
अयोध्या में रामलला की मूर्ति का श्रृंगार प्रतिदिन अलग-अलग रंगों के वस्त्रों से किया जाता है और इसके पीछे गहरा धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व छिपा है। यह परंपरा केवल सुंदरता के लिए नहीं है बल्कि यह ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं और भारतीय संस्कृति के गहन ज्ञान से जुड़ी हुई है। हर रंग एक विशेष ग्रह, देवता और गुण का प्रतिनिधित्व करता है जिसे धारण करके रामलला अपने भक्तों को उस रंग से जुड़े शुभ फल प्रदान करते हैं। यह विविधता भक्तों के लिए भी एक आनंद और आकर्षण का केंद्र होती है क्योंकि उन्हें हर दिन प्रभु का एक नया, रंगीन और दिव्य स्वरूप देखने को मिलता है। यह प्रक्रिया एक तरह से रामलला को सभी नवग्रहों की ऊर्जा से जोड़ती है। ऐसे में आइये जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से इस अबरे में और भी ज्यादा विस्तार से।
रामलला के प्रतिदिन के वस्त्रों का रंग ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित होता है जो सप्ताह के सात दिनों और उनसे जुड़े नव ग्रहों को समर्पित होता है।

रविवार (सूर्य देव का दिन - लाल/गुलाबी): यह दिन सूर्य देव को समर्पित है। सूर्य आत्मा, तेज, यश, मान-सम्मान और सरकारी कार्यों में सफलता के कारक हैं। रामलला को इस रंग के वस्त्र पहनाने से भक्तों को स्वास्थ्य, आत्मबल और समाज में उच्च पद की प्राप्ति होती है।
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सोमवार (चंद्र देव का दिन - सफेद/हल्का पीला): यह दिन चंद्रमा को समर्पित है, जो मन, शांति, शीतलता और माता का कारक है। इस रंग के वस्त्र से मन को शांति मिलती है, मानसिक तनाव दूर होता है और पारिवारिक सुख प्राप्त होता है।
मंगलवार (मंगल देव का दिन - लाल/नारंगी): यह दिन मंगल ग्रह और हनुमान जी को समर्पित है, जो साहस, ऊर्जा, पराक्रम और विजय के कारक हैं। इस रंग से भय दूर होता है, साहस में वृद्धि होती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
बुधवार (बुध देव का दिन - हरा): यह दिन बुध ग्रह को समर्पित है जो बुद्धि, वाणी, व्यापार और शिक्षा के कारक हैं। इस रंग के श्रृंगार से भक्तों की बुद्धि तेज होती है, व्यापार में लाभ मिलता है और वाणी मधुर होती है।

गुरुवार (बृहस्पति देव का दिन - पीला): यह दिन बृहस्पति (गुरु) ग्रह को समर्पित है, जो धर्म, ज्ञान, सौभाग्य और धन के सबसे बड़े कारक हैं। यह रंग ज्ञान, समृद्धि और वैवाहिक सुख प्रदान करता है। रामलला को यह रंग अत्यंत प्रिय भी है।
शुक्रवार (शुक्र देव का दिन - हल्का गुलाबी/रंग-बिरंगा): यह दिन शुक्र ग्रह को समर्पित है जो भौतिक सुख, प्रेम, सौंदर्य, कला और ऐश्वर्य के कारक हैं। इस रंग से जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं, आकर्षण और कलात्मकता आती है।
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शनिवार (शनि देव का दिन - नीला/बैंगनी): यह दिन शनि देव को समर्पित है, जो न्याय, कर्म, अनुशासन और दीर्घायु के कारक हैं। इस रंग के वस्त्रों से शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के कष्ट कम होते हैं और व्यक्ति को न्याय व कर्मों का उचित फल प्राप्त होता है।
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