कहते हैं अगर आप किसी लड़की से मिलने जाएं तो उसे फ्लावर और चॉकलेट्स जरूर गिफ्ट करनी चाहिए। अब चूंकि वैलेंटाइन्स डे भी नजदीक है तो लड़कियां ही नहीं लड़के भी चॉकलेट्स गिफ्ट करेंगे और पाएंगे भी। चॉकलेट एक ऐसी चीज़ है जिसे खाकर मूड आपका ठीक हो ही जाता है। किसने सोचा था कि 1500-1900 बीसी में बनी चॉकलेट आज इतनी लोकप्रिय हो जाएगी। आपको शायद यह भी जानकर हैरानी हो लेकिन उस समय में कोको बीज को इतना मूल्यवान समझा जाता था कि यह करेंसी की तरह इस्तेमाल किए जाते थे।
आज तो 5 रुपये से उनकी कीमत शुरू हो जाती है, लेकिन तब ऐसा नहीं था। आज चॉकलेट में ही नए-नए फ्लेवर्स आने लगे हैं। अब बात करें मिल्क, व्हाइट और डार्क चॉकलेट की बात करें तो क्या आप इनका अंतर बता सकेंगे? चॉकलेट डे पर अपने पार्टनर को गिफ्ट करने से पहले इनका अंतर जान लें तो आपको ऑप्शन चुनना आसान होगा।
मिल्क चॉकलेट किससे बनी होती है?
मिल्क चॉकलेट दूध से बनी एक ठोस चॉकलेट है जो कोको सॉलिड से तैयार की जाती है। दुनिया भर में इसे बनाने के लिए जो अनुपात है विभिन्न सरकारी आवश्यकताएं के आधार पर होता है, लेकिन आमतौर पर कम से कम 10% चॉकलेट लिकर होनी चाहिए। साथ ही कम से कम 12% मिल्क सॉलिड्स और कम से कम 25% कोको सॉलिड होना चाहिए। कोकोआ मक्खन, वेनिला, मिल्क फैट और लेसिथिन का भी उपयोग किया जाता है।
आपको बता दें कि मिल्क चॉकलेट के साथ पहली बार एक्सपेरिमेंट जर्मन्स ने किया था। उन्होंने 1800 के दशक के मध्य में मिल्क चॉकलेट पेय विकसित किया था और स्विस जिन्होंने कंडेंस्ड मिल्क का उपयोग करके उसी शताब्दी के अंत में पहला मिल्क चॉकलेट सॉलिड बनाया था।
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डार्क चॉकलेट किससे बनती है?
डार्क चॉकलेट में आमतौर पर कोको सॉलिड्स का प्रतिशत अधिक होता है और कोको सॉलिड मेकअप में 30% से 80% तक हो सकता है। इस वजह से, यह असली चॉकलेट स्वाद में अधिक भरी हुई होती है और इसलिए इसकी एक ड्रायर और ज्यादा चॉकी बनावट होती है। इसे पहली बार टेस्ट करके आपको कड़वाहट महसूस होती है हालांकि बाद में यह पैलेट में अच्छा स्वाद देती है।
डार्क चॉकलेट के स्वास्थ्य लाभ भी अधिक होते हैं और ऐसा माना जाता है कि डार्क चॉकलेट फाइबर और खनिजों में पौष्टिक होती है। यह एंटीऑक्सीडेंट का एक शक्तिशाली स्रोत है और इससे रक्त प्रवाह में सुधार हो सकता है और रक्तचाप कम करने में भी यह मदद करती है।
सफेद चॉकलेट किससे बनी होती है?
सफेद चॉकलेट में कोई कोको सॉलिड्स नहीं होता है। इसकी बजाय, सफेद चॉकलेट कोकोआ मक्खन से बनाया जाता है। यह एक हल्के पीले रंग की खाद्य वनस्पति वसा है, जिसमें कोको की सुगंध और स्वाद होता है। कोकोआ मक्खन का अपना कोई बहुत अच्छा स्वाद नहीं होता है, इसलिए इसमें कभी-कभी दूध, चीनी और कभी-कभी वेनिला को मीठा और मलाईदार उत्पाद देने के लिए जोड़ा जाता है।
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हां अगर आपने कभी ज्यादा सफेद और कम आइवरी रंग वाली चॉकलेट खरीदी हो तो ध्यान रखें उसमें वेजिटेबल ऑयल की मात्रा ज्यादा हो सकती है। इतना ही नहीं, इसमें आर्टिफिशियल फूड कलर भी हो सकते हैं।
डार्क चॉकलेट हर कोई नहीं खा सकता है, लेकिन हेल्थ बेनिफिट्स इसके ज्यादा होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। हालांकि इसमें कैलोरी ज्यादा होती है तो इसे ज्यादा नहीं खाना चाहिए।
अब आप फैसला कर लीजिए कि कौन-सी चॉकलेट आप अपने पार्टनर के लिए खरीदेंगे। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आएगी। अगर यह लेख अच्छा लगा तो इसे लाइक और फेसबुक पर शेयर कर सकती हैं। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए विजिट करें हरजिंदगी के साथ।
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