लखनऊ को यूं ही नवाबों की भूमि नहीं कहा जाता है। यह एक ऐसा शहर है, जहां पर घूमने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। लखनऊ को उत्तर प्रदेश में घूमने लायक बेहतरीन जगहों में से एक माना जाता है। इसका ना केवल अपना एक अलग ऐतिहासिक महत्व है, बल्कि यह एक मल्टीकल्चरल हब के रूप में भी काम करता है। इस शहर में आपको कई ऐतिहासिक स्मारकों से लेकर हलचल भरे बाजार मिल जाएंगे। जहां पर आप अपना पूरा दिन बिता सकते हैं।
हालांकि, अगर आप नेचर लवर हैं और लखनऊ में घूमते हुए अपने एक्सपीरियंस को और भी बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपको कुछ वाइल्डलाइफ सैन्चुरीज को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए।
जी हां, लखनऊ के करीब कुछ बेहतरीन वाइल्डलाइफ सैन्चुरीज मौजूद हैं, जहां पर आप कई तरह के जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं। इतना ही नहीं, प्रकृति की खूबसूरती को भी बेहद करीब से निहारा जा सकता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको लखनऊ के करीब मौजूद कुछ बेहतरीन वाइल्डलाइफ सैन्चुरीज के बारे में बता रहे हैं-
लखनऊ से 43 किमी की दूरी पर, नवाबगंज बर्ड सैन्चुरी उत्तर प्रदेश के लखनऊ के पास नवाबगंज में स्थित है। कानपुर-लखनऊ राजमार्ग पर स्थित, यह लखनऊ के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। इस बर्ड सैन्चुरी शहीद चंद्र शेखर आज़ाद बर्ड सैन्चुरी के रूप में भी जाना जाता है। निवासी और प्रवासी पक्षियों को उचित सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए, नवाबगंज झील और इसके आसपास के एरिया को 1984 में नवाबगंज बर्ड सैन्चुरी घोषित किया गया था।
ग्रेलैग गूज, पिंटेल, कॉमन टील, कॉटन टील, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, गैडवाल, शॉवेलर, विजियन, कूट और मैलार्ड आदि कुछ प्रवासी पक्षी हैं जो नवाबगंज बर्ड सैन्चुरी में पाए जाते हैं। इसके अलावा, आप स्पॉट विल, सारस क्रेन, पेंटेड स्टॉर्क, व्हाइट आइबिस, ब्लैक आइबिस, डबचिक, व्हिस्लिंग टील, ओपन बिल्ड स्टॉर्क, व्हाइट-नेक्ड स्टॉर्क, ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क, स्पूनबिल, इंडियन मूरहेन, ग्रीबे जैसे देशी पक्षियों को भी देख सकते हैं।
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इस अभयारण्य में आने का सबसे अच्छा मौसम नवंबर से मार्च तक है क्योंकि यही वह समय है जब प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियां यहां आती हैं।
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अगर लखनऊ के आसपास वाइल्डलाइफ को एक्सपीरियंस करना चाहते हैं तो ऐसे में आपको कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सैन्चुरी को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए। इसके बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह लगभग 50 तेंदुओं और 30 बाघों को आराम से संरक्षित करने में कामयाब रहा है।
जब आप यहां पर हैं तो आप कई जानवरों की विभिन्न प्रजातियों को देख सकते हैं। कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सैन्चुरी में बंदर, मंगूस, इंडियन सिवेट, बाघ, तेंदुआ, सियार, विभिन्न प्रकार के हिरण, ऊदबिलाव, जंगली सूअर, एशियाई हाथी और भी बहुत जानवर देखने को मिलेंगे।
यह नेशनल पार्क लखनऊ से लगभग 250 किलोमीटर दूर, लखीमपुर खीरी जिले में स्थित है। इसकी स्थापना 1958 में मुख्य रूप से दलदली हिरणों के लिए की गई थी। बाद में 1977 में इसे नेशनल पार्क घोषित कर दिया गया। यह नेशनल पार्क लगभग 490 वर्ग किलोमीटर के एरिया को कवर करता है।
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यह नेशनल पार्क दुधवा बाघ, भारतीय गैंडा, दलदली हिरण और हाथियों सहित लुप्तप्राय प्रजातियों की आबादी के लिए प्रसिद्ध है। यह विभिन्न प्रकार की पक्षी प्रजातियों का भी घर है। जब आप यहां पर हैं तो जीप सफारी या हाथी की सवारी कर सकते हैं। साथ ही साथ, घने जंगलों की खोज कर सकते हैं।
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