैसा बना एक बहुमंजिला इमारत है। इस फोर्ट परिसर में मंदिर, बैठने के लिए हॉल, खाद्य भंडार, मस्जिद और घंटाघर जैसी इमारतें मौजूद हैं।
जिंजी फोर्ट पर्यटकों के लिए क्यों खास है? (Why Gingee fort famous for travel)
जिंजी फोर्ट पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय स्थान माना जाता है। पहाड़ी की चोटी पर मौजूद होने के चलते यहां से आसपास का अद्भुत नजारा दिखाई देता है।(भारत के सबसे बड़े किले के बारे में जानिए)
पहाड़ी की चोटी पर मौजूद होने के चलते जिंजी फोर्ट को एक्सप्लोर करने के लिए ट्रेकिंग करनी पड़ती है। ट्रेकिंग के दौरान आसपास में मौजूद खूबसूरत हरियाली का नजारा भी देख सकते हैं।
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जिंजी फोर्ट घूमने का समय (Best time to visit in Gingee fort)
जिंजी फोर्ट घूमने का बेस्ट समय सर्दी और मानसून का समय बेस्ट माना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिंजी फोर्ट को आप सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे के बीच में एक्सप्लोर कर सकते हैं। आपको यह भी बता दें कि फोर्ट को फ्री में एक्सप्लोर कर सकते हैं।
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