जब मौसम बदलता है, तो आपकी स्किन की जरूरतें भी बदल जाती हैं। चूंकि अब गर्मियों ने दस्तक दे ही है तो यकीनन आपने भी अपने स्किन केयर रूटीन में कुछ बदलाव करने शुरू कर दिए होंगे। वैसे भी गर्मियों में हम सभी बाहर अधिक समय बिताने की इच्छुक रहती हैं। हम गर्मियों का आनंद लेना चाहती हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बाहर निकलने से पहले सनप्रोटेक्शन जरूरी है।
इसी तरह घर में रहते हुए भी आपकी स्किन को कुछ देखभाल की जरूरत होती है और आपके स्किन केयर रूटीन का पर्याप्त लाभ तभी मिलता है, जब आप अपनी स्किन और मौसम को ध्यान में रखकर ऐसा करें। हालांकि, महिलाओं के मन में समर स्किन केयर को लेकर कई तरह के मिथ्स भी मौजूद है।
इन मिथ्स को सच मानने का खामियाजा वास्तव में आपकी स्किन को भुगतना पड़ता है। तो चलिए आज हम आपको समर स्किन केयर से जुड़े कुछ मिथ्स व उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-
तथ्य- सूरज की किरणें टैनिंग की वजह बनती हैं और स्किन के कॉम्पलेक्शन को डार्क बनाती हैं। इसलिए जिन महिलाओं की स्किन कॉम्पलेक्शन पहले से ही डार्क होती है, उन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें सन प्रोटेक्शन की जरूरत नहीं है, जबकि ऐसा नहीं है। हानिकारक यूवी किरणें सभी प्रकार की त्वचा में प्रवेश कर सकती हैं, इसलिए गहरी त्वचा वाली महिलाओं को भी घर से बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूर अप्लाई करना चाहिए।
तथ्य-यह भी एक मिथ है। एक बार सनस्क्रीन लगाने के बाद हर 2 घंटे में फिर से अप्लाई करना चाहिए। अमूमन देखने में आता है कि महिलाएं सुबह में सिर्फ एक बार सनस्क्रीन लगाती हैं।
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जबकि, सनस्क्रीन से सुरक्षा कुछ ही घंटों में फेड हो जाती है। इसलिए स्किन की सही तरह से प्रोटेक्शन करने के लिए जरूरी है कि आप सनस्क्रीन हर दो घंटे या पसीने या गीला होने के बाद फिर से अप्लाई करें।
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तथ्य-कॉटन या लिनेन के कपड़ों का एसपीएफ केवल 5 होता है। इसका अर्थ यह है कि समर्स में कॉटन क्लॉथ पहनने के बाद भी आपकी स्किन को सनबर्न की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में यह जरूरी हे कि आप सन प्रोटेक्टिव फैब्रिक को चुनें, जिसका एसपीएफ अधिक हो। इसके अलावा, अगर आप कॉटन या लिनेन के कपड़े पहन रही हैं तो उसके नीचे सनस्क्रीन लोशन को जरूर अप्लाई करें।
तथ्य- आमतौर पर महिलाएं मानती हैं कि बादल होने पर सूरज की हानिकारक किरणें उनकी स्किन को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं, इसलिए सनस्क्रीन अप्लाई करने की कोई जरूरत नहीं होती। जबकि वास्तविकता यह है कि सूरज की पराबैंगनी किरणों का 80 प्रतिशत तक बादलों और कोहरे से गुजर सकता है। बादल और धूप के दिनों में सनस्क्रीन अवश्य लगाएं।
तथ्य-समर स्किन केयर को लेकर यह एक आम मिथ है। अमूमन महिलाएं अपने चेहरे पर तो सनस्क्रीन लगा लेती है, लेकिन लिप्स पर सनस्क्रीन लगाना संभव नहीं होता। इसलिए उन्हें लगता है कि उनके लिप्स को इसकी जरूरत ही नहीं है।
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जबकि ऐसा नहीं है। सूरज की हानिकारक किरणें आपकी स्किन के साथ-साथ लिप्स को भी नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए आप लिप्स को सनप्रोटेक्ट करने के लिए आप एसपीएफ युक्त लिप बाम को अपने लिप्स पर अप्लाई करें।
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