Haveli's of Old Delhi: दिल्ली में रहने वालों को भी नहीं पता होगा पुराने शहर की इन हवेलियों के बारे में, मिलेगी इतिहास की अनोखी झलक

पुरानी दिल्ली के तंग गलियारों में ना जाने कितनी ऐसी कहानियां छुपी हुई हैं जिनके बारे में लोग बातें करते हैं, लेकिन असल इतिहास से अंजान हैं। ऐसी कई हवेलियां हैं पुरानी दिल्ली में जो आज भी मुगल काल का इतिहास बताती हैं। चलिए आज अपनी इस स्टोरी के जरिए आपको उसी काल की सैर करवाते हैं।
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दिल्ली का इतिहास अपने अंदर बहुत कुछ समेटे हुए है। एक समय में जब मुगल दिल्ली पर राज किया करते थे तब पुरानी दिल्ली का इलाका महलों और हवेलियों से भरा हुआ था। ये वो समय था जब दिल्ली की खूबसूरती इन्हीं हवेलियों से देखी जाती थीं। आज पुरानी दिल्ली के इलाकों में तंग गलियां और दुकानें हैं, लेकिन आपको पता नहीं होगा कि इनके बीच में ही ना जाने कितनी हवेलियां अभी भी मौजूद है। इन गलियों के अंदर छुपा है दिल्ली का इतिहास।

अगर आपको भी दिल्ली के पुराने इतिहास के बारे में जानना है, तो चलिए आपको कुछ ऐसी ही ओल्ड हेरिटेज हवेलियों के बारे में बताते हैं।

मिर्जा गालिब की हवेली (Haveli Mirza Ghalib)

आगरा से आने के बाद मशहूर शायर मिर्जा गालिब इसी हवेली में रहे थे। यहीं रहते हुए उन्होंने 'दीवान ए ग़ालिब' भी लिखी थी। इस हवेली को एक हकीम ने मिर्जा गालिब को दिया था। कहा जाता है कि उनके मरने के बाद हकीम इस हवेली के बाहर बैठा करते थे और फिर वहीं से लोगों को इस हवेली के अंदर नहीं घुसने देता था।

mirza ghalib ki haveli

1999 तक इस हवेली पर कई तरह के अतिक्रमण किए गए थे और अंदर दुकानें भी चलती थीं। बाद में सरकार ने इस हवेली का एक हिस्सा लेकर इसे रिस्टोर करवाया और फिर इसे दिल्ली हेरिटेज वॉक का हिस्सा बना दिया। इस हवेली में मुगल काल की लाखोरी ईंट लगी हुई है। शाहजहां के दौर में इन ईंटों का ही इस्तेमाल होता था। अब यह हवेली एक म्यूजियम बन गई है और यहां मिर्जा गालिब के समय की लगभग 2000 चीजें मौजूद हैं।

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खजानची हवेली (Khazanchi Haveli)

यह हवेली अब काफी हद तक खंडहर हो चुकी है, लेकिन इसकी दीवारों पर बनी नक्काशियां, खिड़कियों के झरोंखे और इसका बड़ा सा आंगन अभी भी इतिहास की एक झलक जरूर देता है। इस हवेली को प्राइम वीडियो सीरीज 'मेड इन हेवेन' में भी दिखाया गया है। दिल्ली के शाहजहानाबाद में स्थित यह हवेली भी उस इलाके की बाकी हवेलियों की तरह ही समय की मार खा चुकी है।

khajanchi haveli

जैसा की इसका नाम है, इस हवेली को मुगल बादशाह शाहजहां के खजानचियों के लिए बनवाया गया था। यहीं पर मुगल काल के पैसों का लेनदेन और उसका हिसाब होता था। मुगल काल में आए सिक्के, मोहरें और दस्तावेज यहीं से जाते थे। माना जाता है कि लाल किले से इस हवेली तक पहुंचने के लिए एक सुरंग भी थी। चांदनी चौक की इस हवेली को देखने आप अभी भी जा सकते हैं।

