क्या आप जानते हैं कैसे बनती है मिश्री? जानें इससे जुड़े मिथक

आपने मिश्री का सेवन किया होगा, पर क्या आपको पता है कि मिश्री को कितनी मेहनत से तैयार किया जाता है? यह कैसे हमारे घर से दुकान तक आती है। 

 
Mishri making tips

मिश्री का सेवन आमतौर पर भारतीय घरों में किया जाता है। भारतीय घरों में पूजा के प्रसाद में मिश्री का अहम रोल है। शादी-ब्याह के मौके पर मिश्री के साथ सौंफ खाने का रिवाज काफी पुराना है, लेकिन अब तो होटल में खाना खाने के बाद बिल से साथ मिश्री परोसी जाने लगी है। बच्चे तो मिश्री बढ़े ही शौक से खाते हैं।

इसका स्वाद चीनी से बिल्कुल अलग होता है, पर क्या आपको पता है कि मिश्री, चीनी से बिल्कुल अलग होती है। हालांकि, इसका स्वाद मीठा होता है, लेकिन इसे बनाने का तरीका बहुत ही अलग होता है। वैसे तो चीनी और मिश्री के दाने गन्ने के रस से तैयार किए जाते हैं, लेकिन चीनी को रिफाइंड किया जाता है जबकि मिश्री को अनरिफाइंज किया जाता है।

पर क्या आपको पता है कि मिश्री को फैक्ट्री में कैसे बनाया जाता है ये जानकारी भी आपको होनी चाहिए। आखिर आपके शरीर के अंदर क्या जा रहा है ये तो आप जानेंगे ही न।

कैसे हुआ था मिश्री का आविष्कार?

Mishri making facts

मिश्री या फिर चीनी के बिना स्वाद की दुनिया कितनी फीकी लगती है। पर एक वक्त ऐसा भी रहा है, जब चीनी का इस्तेमाल नहीं किया जाता था। कहा जाता है कि मिश्री या शक्कर के क्रिस्टलों का एक रूप है, जिसे भारत में एक मिष्ठान्न के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है।

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कहा जाता है कि मिस्र के कारीगरों ने भूरी चीनी को दानेदार सफेद शक्कर, मिश्री की डली व बताशे बनाने की खोज की थी। वहीं, भारत में चीनी का पहली बार इस्तेमाल लगभग 2500 यानी 500 ईसा पूर्व में हुआ था। इसके बाद सफेद चीनी का आविष्कार किया और व्यंजनों में इस्तेमाल किए जाने लगा।

कैसे बनाई जाती है मिश्री?

मिश्री बनाने के लिए शुगर सिरप को पानी में घोलकर इसका क्रिस्टलीकरण किया जाता है, फिर इस घोल को तार की मदद से ठंडा किया जाता है। तब शुद्ध रूप में मिश्री प्राप्त होती है, तो आइए विस्तार से जानते हैं कि मिश्री को कैसे बनाया जाता है। (चांदी का वर्क क्या वाकई होता है मांसाहारी, जानें कैसे होता है तैयार)

विधि

Mishri benefits

  • मिश्री को बनाने की प्रक्रिया प्राकृतिक है। इसे बनाने के लिए किसी भी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता। तभी मिश्री को चीनी से ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
  • बता दें कि इसे बनाने के लिए गन्ने के रस का इस्तेमाल किया जाता है। गन्ने के रस को वाष्पीकरण कर क्रिस्टलाइजर किया जाता है।
  • इन कच्चे परिष्कृत चीनी क्रिस्टलों में अभी भी कई प्रकार की अशुद्धियां रह जाती हैं, जिनको कंटेनरों में पानी के साथ मिलाकर उबाला जाता है।
  • इसे तब तक उबाला जाता है जब तक यह पूर्ण स्थिर न हो जाए। इन तैयार मिश्री के क्रिस्टलों को इसका सफेद रंग देने के लिए इस मिश्री के उबलते मिश्रण में कुछ दूध को डाला जाता है।
  • ऐसा करने से मिश्री की बची हुई अशुद्धियां दूर हो जाती हैं और इसका रंग सफेद भी हो जाएगा। फिर इस मिश्रण को बनाने के बाद लगभग एक सप्ताह तक सूरज की रोशनी में रखा जाता है।
  • एक सप्ताह के बाद मिश्री बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है, जिसे धागे वाली मिश्री भी कहा जाता है। फिर गन्ने के रस को दोबारा पकाया जाता है और मिश्री के धागे को पकाया जाता है।
  • फिर इस धागे से कुछ समय बाद मिश्री के क्रिस्टल प्राकृतिक रूप से अपने आप बनने लग जाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि मिश्री को बनाते वक्त किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता।

मिश्री से जुड़े फैक्ट्स

  • मिश्री को आंवला चूर्ण में मिलाकर खाने से सिरदर्द की समस्या में काफी आराम मिलता है।
  • अच्छी नींद के लिए आप रात में मिश्री को दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं।
  • दूध में केसर और मिश्री मिलाकर पीने से एनर्जी और एक्टिव नेस आती है।
  • मिश्री और इलायची को मिलाकर खाने से मुंह के छालों में भी काफी आराम मिलता है।

चीनी और मिश्री में अंतर

Mishri and sugar difference

  • चीनी को बनाने के लिए कई तरह के रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि मिश्री गन्ने से प्राप्त पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पाद है।
  • चीनी के सेवन से आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है जबकि मिश्री का उपयोग करने से आपका वजन भी संतुलित रहता है। (शुगर फ्री स्वीट्स को बनाकर लीजिए होटल का मज़ा)
  • चीनी के सेवन से रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है, वहीं मिश्री के सेवन से शरीर में विटामिन और मिनरल्स मिलने के साथ-साथ ग्लूकोज का स्तर भी नियंत्रित रहता है।

आपको ध्यान ये रखना चाहिए कि कोई भी चीज खाएं उसे लिमिटेड मात्रा में ही लें। अगर आप जरूरत से ज्यादा किसी चीज का सेवन करेंगे तो ये नुकसानदेह ही होगी। अगर आपको अपनी हेल्थ का ख्याल रखना है, तो रिफाइंड और केमिकली प्रोसेस्ड चीजें कम खाने में ही भलाई है।

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Image Credit- (@Freepik)

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