
Top Palace Of South India: प्राचीन और मध्य भारत का इतिहास जब भी पढ़ा यह सुना जाता है, तो फोर्ट, महल, इमारत, मकबरा या पैलेस का नाम जरूर शामिल रहता है।
पूर्व भारत से लेकर पश्चिम और उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत के कई राज्यों में ऐसे कई पैलेस मौजूद हैं, जिन्हें एक्सप्लोर करने हर दिन हजारों देशी और विदेशी पर्यटक पहुंचते रहते हैं।
दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित तंजावुर मराठा पैलेस एक ऐसा ही पैलेस है, जिसकी ऐतिहासिक कहानियां और वास्तुकला हर दिन हजारों पर्यटकों को आकर्षित करती है। इस आर्टिकल में हम आपको तंजावुर मराठा पैलेस का इतिहास और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।

तंजावुर मराठा पैलेस का इतिहास जानने से पहले यह जान लेते हैं कि यह विश्व प्रसिद्ध पैलेस तमिलनाडु के किस शहर में मौजूद है। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह पैलेस राजकृष्णपुरम शहर में मौजूद है। यह शहर अपनी खूबसूरती के साथ-साथ कई ऐतिहासिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है।

तंजावुर मराठा पैलेस का इतिहास का इतिहास बेहद ही रोचक है। कहा जाता है कि तंजावुर पैलेस का निर्माण 1534 में सेवप्पा नायक के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ, और 1535 में पूरा हुआ।
तंजावुर पैलेस के बारे में कहा जाता है कि इसे कई लोग शिवगंगई किला और अरनमनई पैलेस के नाम से भी जानते हैं। यह पैलेस करीब 1764 तक नायक परिवार के अधीन था और बाद में मराठा शासकों के कब्जा कर लिया। मराठा शासकों के बाद इस पैलेस पर कई वर्षों तक ब्रिटिश का हुकूमत था।
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तंजावुर मराठा की वास्तुकला सैलानियों को खूब आकर्षित करती है। इस खूबसूरत पैलेस पर नायक, मराठा, ब्रिटिश और यूरोपीय शासकों का राज रहा है। ऐसे में हर शासक ने अपने समय इस पैलेस को एक अलग ही रूप देने की कोशिश की गई थी। (होटल में तब्दील हो चुके हैं ये शाही महल)
तंजावुर पैलेस एक विशाल परिसर और इस परिसर की दीवारों, छत और अन्य कई चीजों की खूबसूरती देखते ही बनती है। पैलेस की दीवारों पर रंगीन चित्रकारी मौजूद है, जिन्हें देखने के लिए सबसे अधिक पर्यटक पहुंचते हैं। तंजावुर मराठा पैलेस परिसर में कई खूबसूरत महल और फोर्ट भी मौजूद है।

तंजावुर मराठा पैलेस परिसर के अंदर एक से एक बेहतरीन भवन, म्यूजियम, मंदिर, हॉल और गलियारे मौजूद हैं, जिन्हें आप देख सकते हैं। जैसे-
रॉयल पैलेस म्यूजियम:- कहा जाता है की मराठा पैलेस अब भोसले परिवार के स्वामित्व में है और यहां स्थित रॉयल पैलेस भोसले परिवार के अधीन ही है। रॉयल पैलेस म्यूजियम में आप शाही हथियार और मूर्तियों के अलावा राजघरानों द्वारा उपयोग की जाने वाली कई अन्य वस्तुओं को देख सकते हैं।
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मराठा दरबार हॉल:- तंजावुर मराठा पैलेस में स्थित मराठा हॉल एक शाही दरबार हॉल है, जिसे आर्ट गैलरी में तब्दील किया गया है। मराठा दरबार हॉल की दीवारों पर एक से एक खूबसूरत और मध्यकालीन तस्वीरें लटकी हुई है। यहां देवताओं की तस्वीरें भी मौजूद हैं।
सरस्वती महल:- तंजावुर मराठा पैलेस में एक सरस्वती महल भी मौजूद है। इस महल को लाइब्रेरी में तब्दील कर दिया गया है। कहा जाता है कि यह भारत के सबसे पुराने और बेहतरीन पुस्तकालयों में से एक है। यहां तमिल, तेलुगु और मराठी सहित विभिन्न भाषाओं में दस लाख से अधिक पांडुलिपियाँ मौजूद हैं।
तंजावुर मराठा पैलेस में आप सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे के बीच घूमने के लिए जा सकते हैं। तंजावुर मराठा पैलेस में भारतीय पर्यटकों के लिए 10 रुपये और विदेशी पर्यटकों को 60 रुपये का टिकट लेना होता है। अगर आप साथ में कैमरा लेकर जाते हैं, तो उसका चार्ज अलग से लग सकता है।
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