वेल्लार नदी के तट पर स्थित पुदुक्कोट्टई तमिलनाडु का एक बेहद ही खूबसूरत शहर है। यह शहर कई मायनों में खास है, क्योंकि यहां पर चोलों से लेकर पांड्यों, थोंडाइमानों और अंग्रेजों द्वारा शासन किया गया है। यही कारण है कि यहां पर आपको कई ऐतिहासिक स्मारकों को देखने का अवसर मिलेगा। अगर आप इतिहास में रुचि है या फिर आप कला प्रेमी हैं तो ऐसे में आपके लिए पुदुक्कोट्टई एक बेहतरी टूरिस्ट स्पॉट है।
पुदुक्कोट्टई जिला रामनाथपुरम, त्रिची, शिवगंगा और तंजावुर से जुड़ा हुआ है। यहां पर आपको सिर्फ ऐतिहासिक स्मारक ही नहीं, बल्कि मंदिरों, किलों और महलों के आदि को अनुभव करने को मिलेगा। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई में देखने लायक कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में बता रहे हैं-
ब्रहदम्बल मंदिर (Brahadambal Temple)
ब्रहदम्बल मंदिर पुदुक्कोट्टई में मौजूद एक बेहतरीन स्थान है। द्रविड़ और जैन आर्किटेक्चर स्टाइल के मिश्रण के कारण लोग अक्सर इस मंदिर में दर्शन हेतु आते हैं। मंदिर में मौजूद देवताओं में भगवान गोकर्णेश्वर और उनकी पत्नी ब्रह्मादम्बल हैं। ऐसा माना जाता है कि पल्लव वंश के राजा महेंद्रवर्मा प्रथम ने इसका निर्माण कराया था। इस इमारत का पुनर्निर्माण पांड्य, चोल, थोंडेमन और न्याकर राजाओं जैसे राजवंशों द्वारा किया गया था। इस मंदिर को थिरुगोकर्णम, कोकर्णेश्वर और गोकर्णेश्वर मंदिर जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है। (भारत की शान थे पाकिस्तान के ये किले)
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थिरुमायम फोर्ट (Thirumayam Fort)
थिरुमायम फोर्ट पुदुक्कोट्टई के घूमने लायक बेहतरीन स्थानों में से एक है। यह फोर्ट़ शहर के केंद्र से थोड़ी दूर स्थित है। किले के ऊपर चढ़ना थोड़ा कठिन हो सकता है, लेकिन एक बार वहां पहुंचने पर आपको बेहद ही आश्चर्यजनक नजारों को देखने का अवसर प्राप्त होता है। किले में एक विशाल शिवलिंग भी है, जहां तक पहुंचने के लिए आपको कुछ सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
सित्तनवासल (Sittanavasal)
यह पुदुक्कोट्टई में मौजूद सबसे प्रसिद्ध गुफाओं में से एक है। सित्तनवासल एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन है। एएसआई ने इसे आदर्श स्मारक का नाम दिया है। अंदर लगी पेंटिंग्स जैन मंदिर की हैं। हैं। यह एक चट्टान को काटकर बनाया गया मठ है। ऐसा माना जाता है कि इसे दूसरी शताब्दी में जैनियों ने बनवाया था। यहां पर बने म्यूरल्स को हरे, पीले, काले, सफेद और हरे जैसे गहरे रंगों का उपयोग करके मिनरल्स और वेजिटेबल डाइज की मदद से बनाया गया है। (संगम नगरी प्रयागराज में घूमने लायक जगहें)
विरालीमलई सैन्चुरी (Viralimalai Sanctuary)
यह तमिलनाडु में मौजूद एक पॉपुलर वाइल्डलाइफ सैन्चुरी है। यह सैन्चुरी कई प्रजातियों के निवास स्थान के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, वाइल्डलाइफ सैन्चुरी में मौजूद मोर पर्यटकों को अक्सर आकर्षित करते हैं। अभयारण्य पुदुक्कोट्टई से 42 किमी और त्रिची से 30 किमी दूर है। अभयारण्य में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला मोर टंडिकन या पलावन मोर तीतर है। यहां घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल तक का माना जाता है। हालांकि, मानसून के दौरान भी लोग वाइल्डलाइफ सैन्चुरी आते हैं।
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अवुर चर्च (Avur Church)
यह एक रोमन कैथोलिक चर्च है जो अवुर नामक एरिया में स्थित है। यह पुदुक्कोट्टई से करीबन 28 किलोमीटर दूर है। इस चर्च का दोबारा निर्माण 1747 में किया गया था। रेव जॉन वेनाटियस बैचेट ने इसे बनवाया था। जब भी लोग पुदुक्कोट्टई घूमने के लिए आते हैं तो इस चर्च का दौरा अवश्य करते हैं।
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Image Credit- wikipedia
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