भारत देश में अनेकों प्रसिद्ध मंदिर हैं। इनमें से अनेकों मंदिर से जुड़े जई चमत्कारी किस्से भी आपने जरूर सुने होंगे। हर मंदिर का अपना इतिहास और उससे जुड़े कुछ रोचक किस्से कहानियां जरूर होते हैं। ठीक इसी तरह राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का नाम तो आपने सुना ही होगा। यह मंदिर काफी फेमस मंदिरों की सूची में शामिल है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर सिर्फ भक्तों की आस्था का ही प्रतीक नहीं है, बल्कि इस मंदिर में कई रहस्य भी छिपे हुए हैं। यह मंदिर बजरंगबली हनुमान जी को समर्पित है। इस मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में लोग पूजापाठ के अलावा भूत-प्रेत बाधा, ऊपरी साया, नकारात्मक ऊर्जा जैसी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए भी पहुंचते हैं। इस मंदिर में प्रेत दरबार भी लगता है।
हनुमान जी के अलावा यहां प्रेतराज सरकार और भैरवबाबा की भी मूर्ति है। इस मंदिर में हनुमान जी का बाल स्वरूप विराजमान है। यह मंदिर देशभर में बहुत प्रसिद्ध है ऐसे में देश के हर कोने से लोग यहां दर्शन के लिए और भूत-प्रेत के साये से मुक्ति पाने के लिए यहां आते हैं। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की चमत्कारी शक्तियों के बारे में हर कोई जानता है। साथ ही इस मंदिर से जुड़े कई रहस्यमयी किस्से भी हैं। जिनके बारे में हर कोई नहीं जानता है। आज हम आपको इस मंदिर से जुड़े पांच अनसुने किस्से बताने जा रहे हैं। जिनको सुनकर शायद आप भी चौक जाएंगे।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से जुड़े 4 रहस्यमयी किस्से
हर देवता को अलग प्रसाद
इस मंदिर में हनुमान जी के अलावा प्रेतराज सरकार और भैरवबाबा का मंदिर है। ऐसे में हर भगवान को अलग तरह का प्रसाद चढ़ाया जाता है। जहां हनुमान जी को लड्डू और प्रेतराज सरकार को चावल और भैरवबाबा को उड़द दाल का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है प्रसाद लगाने के बाद यदि इसे ऐसे व्यक्ति की खिला दिया जाता है जिसके ऊपर भूत-प्रेत का साया है तो वो अजीब प्रतिक्रियाएं करने लगता है।
मंदिर से नहीं लानी चाहिए कोई वस्तु
यह बात तो आप सभी जानते होंगे कि मेहंदीपुर बालाजी में चढ़ाया गया प्रसाद या किसी का दिया हुआ प्रसाद घर नहीं लाया जाता है, लेकिन ऐसा भी कहा जाता है कि इस मंदिर से कोई चीज खरीदकर भी नहीं लेकर आनी चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो नेगेटिव एनर्जी आपके साथ आपके घर में आ सकती है। यहां तक कि उस मंदिर से झंडा लेकर आने के बाद उसे घर पर भी लगाना वर्जित होता है।
बाईं छाती में छेद
शायद आप में से बहुत ही कम लोग इस बात को जानते होंगे और कभी ही किसी ने गौर किया होगा कि हनुमान जी के फेमस मंदिर बालाजी की छाती के बाई ओर एक छेद है। जिसमें से लगातार पानी बहता रहता है। मान्यता अनुसार इसे हनुमान जी का पसीना कहा जाता है।
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दो तरह के प्रसाद
आपको बता दें मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दो तरह के प्रसाद चढ़ाए जाने का नियम है। एक हाजरी और दूसरे को अर्जी कहा जाता है। हाजरी वाले प्रसाद को दो बार खरीदा जाता है। जबकि अर्जी वाले प्रसाद में तीन थालियां लगाई जाती हैं। हाजरी वाला प्रसाद लगाने के बाद तुरंत मंदिर से निकलता पड़ता है। वहीं अर्जी का प्रसाद दर्शन करके लौटने के बाद मिलता है और इस प्रसाद को मंदिर से बाहर निकलने से पहले बिना मुड़े ही पीछे फेंका जाता है।
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यदि आपको आज तक मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से जुड़े इन रहस्यमयी किस्सों के बारे में नहीं पता था तो आज के बाद आप जब भी जाएं तो इन नियमों का जरूर पालन करें और इन जानकारियों को अपने दोस्तों को करीबी लोगों को भी बताएं।
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Image Credit: herzindagi/jagran/freepik
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