झारखंड में स्थित पलामू किला के बारे में कितना जानते हैं आप?

अगर आप ऐतिहासिक चीजों को देखने के शौकीन हैं, तो यकीनन आपको एक बार पलामू किला जरूर घूमना चाहिए।

interesting facts about palamu fort in hindi
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भारत में कई ऐसे किले हैं जो न सिर्फ ऐतिहासिक हैं बल्कि उनका इतिहास भी काफी प्राचीन है और इनमें से कुछ किले ऐसे भी हैं, जिनके बारे में लोगों को मालूम ही नहीं है कि उनका क्या इतिहास है और उनकी क्या ऐतिहासिक पृष्ठभूमि रही है। क्योंकि भारत के कई किले आजादी, साहस, बलिदान और प्राचीन प्रतिमा के साक्ष्य के तौर पर पूरे विश्व में जाने जाते हैं। ऐसा ही एक किला झारखंड में स्थित है और इसका नाम पलामू किला है। बता दें कि यह किला राजवंशों के राजाओं की देन है।

हालांकि, वर्तमान समय में यह किला बहुत ही खास्ता हालत में है लेकिन आज भी यह क्षेत्र की शान और पर्यटकों का प्रमुख केंद्र है। साथ ही, कहा जाता है कि यह किला नजाने कितनी कहानियों का गवाह है, तो आइए जानते हैं कि यह किला इतना ऐतिहासिक क्यों हैं और इसका क्या इतिहास है।

1- क्या है पलामू किले का इतिहास-

What is History of palamu fort in jharkhand

यह किला भारत के सबसे प्राचीन किलोंमें शामिल है, जिसे 'पुराना किला' और 'नया किला' के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, कई स्थानीय लोग इसे 'चलानी किला' भी कहते हैं। कहा जाता है कि इस किले को राजा मेदिनी राय ने बनवाया था और यह चेरो राजवंश के राजाओं की देन है।

इसके अलावा, कहा जाता है कि इस किले का काफी ऐतिहासिक महत्व रहा है, जिसका निर्माण दुश्मनों से रक्षा करने के लिए करवाया गया था। आसपास दो किले हैं कहा जाता है कि मैदानी इलाकों में मूल किला और दूसरे से सटे पहाड़ी पर चेरो वंश के राजाओं का किला है।

2- कैसी है वास्तुकला-

Where is palamu fort in india

अगर हम बात करें इसकी वास्तुकला की, तो आपको बता दें कि इस किले की वास्तुकला में इस्लामिक शैली में निर्मित की गई है। इस किला को लगभग 3 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में बनाया गया है। इसमें 7 फीट चौड़ाई के वाले तीन द्वार भी बनाए गए हैं।

केंद्रीय द्वार तीन द्वारों में सबसे बड़ा है इसलिए इसे "सिंह द्वार" के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, किले का निर्माण चूने और सुरखी मोर्टार से किया गया है। इसके अलावा, इस किले के मुख्य द्वार को नागपुरी शैली में निर्मित किया गया है। इसलिए इस किले में प्रवेश द्वार को नागपुरी गेट के नाम से भी जाना जाता है।

3- क्या है खासियत?

Jharkhand Palamu fort travel tips

झारखंड के पलामू शहर का सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक किला है। (थालास्सेरी किला के बारे में कितना जानते हैं आप) यह व्यापक रूप से अपनी प्राचीन खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इस किले की खासियत ये है कि आप इस किले को देखने के साथ-साथ कई ऐतिहासिक चीजों से रूबरू होंगे जैसे- आपको इस किले के आसपास पहाड़ी मैदान मिलेंगे।साथ ही, इस किले के अंदर कई वॉर टॉवर भी मौजूद है। आप यह भी देख सकते हैं। आप इस किले को घूमने के अलावा स्वादिष्ट व्यंजनों का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

4- कैसे जाएं?

बस– अगर आप बस से जाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले रांची और हजारीबाग बस, रेल से दूरी तय करनी है फिर यहां से आप दल्तोंराज तक पहुंचने के लिए भी बस कर सकते हैं।

रेलगाड़ी– दल्तोंराज को जाने के लिए आप रांची, पटना, हजारीबाग और नेतरहाट तक रेलगाड़ी में आसानी से आ सकते हैं। इसके बाद, आप पलामू तक कोई ऑटो कर सकते हैं। (झारखंड के हिल स्टेशन)

हवाई जहाज– रांची का हवाई अड्डा इस किले के सबसे पास है आप यहां हवाई अड्डा से भी जा सकते हैं। हालांकि, आपको यहां से बस या फिर ऑटो करना होगा।

5- घूमने का कब बनाएं प्लान?

Palamu fort history

इस किले को घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च तक होता है। हालांकि, आप इन महीनों के अलावा भी ये किला घूम सकते हैं।

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6- किला देखने का समय-

आप पलामू किले की सैर सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक कर सकते हैं। साथ ही, ये किला सप्ताह के सातों दिन खुला रहता हैं। आप किसी भी दिन इस किले की सैर कर सकते हैं।

इस किले की सैर करने के बाद यकीनन आपको बहुत अच्छा लगेगा। आपको लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर और लाइक ज़रूर करें, साथ ही, ऐसी अन्य जानकारी पाने के लिए जुड़े रहें हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit- (@wikimedia,tripinfi.com,gumlet.assettype.com)

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