
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि मंदिर से आने के तुरंत बाद कभी भी हाथ पैर नहीं धोने चाहिए, क्योंकि वहां की सकारात्मक ऊर्जा, प्रसाद और पूजा का कंपन व्यक्ति के शरीर पर प्रभाव डालता है, ऐसे में यदि हम मंदिर से तुरंत वापस आने के बाद हाथ-पैर धोते हैं तो मंदिर की यह पावन ऊर्जा तुरंत हट जाती है। मंदिर में होने वाली घंटी, मंत्र और धूप, अगरबत्ती की सुगंध, मन और मनोवृत्ति को शांत करती है। जिसे मंदिर से वापस आने के बाद कुछ समय तक बनाए रखना शुभ माना जाता है। हालांकि यह किसी भी व्यक्ति की आस्था और परंपरा पर ही आधारित है। यदि आप ऐसा करती हैं तो इसकी सकारात्मक ऊर्जा आपके जीवन में बनी रहती है और इसके जीवन में लाभ दिखाई देते हैं। ऐसा माना जाता है कि मंदिर, गुरुद्वारे या किसी भी पवित्र स्थान से लौटने के बाद तुरंत हाथ-पैर धोना या स्नान करना शास्त्रों के अनुसार उचित नहीं है। वेदों में ऐसा कहा जाता है कि ऐसे स्थानों पर मिलने वाली शुभ ऊर्जा, आशीर्वाद और दिव्य स्पंदनाएं व्यक्ति के साथ कुछ समय तक रहें तो यह अच्छा है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि मंदिर से वापस आने के तुरंत बाद आपको हाथ या पैर क्यों नहीं धोने चाहिए।
अगर आप मंदिर से वापस लौटते ही हाथ-पैर धो लेती हैं या स्नान कर लेती हैं, तो ऐसा माना जाता है कि इससे मंदिर की शुभ ऊर्जा कम हो सकती है। शास्त्रों की मानें तो मंदिर से आने के बाद थोड़ी देर शांत बैठकर भगवान का स्मरण करने से दिनभर के लिए शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। यही कारण है कि ज्योतिष एक्सपर्ट भी मंदिर से आने के बाद कुछ समय तक पानी नहीं छूने की सलाह देते हैं।
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पुराणों और धर्मग्रंथों में कई स्थानों पर इस बात का उल्लेख मिलता है कि मंदिर से लौटने के बाद थोड़ी देर तक उसी पवित्र भावना में बने रहना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर में पूजा के दौरान भगवान की कृपा दृष्टि प्राप्त होती है, जो हमारे कर्मक्षेत्र को प्रभावित करती है। अगर कोई व्यक्ति मंदिर से लौटते ही स्नान कर लेता है या हाथ-पैर धो लेता है, तो यह माध्यमिक रूप से भगवान की कृपा को कम करने का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण घर के बड़े बुजुर्ग अक्सर यही कहते हैं कि आपको मंदिर से तुरंत वापस लौटकर पानी से हाथ या पैर नहीं धोने चाहिए और न ही स्नान करना चाहिए।
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जिस प्रकार मंदिर से वापस आकर हाथ धोने से मना किया जाता है, ठीक उसी तरह से मंदिर में प्रवेश से पहले हाथ-पैर धोने की सलाह दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति मंदिर में बिना हाथ-पैर धोए हुए प्रवेश करता है तो उसे पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि हाथ-पैर धोने से शरीर की कोई भी अशुद्धि दूर हो सकती है और पूजा का सकारात्मक फल मिल सकता है।
यदि आप भी मंदिर दर्शन के लिए जाती हैं, तो आपको वहां से लौटकर कभी भी हाथ-पैर नहीं धोने चाहिए। ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है और आप पुण्य फलों को भी कम कर सकती हैं।
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