Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा पर श्री राधा कृष्ण की क्यों होती है पूजा?

शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी के अलावा, श्री राधा रानी और श्री कृष्ण की पूजा का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्री राधा रानी और कृष्ण की पूजा करने से प्रेम में सफलता प्राप्त होती है।
sharad purnima pr kyu ki jati hai radha krishna ki puja
sharad purnima pr kyu ki jati hai radha krishna ki puja

हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथियां पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है शरद पूर्णिमा जो अश्विन माह में आती है। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसी दिन माता लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं। ऐसे में जो भी व्यक्ति शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करता है उसके घर-जीवन में हमेशा बरकत बनी रहती है।

वहीं, शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी के अलावा, श्री राधा रानी और श्री कृष्ण की पूजा का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्री राधा रानी और कृष्ण की पूजा करने से प्रेम में सफलता प्राप्त होती है। किसी के प्रेम विवाह में बाधा आ रही है तो इस दिन श्री राधा कृष्ण की पूजा से वह भी दूर हो जाती है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं शरद पूर्णिमा से जुड़ी राधा कृष्ण की कथा।

शरद पूर्णिमा पर क्यों की जाती है राधा कृष्ण की पूजा?

sharad purnima pr kya hai radha krishna ki puja ke labh

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार सभी गोपियां राधा रानी के पास पहुंची और उनसे कृष्ण मिलन के लिए प्रार्थना करने लगीं। सभी गोपियों ने राधा रानी से कहा कि उके बुलाने पर कृष्ण रास रचाने अवश्य आएंगे।

यह भी पढ़ें:Sharad Purnima 2024 Upay: शरद पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय, धन-धान्य में होगी वृद्धि

जब राधा रानी ने आंख बंद कर कान्हा का स्मरण किया तब अपनी आराध्य शक्ति अपनी प्रिया के लिए कृष्ण तुरंत वहां प्रकट हो गए। राधा रानी ने श्री कृष्ण से रास रचाने का आग्रह किया तो कृष्ण भी तैयार हो गए।

what are the benefits of worshipping radha krishna on sharad purnima

श्री कृष्ण ने रदः रानी समेत सभी गोपियों से अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि यानी कि शरद पूर्णिमा के दिन यमुना घाट पर आने के लिए कहा। शारद पूर्णिमा पर सभी गोपियां और राधा रानी पूर्ण श्रृंगार कर पहुंची।

यह भी पढ़ें:Sharad Purnima 2024: कब है शरद पूर्णिमा? जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और महत्व

तब श्री कृष्ण ने राधा रानी समेत 16 हजार गोपियों संग 16 हजार रूप धर वृंदावन के वंशी वट पर महारास रचाया था। महारास के समय चंद्रमा भी अपनी 16 कलाओं से युक्त आकाश में तब स्थापित थे।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर शरद पूर्णिमा के दिन क्यों की जाती है राधा कृष्ण की पूजा और क्या हैं उससे मिलने वाले लाभ।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HerZindagi Video

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP