किसी ट्रिप पर जाने से पहले आप अपने स्किन केयर रूटीन को जरूर फॉलो करती होंगी। आजकल जिस तरह लाइफस्टाइल, गर्मी और पॉल्यूशन का प्रकोप बढ़ रहा है आपकी स्किन के लिए सन प्रोटेक्शन बहुत जरूरी हो गया है। यकीनन सनस्क्रीन का इस्तेमाल आप पहले से करती होंगी, लेकिन सन स्क्रीन को किस तरह से यूज किया जाता है वह कई लोगों को नहीं पता होता। कई बार लोगों की शिकायत होती है कि सनस्क्रीन लगाने के बाद भी वो बहुत ज्यादा डार्क हो गए हैं। टैनिंग का असर सनस्क्रीन लगाने के बाद भी हो सकता है। कोई भी सनस्क्रीन आपको पूरी तरह से टैन फ्री नहीं रखेगी, लेकिन अगर उसे सही तरह से अप्लाई किया जाएगा, तो वह काफी हद तक बचाव कर सकती है।
FAAD बोर्ड सर्टिफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट और स्किन 'इन्फिनिटी बाय जयश्री' की फाउंडर और कई किताबों की ऑथर डॉक्टर जयश्री शरद ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है। उनके हिसाब से सनस्क्रीन के काम ना करने के पीछे आपकी कुछ गलतियां छुपी होती हैं। इन्हें आपको बिल्कुल दोहराना नहीं चाहिए।
डॉक्टर जयश्री के मुताबिक, कितनी भी महंगी और अच्छी सनस्क्रीन क्यों ना हो अगर आप सही मात्रा में उसे नहीं लगाएंगी, तो वह असर नहीं करेगी। सनस्क्रीन लगाने के लिए अपनी दोनों उंगलियों को सामने रखें और उनके ऊपर सनस्क्रीन की पतली लेयर लगाएं। इतनी मात्रा में सनस्क्रीन चाहिए आपकी स्किन को प्रोटेक्ट करने के लिए।
हां, इसे लगाने में आपको समय लगेगा क्योंकि इतनी मात्रा में सनस्क्रीन आसानी से आपकी स्किन में एब्जॉर्ब नहीं होगी, लेकिन जब यह लग जाएगी, तो आपकी स्किन सूरज की हानिकारक किरणों से बच जाएगी। आपकी स्किन में यूवीए और यूवीबी किरणों का अब्जॉर्प्शन कम होगा। अधिकतर लोग इतनी मात्रा में सनस्क्रीन नहीं लगाते हैं।
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नहीं-नहीं यहां सिर्फ एक्सपायर्ड सनस्क्रीन की बात नहीं हो रही है। दरअसल, सनस्क्रीन में सही मात्रा में एसपीएफ होना जरूरी है। कम से कम 50 एसपीएफ या उससे ज्यादा और PA++++ होना चाहिए। एसपीएफ होता है सन प्रोटेक्शन फैक्टर जो यूवीबी किरणों से बचाता है और इतना ही जरूरी होता है यूवीए किरणों से बचाव। पीए का मतलब है प्रोटेक्शन ग्रेड। यहां जितने ज्यादा + साइन होंगे उतनी ही अच्छी तरह से सनस्क्रीन आपको यीवीए किरणों से बचा पाएंगी। यूवीबी किरणें जहां ऊपरी सतह पर रहकर स्किन के पिगमेंटेशन पर असर करती हैं, वहीं यूवीए किरणें स्किन की अंदरूनी सतह तक जाती हैं और इससे स्किन में जल्दी एजिंग होती है और झुर्रियां और झाइयां पड़ती हैं।
भले ही आपके ऊपर डायरेक्ट सनलाइट नहीं पड़ रही है, लेकिन यूवीए किरणें मौजूद होती हैं। आपको सनस्क्रीन में ऐसे इंग्रीडिएंट्स चेक करने चाहिए जैसे आयरन ऑक्साइड जो इन किरणों से बचाव करेंगी। अगर आप घर से अंदर हैं, तो भी सनस्क्रीन अपने डेली रूटीन में जरूर शामिल करें।
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भले ही यह बहुत अजीब प्रोसेस लगे, लेकिन सनस्क्रीन आपको हर दो घंटे बाद लगानी चाहिए। इसका कारण यह है कि हमारी स्किन सनस्क्रीन को एब्जॉर्ब कर लेती है और इसके कारण बार-बार सनस्क्रीन लगाने की जरूरत पड़ती है। अगर आप खुद को इन हानिकारक किरणों से बचाना चाहती हैं, तो ऐसा जरूर करें।
ऐसा हो सकता है कि आप एक बार लगाने के बाद सनस्क्रीन का इस्तेमाल दोबारा ना कर पाएं। यह हो सकता है और ऐसे समय में आपको कुछ टिप्स फॉलो करनी हैं।
1. अपने साथ थर्मल वॉटर मिस्ट खें और जब भी पसीना आ रहा हो इसे छिड़कें जिससे सनस्क्रीन पसीने के कारण स्किन से बह ना पाए और ऊपरी लेयर लंबे समय तक टिकी रहे।
2. अपने साथ पाउडर सनस्क्रीन भी कैरी कर सकती हैं जिसे आप जब चाहें अपनी स्किन का पसीना एब्जॉर्ब करने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे यूवी प्रोटेक्शन ज्यादा होगा।
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