33वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले की शुरुआत बहुत ग्रेंड तरीके से हुई और इसमें बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। आर्ट, क्राफ्ट, म्यूजिक, कलरफुल एंबियंस, पारंपरिक कुजीन्स के साथ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलकियां पेश करते इस मेले में इस बार ऐसा बहुत कुछ है, जो आपको जरूर देखना चाहिए। यहां बनाई गई छोटी-बड़ी चौपाल और अलग-अलग मंचों पर डांसिंग ग्रुप्स की प्रस्तुति मन मोह रही है। यहां आयोजित हुआ हरियाणावी रैंप शो भी खूब सुर्खियां बटोर रहा है, इसमें देश के साथ-साथ विदेशी कलाकारों ने भी हिस्सा लिया।
क्यों फेमस है ये मेला
सूरजकुंड मेले में देश और दुनिया के कुशल कारीगरों अपने क्राफ्टवर्क और हैंडलूम शोकेस करते हैं। अलग-अलग स्टॉल्स पर इन कारीगरों के रंग-बिरंगे सामान, फिर चाहें वे ट्रडीशनल ड्रेसेस हों, खिलौने हों या फिर आर्ट-क्राफ्ट, इन्हें देखना काफी काफी एक्साइटिंग लगेगा। खासतौर पर हैंडलूम का काफी अच्छा कलेक्शन शोकेस किया जा रहा है।
40 एकड़ में फैले इस मेले में 1010 हट्स में काम किया जा रहा है। इस मेले को यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म, टैक्सटाइल्स, कल्चर, एक्सटर्नल अफेयर्स, डिपार्टमेंट ऑफ टूरिजम और हरियाणा सरकार की तरफ से आयोजित किया जाता है। इस साल मेला 15 फरवरी तक जारी रहेगा।
टिकट की कीमत: 15 दिनों तक चलने वाले इस मेले में टिकट की कीमत भी काफी वाजिब है। वीकडेज यानी सोमवार से शुक्रवार तक टिकट की कीमत 120 रुपये प्रति व्यक्ति है, जबकि वीकेंड्स यानी शनिवार और रविवार को टिकट की कीमत 180 रुपये प्रति व्यक्ति है। साथ ही यहां स्पेशली चैलेंज्ड लोगों, सीनियर सिजिटन, सर्विंग सोल्जर्स आदि के लिए टिकट में 50 फीसदी की छूट मिल रही है। यही नहीं स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए भी टिकट पर 50 फीसदी की छूट मिल रही है।
इस बार का थीम स्टेट है महाराष्ट्र
हर साल सूरजकुंड मेले में एक राज्य को थीम स्टेट बनाया जाता है और उस राज्य के आर्ट, क्राफ्ट, कल्चर और कुजीन को विशेष रूप से हाइलाइट किया जाता है। इस तरह थीम स्टेट को मेले में अपने हैंडीक्राफ्ट्स, हैंडलूम, आर्कीटेक्टर, परफॉर्मिंग आर्ट्स, कुजीन आदि शोकेस करने का बेहतरीन मौका मिलता है। दिलचस्प बात ये है कि एंट्रेंस और मेले के पूरे एंबियंस का लुक, फर्नीचर की सेटिंग, कलर्स, डेकोर सबकुछ थीम स्टेट के आधार पर ही सेट किए जाते हैं। इस बार के मेले का थीम स्टेट महाराष्ट्र है। ऐसे में मेले में महाराष्ट्र की संस्कृति की लुभावनी झलक देखने को मिलती है, फिर चाहे वो यहां का रिच कल्चर हो, ट्रडीशन्स हों या फिर यहां का शिल्प, जिन्हें कारीगरों ने कुशलता के साथ तैयार किया है।
ये है इस मेले की खासियत
- सूरजकुंड मेले में अलग-अलग राज्यों और देशों के कारीगरों की शिल्प कला के बेहतरीन नमूने देखने को मिलते हैं।

- मेले से दुनिया के बेस्ट हैंडीक्राफ्ट्स और हैंडलूम खरीदे जा सकते हैं। स्टोल्स, दुपट्टे, शॉल, कॉटन टॉप्स और सूट्स की अच्छी रेंज यहां पर देखने को मिलती है। शॉपिंग करने के दौरान यहां के पारंपरिक फूड का भी मजा लिया जा सकता है। जगह-जगह लगी चौपाल और ओपन-एयर थिएटर 'नाट्यशाला' में होने वाली परफॉर्मेंस मेला देने आए लोगों को खूब रास आती हैं। यहां म्यूजीशियन्स से लेकर डांसर्स तक अपने टैलेंट से दर्शकों को खूब लुभा रहे हैं।
- यंगस्टर्स की तरफ से आयोजित होने वाले नाटक, जो खासतौर पर किसी ना किसी इशु पर आधारित होते हैं, को भी काफी पसंद किया जा रहा है।
- मशीनी युग में कारीगरों की कुशलता का कमाल देखने के लिए ये एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म है।
डांस की मस्ती में हो जाइए सराबोर
इस मेले में सबसे बड़ा आकर्षण है यहां होने वाली डांस परफॉर्मेंस। चाहे नागिन डांस हो या ढोल नगाने की थाप पर पंजाबी धुनें या फिर अफ्रीकी ग्रुप की मदमस्त कर देने वाली जोशीली धुनें, ये सबकुछ मेले में घूमने के दौरान आपको भी नाचने वालों की टोली में शामिल हो जाने को मजबूर कर देगा। डांस ग्रुप के लोगों के साथ आम दर्शकों की जुगलबंदी देखते ही बनती है। मजेदार बात ये है कि जैसे ही दर्शक परफॉर्मेंस के लिए चीयर करना शुरू करते हैं, वैसे ही आर्टिस्ट्स का जोश भी दोगुना हो जाता है। यानी इस बार यहां घूमना आपके लिए है पूरी तरह से पैसा वसूल।
हरियाणा के साथ कीजिए देश की प्राचीन संस्कृति के दर्शन
मेले में हरियाणा की प्राचीन संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलता है। मेले में आने वाले यहां खेत जोतने के औजार जैसे हल, जुआ, सांटा, मिट्टी के बर्तन, आटा पीसने की चक्की, पुराने वक्त की गाड़ी जैसी कई ऐसी चीजें देख सकते हैं, जो आज के समय में नजर नहीं आतीं। चौपाल की शान माने जाने वाले बड़े से हुक्के के साथ सेल्फी लेने की दीवानगी दर्शकों में खूब दिखी। साथ ही पुराने समय का कपड़ा बनाने का तरीका देखने, मिट्टी के बने पारंपरिक घर में जाने में भी सैलानियों को काफी मजा आ रहा है।