देहरादून के रहने वालों से ही जानिए क्या है यहां की खासियत और ऐसी कौन सी जगहें हैं जिन्हें देखे बिना आपका देहरादून ट्रिप अधूरा है।
बाकी सब जगह एक तरफ और देहरादून एक तरफ। मैंने ऐसा क्यों कहा जानना चाहते है ?
क्योंकि प्रकृति की गोद में बसा देहरादून बेहद खूबसूरत है। यहां नदियों से लेकर म्यूजियम तक सब जगह देखने के काबिल है। यहां की खूबसूरती का कोई जवाब ही नहीं है। मैं अपने आप को बहुत खुश किस्मत समझती हूं कि मैं देहरादून की ही रहने वाली हूं जो कि बचपन से लेकर अबतक इस खूबसूरती का मजा लूट रही हूं।
मैं समृद्धि आज देहरादून की उन जगह की बात करने वाली हूं जिसे जानने के बाद आप अपने आप को देहरादून से दूर नहीं रख पाएंगे।
वैसे तो आपने कई दफा देहरादून कि खास जगहों के बारे में सुना होगा और कई दफा गूगल भी किया होगा। लेकिन अगर आप विस्तार से देहरादून के बारे में जानना चाहती हैं तो चलिए मैं आपको दिखाती हूं देहरादून की गलियां।
मौज मस्ती करना तो हम सबको पसंद ही है। लेकिन मौज मस्ती के साथ-साथ थोड़ा इतिहास के बारे में भी ज्ञान ले लिया जाएं तो पिकनिक का ज़ायका ही बदल जायेगा। जहां एक तर फ देहरादून में लच्छीवाला जैसी जगहें है वहीं एफआरआई जैसी ऐतिहासिक जगहें भी मौजूद है। देहरादून क्लॉक टॉवर से मह ज सात किलोमीटर की दूरी में स्थित है जो कि स्टेट का एक मात्र सबसे ओल्डेस्टइंस्टीट्यूट स्थित है। एफआरआई के इतिहास बारे में बात की जाए तो ब्रिटिश काल में 1878 में ब्रिटिश इंपीरियल वन स्कूल स्थापित किया गया था। फिर 1906 में ब्रिटिश इंपीरियल वानिकी सेवाके तहत इंपीरियल वन अनुसंधान संस्थान (आईएफएस) के रूप में पुनस्र्थापना हुई. 450 हेक्टेअर में फैला एफआरआई में कुल सात म्यूजियम हैं जिसमें वनस्पति विज्ञान से तत्वों को इकठ्ठा किया गया है।
वैसे तो एफआरआई का बॉलीवुड कनेक्शन भी गजब है. कई बड़े फिल्म निर्माता एफआरआई कैंपस में फिल्म की शूटिंग कर चुके हैं. जैसे धर्मा प्रोडक्शन के तहत स्टूडेंट ऑफ द ईयर, तिग्मांशूधूलिया की पान सिंह तोमर जैसी बड़ी फिल्में एफआरआई में शूट हो चुकी हैं।
देहरादून में प्रकृति अपने पंखों को फहरा रहा है जिसमें नदियों के साथ-साथ बच्चों के लिए मिनी जूलॉजिकल पार्क भी मौजूद है जो कि मालसी डियर पार्क के नाम से मशहूर है। करीब 10किलोमीटर देहरादून शहर से मसूरी की तरफ शिवालिक रेंज की तलहटी में स्थित मालसी डियर पार्क टूरिस्ट को अट्रैक्ट तो करता ही है साथ ही यहां बच्चे बहुत मौज मस्ती के साथ पिकनिकमानाने भी आते है। मालसी डियर पार्क दो सींग वाले हिरण, टाइगर, नीलगाय, मयूर और कई अन्य जानवरों का घर है।
अगर हम सहस्त्रधारा की बात करें तो यूं कहियए कि मैं तो क्या देहरादून में रहने वाला हर व्यक्ति यहां की खूबसूरती से वाकिफ होगा।
शहर से करीब 14 किमी. दूर मौजूद यह पिकनिक स्पॉट लोगों को खूब भाता है। अकसर गर्मी के मौसम में टूरिस्ट और स्थानीय लोग यहां मौज-मस्ती करने आते हैं। यहां का ठंडा पानी गर्मी सेछुटकारा भी दिलाता है।
वैसे तो उत्तराखंड की खूबसूरती का कोई जवाब नहीं है लेकिन प्रकृति की गोद में बसा सहस्त्रधारा जिसकी अपनी एक अलग ही पहचान है। अकसर यहां कोई प्रकृति की खूबसूरती के नजारे देखनेके लिए आता है तो कोई पिकनिक मानाने के लिए। जहां सहस्त्रधारा में एक तरफ जहां छोटे-छोटे झरने, पहाड़ों के उपर मौजूद मंदिर तो दूसरी तरफ बुद्धा मॉनेस्ट्री टूरिस्ट को खूब अट्रैक्ट करती है।हालांकि सहस्त्रधारा सल्फर वाटर के लिए फेमस है। कहा जाता है कि सहस्त्रधारा में मौजूद सल्फर वाटर में नहाने से स्कीन से रिलेटेड कोई भी प्रॉब्लम से आजादी मिल जाती है।
लच्छीवाला इस जगह का तो कोई जवाब ही नहीं है। जानना चाहते है क्यों ?
मैं खुद इस जगह की दीवानी हूं।
प्रकृति की खूबसूरती से नवाज़ी गई ये जगह अपने आप में ही जन्नत है।
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