
भारत के हर राज्य की अपनी एक अलग खूबसूरती और विशेषता है। केरल भी इससे अलग नहीं है। प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर केरल में घूमने का अपना एक अलग ही आनंद है। यहां का कण-कण व्यक्ति आपको शांति और खुशी का अहसास करवाता है। केरल में ही जोरहाट शहर स्थित है, जिसे भारत में सबसे बड़े चाय बागानों के घर के रूप में देखा जाता हैं यहां तक कि इसे भारत की चाय राजधानी के रूप में जाना जाता है।
जोरहाट ना केवल बेहद ही खूबसूरत शहर है, बल्कि इसका अपना एक अलग ऐतिहासिक महत्व भी है। यह छह शताब्दियों से अधिक समय तक अहोम राजवंश की अंतिम राजधानी थी और यही कारण है कि इस स्थान का अपना एक समृद्ध इतिहास और संस्कृति है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको जोरहाट में स्थित कुछ ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको अपनी केरल यात्रा के दौरान अवश्य देखना चाहिए-

अगर आप जोरहाट में हैं तो आपको माजुली द्वीप अवश्य जाना चाहिए। माजुली द्वीप तक पहुंचने के लिए आपको ब्रह्मपुत्र नदी(का इतिहास) के माध्यम से जाना होगा। माजुली इस क्षेत्र का सबसे बड़ा नदी द्वीप है। क्रूज पर नौकायन करते समय आप आसपास के प्राकृतिक माहौल को देखने का अवसर मिलेगा द्वीप पर पहुंचने के बाद आप बांस से बने पारंपरिक कॉटेज में रहें। इसके अलावा, आप यहां पर मठों का दौरा करें।
गिब्बन वाइल्डलाइफ सैन्चुरी जोरहाट से 15 किमी दूर स्थित है। यह वाइल्डलाइफ सैन्चुरी 1915 हेक्टेयर भूमि में फैला है। इस वाइल्डलाइफ सैन्चुरी की खासियत यह है कि विभिन्न प्रजातियों के प्राइमेट आमतौर पर यहां पाए जाते हैं, जो अन्य वाइल्डलाइफ सैन्चुरी में बहुत कम देखे जाते हैं। यहां पाए जाने वाले कुछ बंदरों में कैप्ड लंगूर, हूलॉक गिब्बन, स्लो लोरिस और रीसस बंदर शामिल हैं। वहीं, आपको यहां पर हाथी, तेंदुए और जंगली सुअर शामिल हैं। बता दें कि इस वाइल्डलाइफ सैन्चुरी का नाम हूलॉक गिब्बन से लिया गया है।
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रबर और कॉफी के बागानों के बीच में बहते हुए, काकोचांग वाटरफॉलदेखने में बेहद ही खूबसूरत लगता है। जोरहाट के बोकाखाट से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, इस वाटरफॉल की खूबसूरती को निहारने क लिए बड़ी संख्या में आकर्षित करता है। यहां से देखने पर हरे-भरे चाय के बागानों का नजारा शानदार होता है।
तोकलाई चाय रिसर्च सेंटर दुनिया के सबसे बड़े और साथ ही सबसे पुराने चाय चाय रिसर्च सेंटर में से एक है। इस रिसर्च सेंटर को 1911 में स्थापित किया गया था। यहां चाय की खेती और प्रोसेसिंग पर विभिन्न रिसर्च की जाती है। इस सेंटर का उद्देश्य चाय की न्यूट्रिशन वैल्यू को बढ़ाना है।

अगर आप जोरहाट में हैं तो आपको शिवसागर अवश्य जाना चाहिए। यह स्थान प्राकृतिक और ऐतिहासिक रूप से बेहद ही महत्वपूर्ण है। अहोम राजवंश के शासन ने इस क्षेत्र में बहुत सारे विरासत स्थलों को पीछे छोड़ दिया है। यहां पर आप शिवडोल मंदिर, ताई-अहोम म्यूजियम और रंग घर मंडप जैसी ऐतिहासिक जगहों को देख सकती हैं। इसके अलावा, नदी के किनारे बैठकर आप प्रकृति को निहार सकती हैं।
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यदि आप ब्रह्मपुत्र के अद्भुत जल का अनुभव करना चाहती हैं, तो निमति घाट का दौरा अवश्य करें। यह घाट एक महत्वपूर्ण पोर्ट एरिया भी है। अगर आप यहां पर हैं तो स्थानीय भोजनालयों में स्थानीय व्यंजनों और ताजे पके समुद्री भोजन का आनंदलेना ना भूलें और दिन के अंत में ब्रह्मपुत्र की गोद में लुभावने सूर्यास्त का अनुभव करें। निमती घाट वास्तव में जोरहाट में घूमने की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है।
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