कैलाश मानसरोवर यात्रा का रूट से लेकर कितने किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है और खर्च, यहां जान लीजिए

Kailash Mansarovar Yatra:कैलाश मानसरोवर की यात्रा देश की एक पवित्र यात्रा है। अगर आप भी कैलाश मानसरोवर यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं, तो रूट से लेकर कितने किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है और खर्च के बारे में आइए जन लेते हैं।
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Kailash Mansarovar Yatra Route:सनातन काल से पूरे हिन्दुस्तान में कैलाश मानसरोवर की यात्रा एक पवित्र और प्रसिद्ध यात्रा मानी जाती रही है। जब भी यह यात्रा शुरू होती है, इस यात्रा में हजारों भक्त शामिल होते हैं।

इस साल कैलाश मानसरोवर की यात्रा 30 जून से शुरू है। इससे पहले यह यात्रा कोविड महामारी और भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न तनाव के कारण बंद कर दी गई थी, लेकिन अब भारत सरकार के इस यात्रा की मंजूरी दे दी है।

इस साल कैलाश मानसरोवर की यात्रा 30 जून से लेकर 25 अगस्त के बीच होगी। ऐसे में श्रद्धालु खुद का रजिस्ट्रेशन करवाने से पहले इस यात्रा का रूट जरूर चेक करते हैं। इसलिए इस आर्टिकल में हम आपको कैलाश मानसरोवर यात्रा रूट बताने जा रहे हैं।

कैलाश मानसरोवर यात्रा रूट (Kailash Mansarovar Yatra Route)

Kailash Mansarovar Yatra Route

अगर आप कैलाश मानसरोवर यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार द्वारा दो रूट्स तय किए गए हैं, जिनके द्वारा भक्त इस पवित्र और प्रसिद्ध यात्रा को पूरा कर सकते हैं।
पहला-उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर की यात्रा और दूसरा-सिक्किम के नाथुला दर्रे से कैलाश मानसरोवर की यात्रा। इन दो रूट्स के माध्यम से इस यात्रा को पूरा किया जा सकता है।

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लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा (Lipulekh To Kailash Mansarovar Yatra Route)

Lipulekh To Kailash Mansarovar Yatra Route

अगर आप उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं, तो सबसे पहले इस यात्रा की शुरुआत दिल्ली से करनी पड़ेगी। दिल्ली में मेडिकल जांच के बाद अल्मोड़ा होते हुए धारचूला, बूढ़ी, गुंजी और लिपुलेख दर्रा जैसे पड़ाव को पर करते हुए आपको दारचेन पहुंचना होगा। दारचेन के बाद आप कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील का दर्शन कर पाएंगे।उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर की दूरी करीब 65 किलोमीटर है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर की यात्रा में करीब 24 से 25 दिन लगते हैं। इस यात्रा में शामिल होने के लिए जब दिल्ली में सेहत की जांच की जाती है, तो करीब 4-5 दिन लगते हैं। इसके बाद यात्रा के लगभग हर पड़ाव में 1-2 दिन स्टे भी करना होता है। खबरों के मुताबिक इस मार्ग पर करीब 1080 तीर्थयात्रियों को जाने की अनुमति मिलती है।

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नाथुला दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा (NathuLa Pass To Kailash Mansarovar Yatra Route)

NathuLa Pass To Kailash Mansarovar Yatra Route

लिपुलेख दर्रे के अलावा सिक्किम के नाथुला दर्रे से भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा की जा सकती है। इस रूट से यात्रा पूरा करने के करीब 22 से 23 दिनों का समय लगता है। इस रूट से यात्रा की शुरुआत दिल्ली से ही होती है।सिक्किम के नाथूला होकर कैलाश मानसरोवर की दूरी करीब 802 किलेामीटर है।

दिल्ली में 4-5 दिनों तक मेडिकल जांच के बाद सिक्किम के गंगटोक जाना पड़ता है। गंगटोक से शेरथांग, लाजी और कंगमा होते हुए दारचेन पहुंचना होता है। दारचेन में 1 रात स्टे करने के बाद अगले दिन कैलाश पर्वत और उसके बाद मानसरोवर झील का दर्शन कर सकते हैं। दर्शन करने के बाद इसी रूट से फिर दिल्ली आना होता है। खबरों के मुताबिक इस रूट से करीब 750 तीर्थयात्रियों को जाने की ही अनुमति है।

खबरों के मुताबिक उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रा से जाने लिए करीब 1.80 लाख और सिक्किम नाथू-ला दर्रा मार्ग से जाने में करीब 2.50 लाख तक खर्च आ सकता है।

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