कुछ ऐसा हुआ उस दिन कि आज तक याद है नैनीताल का वो दिन

मैं नैनीताल से एक अजनबी की तरह मिली। कुछ ऐसा हुआ उस दिन कि आज तक याद है नैनीताल का वो दिन। 

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तालों में नैनीताल…ये गाना तो आपने सुना ही होगा। इस गाने को मैंने तब महसूस किया जब मैंने नैनीताल की सैर की। दिल्ली की गर्मी, भीड़-भाड़ और शोर शराबे से निकलकर जब मैंने नैनीताल की हवाओं को महसूस किया उस वक्त मैं स्कूल में पढ़ती थी।

दरअसल मेरी जड़े तो नैनीताल की ही थी लेकिन अब मैं नैनीताल के लिए एक foreigner की तरह बन गई थी इसलिए सालों बाद नैनीताल से मिलना मेरे लिए किसी बड़े adventure से कम नहीं था। मेरे अंदर नैनीताल घूमने के लिए कुछ ज्यादा ही Excitement थी। वैसे तो मैं नैनीताल की ही हूं लेकिन मैं नैनीताल से एक अजनबी की तरह मिली। नैनीताल खूबसूरत और फेमस हिल स्टेशन में से एक है। यहां की खूबसूरती और प्रकृतिक सुंदरता का तो कोई जवाब नहीं।

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यहां से शुरू होता है वो दिन

नैनीताल उत्तराखंड राज्य के कुमायूं में बसा हुआ है और नैनीताल की खूबसूरती यहां की पहाड़ियों में बसी हुई है। मेरी नैनीताल की यात्रा शुरू होती है नैनी lake से जिसका आकार eye shape में है।

टूरिस्ट को ये जगह खूब भाती है। जब चमचमाती सूरज की किरणे यहां झील पर पड़ती हुई दिखाई देती हैं तो इसका एक अलग ही मजा होता है। लोग यहां enjoy करने, खुल कर जीने, मस्ती करने, boating करने और पार्टी करने भी आते हैं। यहां सैर करने के बाद यही लगता है कि ये हिस्सा दुनिया से अलग है। यहां लोग बेपरवाह होकर एक दूसरे के साथ मौज मस्ती करते हैं।

नैनी lake की सैर करने के बाद मैं अपने parents के साथ घर आई। हर किसी को अपना घर प्यारा होता है, मेरे लिए भी ये स्वर्ग की तरह था। मैं घर के आगे घंटो खेलती, उछलती और डांस करती रही। मुझे ऐसा फील हो रहा था जैसे मैं अपने घर पहली बार आई हूं।

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जानिए कैसे रंग बदलता है मौसम

मेरे इस उछलने-कूदने में मौसम भी खूब साथ दे रहा था। उस दौरान जून का मौसम था इसलिए बेशक मौसम भी रंग बदलने वाला था। मैं अपने घर के आगे दूसरे लोगों के साथ खेलना चाहती थी, उनके साथ बात करना चाहती थी लेकिन ऐसा न हो सका क्योंकि बारिश की हल्की फुहार के साथ बर्फ गिरने लगी और मेरे लिए ये बेहद खूबसूरत अनुभव था। जून की भरी दोपहर में बारिश का मजा सिर्फ नैनीताल में ही मिल सकता है।

धीरे-धीरे दिन ढलने वाला था। शाम की शुरूआत हो चुकी थी। बारिश की छोटी-छोटी बूंदें और हल्की ठंड हो तो शाम का मजा कुछ और ही हो जाता है। ऐसे में बाहर घूमना बेहद खुशनुमा अनुभव देता है। शाम के वक्त हमने नंदा देवी के दर्शन किए।

नैनी lake के उत्तर में बसे इस सती देवी के मंदिर की अलग-अलग धार्मिक मान्यताएं हैं। यहां एक पीपल का पेड़ है जिससे लोगों की कई तरह की आस्थाएं जुड़ी हुई हैं। यहां घूमने के बाद हम माल रोड गए जहां शॉपिंग के लिए हजारों भीड़ इकट्ठा होती है। कई तरह के रेस्टोरेंट्स, दुकानें और शॉपिंग सेंटर के अलावा यहां की सड़कें भी आपका ध्यान आकर्षित करती हैं। street market का असली मजा सिर्फ यहीं मिल सकता है क्योंकि यहां हर तरह के कपड़ें और jewellery मिलती हैं।

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शाम बीत चली थी और रात ने दस्तक दे दी थी। हल्की बारिश की आवाज और blanket में आराम की नींद, वाकई ये मेरे लिए बेहद खुशनुमा पल था। मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। उस दिन मुझे महसूस हुआ कि लोग नैनीताल क्यों घूमने आते हैं। यहां की खूबसूरत वादियां, प्राकृतिक नजारें और पहाड़ियों पर चलती ठंडी हवाएं वाकई जन्नत है। मेरे बचपन की सबसे खूबसूरत यादों में से एक नैनीताल ट्रिप है।

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