एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेकिंग एडवेंचर के शौकीन का एक ऐसा सपना है, जो जिंदगी भर के लिए यादें समेट कर रख लेता है। हिमालय की ऊंचाइयों में बसे इस ट्रेक का एक्सपीरियंस न केवल आपको नेचर के करीब लाता है, बल्कि यह आपको मानसिक रूप से अच्छा भी फील करवाता है।
हालांकि, यह जाने से पहले ट्रेक के लिए सही तैयारी और जानकारी होना बेहद जरूरी है। अगर ऐसा नहीं करते तो यकीनन आपको परेशानी हो सकती है। आप भी एवरेस्ट बेस कैंप जाने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां दिए गए हैक्स यकीनन आपके सफर को और यादगार बना सकते हैं।
एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेक नेपाल में मौजूद है, जो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, माउंट एवरेस्ट तक पहुंचने का रास्ता है। यह ट्रेक लगभग 12-14 दिनों का होता है, जिसमें आपको खूबसूरत घाटियां, हिमालय की ऊंची चोटियां, स्थानीय शेरपा संस्कृति और बर्फीले रास्तों का एक्सपीरियंस देखने को मिलता है।
इसे जरूर पढ़ें- केरल में नहीं समझ आ रहा है कहां घूमने जाएं? तो एक बार इन लोकेशन को देख लें
एवरेस्ट बेस कैंप जाने का सबसे अच्छा समय वसंत ऋतु यानी मार्च से लेकर मई तक है। इस समय मौसम सुहावना रहता है और पर्वतों पर फूल खिले होते हैं। वहीं, अगर सितंबर से नवंबर के वक्त मौसम साफ होता है और आसमान में हल्की ठंड होती है। आप इस दौरान यहां पर जा सकते हैं, लेकिन मानसून के मौसम में यहां जाने से बचें।
एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेकिंग में ऊंचाई पर चढ़ाई और ठंडे मौसम का सामना करना पड़ता है। इसलिए ट्रेकिंग से पहले अपनी बॉडी की स्ट्रेंथ को बढ़़ाने के लिए नियमित रूप से वर्कआउट करें।
यह विडियो भी देखें
वहां जाने से पहले सामान की सही तरह से पैकिंग करें। आप सही कपड़े जैसे- थर्मल वियर, एंड प्रूफ जैकेट, रेनकोट और गर्म दस्ताने अपने साथ रखें। साथ ही, वाटरप्रूफ, ग्रिप वाले ट्रेकिंग शूज, ट्रेकिंग पोल, सनग्लासेस, हेडलैंप, पानी की बोतल, दवाइयां और सभी जरूरत का सामान खरीदें।
एवरेस्ट बेस कैंप की ऊंचाई करीब 5,364 मीटर है, जहां ऑक्सीजन का स्तर कम होता है। इसके लिए आपको एक्लाइमेटाइजेशन की प्रक्रिया अपनानी होगी। ऊंचाई पर धीरे-धीरे चढ़े और ज्यादा पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें।
नेपाल में ट्रेकिंग के लिए दो तरह परमिट की जरूरत होती है पहला सगरमाथा नेशनल पार्क परमिट और दूसरा टीआईएमएस कार्ड। इन्हें आप काठमांडू या लुकला से लेकर अपने साथ रख सकते हैं।
अगर आप पहली बार एवरेस्ट बेस कैंप जा रहे हैं, तो एक गाइड और पोर्टर की मदद लें। गाइड रास्ते में जरूरी जानकारी देंगे और पोर्टर आपके भारी सामान को रखने, उठाने में मदद करेंगे।
इसे जरूर पढ़ें- Bikaner Travel: बीकानेर के आसपास में स्थित हैं ये शानदार जगहें, क्या आप एक्सप्लोर करना चाहेंगे?
इस तरह ट्रेकिंग को मजेदार बनाया जा सकता है। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- (@Freepik and shutterstock)
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।