स्किन पर किसी भी तरह का पिगमेंटेशन बहुत ही ज्यादा परेशानी भरा साबित हो सकता है। कुछ लोगों के हाथों पर पिगमेंटेशन की समस्या होती है, कुछ की जांघों पर, कुछ के चेहरे पर तो कुछ की गर्दन पर। ये भले ही शरीर के किसी भी हिस्से पर हो ये इस बात का अंदेशा देता है कि या तो आपको स्किन से जुड़ी कोई समस्या है या फिर हेल्थ से जुड़ी कोई बड़ी परेशानी है। हाइपर पिगमेंटेशन एक ऐसी डिजीज है जिसमें स्किन का एक हिस्सा ज्यादा काला हो जाता है।
इस समस्या के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट कई तरह के ऑप्शन्स बताते हैं और इसके लिए इन दिनों पीलिंग को बहुत ज्यादा अच्छा माना जा रहा है। पर क्या ये सबके लिए सही है?
हमने इसके बारे में डर्मा मिरेकल क्लीनिक के फाउंडर और डायरेक्टर नवनीत हरोर से बात की। उन्होंने हमें पिगमेंटेशन और पीलिंग को लेकर कुछ बातें बताईं जो शायद आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं।
कई तरह की पीलिंग थेरेपी आती हैं पिगमेंटेशन के काम
पिगमेंटेशन के लिए स्किन पीलिंग शायद इस समय सबसे ज्यादा असरदार तरीका है। इसे ज्यादा अच्छा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इससे जल्दी असर दिखते हैं। अलग-अलग तरह की पीलिंग तकनीक जैसे केमिकल पील, डिपिगमेंटेशन पील, पार्टी पील, कार्बन पील आदि बहुत सही साबित हो सकती है।
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किन लोगों के लिए असरदार होगी पीलिंग?
पीलिंग उन लोगों के लिए असरदार होगी जिनकी स्किन में किसी तरह के डार्क या लाइट पैच बने हुए हैं। चेहरे में झाइयां भी कम करने के लिए पीलिंग असरदार साबित हो सकती है। ये स्किन इंपरफेक्शन को खत्म करने के लिए इस्तेमाल होती है। हालांकि, कई लोगों की स्किन में पिगमेंटेशन की समस्या ज्यादा ही परेशानी पैदा कर सकती है और ऐसे में डॉक्टर आपको ये सजेस्ट कर सकता है, लेकिन इसके लिए आपको किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
आपको ये समझना होगा कि ये सभी के लिए नहीं होती है और कई लोगों को इससे रिएक्शन भी हो सकते हैं। हां, चेहरा क्लीन करने का या कलर करेक्टिंग का ये अच्छा तरीका साबित हो सकती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप इसे करवा ही लें। इसके कई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
क्या होते हैं केमिकल पील के साइड इफेक्ट्स?
केमिकल पील के साइड इफेक्ट्स भी कई हो सकते हैं और इसके लिए पहले आपको किसी डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी है।
रेडनेस और सूजन
केमिकल पील या किसी भी तरह की स्किन पीलिंग इस्तेमाल करने का सबसे पहला साइड इफेक्ट होता है स्किन में रेडनेस और सूजन। ये किसी को भी हो सकता है और इससे बचने के लिए आपको पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
दाग पड़ना
अगर आपको केमिकल्स सूट नहीं करते हैं तो ये हो सकता है कि आपकी स्किन पर पीलिंग के बाद ज्यादा दाग पड़ जाएं। आमतौर पर चेहरे के निचले हिस्से पर दाग भी पड़ सकते हैं, हालांकि ये टेंपरेरी होते हैं और ऐसे में एंटीबायोटिक्स आदि काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
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स्किन कलर में बदलाव
केमिकल पील का इस्तेमाल करते-करते ऐसा हो सकता है कि आपकी स्किन का कलर बाकी स्किन से ज्यादा लाइट हो जाए। ये हाइपोपिगमेंटेशन कहलाता है। हालांकि, ये डीप पील के बाद होता है, लेकिन फिर भी कई लोगों को इस तरह की समस्या हो सकती है।
इन्फेक्शन
केमिकल पील के बाद बैक्टीरियल या फंगल इन्फेक्शन जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। ये स्थिति काफी गंभीर भी साबित हो सकती है जिससे दूर रहने के लिए ये जरूरी है कि आप पहले किसी एक्सपर्ट से कंसल्ट करें और उसके बाद काम करें।
अगर आपको पिगमेंटेशन की समस्या कम है तो लाइट केमिकल पील चुनें क्योंकि ये सिर्फ स्किन की आउटर लेयर पर ही असर डालती है। ये फाइन रिंकल्स, एक्ने, अन इवन स्किन टोन और ड्राईनेस जैसी समस्या को खत्म करने में मददगार साबित हो सकती है। इसके अलावा, मीडियम और केमिकल पील के लिए आप डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।
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