हवेली धर्मपुरा (Haveli Dharampura)

दिल्ली की यह हवेली अब यूनेस्को की हेरिटेज साइट बन चुकी है। अब यह एक रॉयल होटल के रूप में देखी जाती है। मुगल काल की इस हवेली को बखूबी सजाया और संवारा गया है। जहां इसके काल में बनी अन्य हवेलियों की हालत बहुत खराब हो गई है, वही हाल इस हवेली का भी था। पर अब इसे रिस्टोर करके एक नया अंदाज दिया गया है।

Dharampura haveli

यह हवेली मुगल काल की नहीं है। इसे 1887 में बनाया गया था और जब इसकी हालत खराब होने लगी, तब इसे छोड़ दिया गया। इसकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि इसे दिल्ली मुंसिपल कॉरपोरेशन द्वारा, खतरनाक बिल्डिंग्स की लिस्ट में शामिल कर दिया गया था। इसे रिस्टोर करने में भी 6 साल लग गए थे और अब यह खूबसूरत हवेली दिल्ली की शान बनकर खड़ी है। इस हवेली में आप कथक डांस परफॉर्मेंस भी देख सकते हैं।

कथिका कल्चर सेंटर (Kathika Culture Centre)

अगर इतिहास को दोबारा जीवित करने की बात की गई है, तो कथिका कल्चर सेंटर की बात जरूर होगी। अब इसका नाम है कथिका जो एक म्यूजियम और कल्चर सेंटर भी है। यह पुरानी दिल्ली के सीता राम बाजार इलाके में स्थित है। इस हवेली के दरवाजों से लेकर इसकी दीवारों तक आपको इतिहास की एक खूबसूरत झलक देखने को मिल जाएगी।

kathika culture centre

अगर आप इस म्यूजियम में जाते हैं, तो आपको पुरानी आर्काइव तस्वीरें भी मिल जाएंगी। यहां विंटेज आर्ट डेकोरेटिव ऑब्जेक्ट्स भी हैं। अगर आपको आर्ट एंड कल्चर का शौक है, तो आप इस जगह जरूर जा सकते हैं।

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चुन्नामल हवेली (Chunnamal Haveli)

क्या आपने कभी सोचा है कि पुराने जमाने के व्यापारियों के घर कैसे होते थे? चुन्नामल की हवेली उसका सटीक उदाहरण हो सकती है। इसे पुराने जमाने के व्यापारी के घर के रूप में दिखाया गया था। इस हवेली में पुराने आईने, उम्दा आर्किटेक्चर और खूबसूरत दीवारें बहुत ही अच्छे से संजोई गई हैं। हर महीने यहां कई टूरिस्ट्स आते हैं और इस हवेली का दीदार करके जाते हैं।

chunamal ki haveli

इसमें मुगल और ब्रिटिश दोनों तरह का आर्किटेक्चर मिल जाएगा जो दिखाता है कि कैसे भारत मुगलों के दौर से निकल कर ब्रिटिश राज की तरफ बढ़ रहा था। इस हवेली में बॉलीवुड फिल्म 'दिल्ली -6' और हॉलीवुड फिल्म 'होली स्मोक' शूट हुई हैं।

हवेली शरीफ मंजिल (Haveli Sharif Manzil)

जहां कई हवेलियों को कई शाही परिवार छोड़कर चले गए, वहीं एक हवेली ऐसी भी है जिसे आज भी संजो कर रखा गया है। यह 300 साल पुरानी हवेली है, हवेली शरीफ मंजिल जिसे खानदान-ए-शरीफी द्वारा संजोकर रखा गया है। इसी खानदान के लोग आज भी यहां रहते हैं। समरकंद से भारत आकर बसे खानदान-ए-शरीफी ने इस हवेली की गरिमा को खोने नहीं दिया।

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क्या आपको इनमें से किसी हवेली के बारे में पता था? अगर नहीं, तो इस स्टोरी को अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिए और खुद भी एक्सप्लोर करिए पुरानी हवेलियों को।

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