
दिवाली का पर्व नजदीक है। देशभर में इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली के इस खास पर्व पर कुछ लोगों को ट्रैवल करना पसंद होता है। वह जगह-जगह जाकर भगवान राम के दर्शन करते हैं। आज तक आपने कई मंदिरों के बारे में सुना होगा, जिनका कनेक्शन श्री राम से जुड़ा होता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे।
आन्ध्र प्रदेश राज्य के श्री सत्य साई ज़िले में स्थित लेपाक्षी मंदिर को देखकर ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इसका नाता प्रभु श्री राम से है। आज तक आपने इस मंदिर को 'हैंगिंग पिलर टेंपल' के नाम से जाना होगा। लेकिन इस मंदिर का एक रहस्य श्री राम से भी जुड़ा है।

मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का जिक्र रामायण में भी किया गया है। कहा जाता है कि यह वही जगह है, जहां जटायु घायल होकर गिरे थे। जब रावण के द्वारा माता सीता का अपहरण किया गया तो, जटायु उन्हें बचाने के लिए उनके पीछे गए थे, तब रावण ने जटायु का पंख काटकर उन्हें घायल कर दिया था।
जिसके जटायु इसी जगह आकर गिरे थे। इस मंदिर में आपको एक बड़े से चील की मूर्ति भी दिखेगी, इसे देखने के लिए लोगो दूर-दूर से आते हैं। (बिष्णुपुर के इन मंदिरों के अवश्य करें दर्शन)
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इसके सिवा यहां मंदिर में आपको एक अनोखा शिवलिंग देखने को मिलेगा। मुख्य मंदिर के पिछले हिस्से में इस शिवलिंग की स्थापना की गई है। शिवलिंग की खास बात यह है कि यह एक विशालकाय सांप के नीचे बनाया गया है।
इस मंदिर को 'हैंगिंग पिलर टेंपल' के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो इस मंदिर में कुल 70 खंभे हैं, लेकिन इनमें से एक खंभे का जमीन से जुड़ाव नहीं है। वो रहस्यमयी तरीके से हवा में लटका रहता है। (वैष्णो देवी मंदिर के आसपास स्थित अद्भुत जगहें)
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यह मंदिर श्री सत्य साई ज़िले के लेपाक्षी गांव में स्थित है, यह आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले का एक छोटा सा गांव है। अगर आप यहां प्लेन के जरिए आने का प्लान बना रहे हैं, तो हवाई अड्डा बेंगलुरु सबसे करीब माना जाता है, जो लगभग 120 किमी की दूरी पर है। लेपाक्षी मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन हिंदूपुर है, जिसकी दूरी मंदिर से लगभग 14 किमी है। आंध्र प्रदेश के कई शहरों से आप लेपाक्षी मंदिर तक बड़े आसानी से पहुंच सकते हैं।
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