2 अक्टूबर का दिन महात्मा गांधी जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक महात्मा गांधी के दिन लगभग सभी संस्थान और स्कूलों की छुट्टियां होती है। ऐसे में कई बच्चों को इस दिन का इंतजार इसलिए होता है, क्योंकि इस दिन उन्हें छुट्टी मिलेगी। वह महात्मा गांधी के देश के प्रति बलिदान और समर्पण को समझने की बजाय अपनी मौज मस्ती में लगे रहते हैं।
ऐसे में माता-पिता को बच्चों को गांधी जयंती के अवसर पर कहीं घुमाने लेकर जाने का प्लान बनाना चाहिए। वह बच्चों को ऐसी जगह पर लेकर जाएं, जिसका कनेक्शन महात्मा गांधी से जुड़ा हुआ हो। आज के इस आर्टिकल में हम आपको सूरत की कुछ फेमस जगहों के बारे में बताएंगे, जहां महात्मा गांधी के बारे में बच्चों को बहुत कुछ जानने का मौका मिलेगा।
साबरमती आश्रम (Gandhi Ashram)
इसे गांधी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। बच्चों के लिए एक शिक्षा का स्रोत है, जहाँ वे गांधी जी के सिद्धांतों, उनके संघर्ष और उनके जीवन के बारे में अच्छे से समझ पाएंगे। 2 अक्टूबर के दिन माता-पिता को अपने बच्चों को यहां जरूर लेकर जाना चाहिए। आश्रम में जाकर बच्चों को एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अनुभव प्राप्त होता है। यह वो स्थान है जहां महात्मा गांधी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ बारह वर्षों तक रहे थे। यहां से ही गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को दांडी मार्च का नेतृत्व किया था। इसे लोग नमक सत्याग्रह के नाम से भी जानते हैं। यह सूरत में बच्चों के साथ घूमने के लिए अच्छी जगह में से एक है।
- कैसे पहुंचे- इसके लिए सबसे पहले आपको अहमदाबाद जाना होगा। यहां से आश्रम 8 किलोमीटर की दूरी पर है। आप बस या कैब से यहां जा सकते हैं।
- ये चीजें देखकर आएं- यहां आप मगन निवास, हृदय कुंज, गांधी स्मारक संग्रहालय, विनोभा मीरा कुटीर, उद्योग मंदिर और सोमनाथ छात्रालय जरूर देखकर आएं
- समय- सुबह 8.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक सभी दिनों में खुला रहता है।
कीर्ति मंदिर, पोरबंदर
पोरबंदर वही जगह है, जहां महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। यहां स्थित कीर्ति मंदिर गांधी जी के जीवन से जुड़े हर पहलू को दर्शाता है। 1950 में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस कीर्ति मंदिर मेमोरियल का उद्घाटन किया था। मंदिर में गांधी जी के बचपन से लेकर उनके स्वतंत्रता संग्राम तक की यात्रा को चित्रों और पुस्तकों में बच्चे देख सकते हैं। बच्चों को यह जगह पसंद आएगा।
- समय- सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे- दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक
महात्मा गांधी संग्रहालय
गांधी जी ने सत्य, अहिंसा और सादगी के सिद्धांतों पर आधारित जीवन जिया। इसके बारे में बच्चे संग्रहालय के अंदर बहुत सारी चीजें देख सकते हैं। स्वतंत्रता संग्राम के समय की घटनाएं और गांधी जी का योगदान बच्चों के लिए प्रेरणादायक होते हैं। माता-पिता को 2 अक्टूबर का दिन छुट्टी में बिताने की बजाय बच्चों को यहां घुमाने लेकर जाना चाहिए।
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image credit- freepik, insta
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