ज्योतिष शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जो ग्रहों के प्रभाव को दर्शाता है। यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह कमजोर या पीड़ित होते हैं तो इसका सीधा असर आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, रिश्तों, करियर और आर्थिक जीवन में आने वाली समस्याओं का कारण बन सकता है।
कई बार आपके आस-पास कई ऐसे संकेत दिखाई देते हैं जो ग्रहों के कमजोर होने के बारे में बताते हैं। अगर आप अपनी पत्नी से ठीक से बात नहीं करते हैं तो यह आपके शुक्र के कमजोर होने का संकेत हो सकता है, यदि आपकी पत्नी आपसे ठीक से बात न करे तो उनका बृहस्पति कमजोर है।
ऐसे ही यदि आपको रात में अच्छी तरह से नींद नहीं आती है और माता की तबियत खराब रहती है तो आपका चंद्रमा कमजोर है। वजह कुछ भी हो लेकिन यदि आपके नौ में से कोई भी ग्रह कमजोर होते हैं तो आपके जीवन में कई तरह की समस्याएं आने लगती हैं। सेलेब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी जी बताते हैं कि आप कुछ आसान ज्योतिष उपायों से अपने जीवन की इन समस्याओं को कम कर सकते हैं और इन ग्रहों को मजबूत बना सकते हैं। आइए जानें इसके बारे में विस्तार से -
वैदिक ज्योतिष की मानें तो आपकी कुंडली में ग्रह तब कमजोर माने जाते हैं जब वे नीच राशियों में मौजूद हों इसका मतलब यह है कि वो ऐसी राशि में स्थित हों, जहां वे अपनी ताकत खो देते हैं। जैसे कि यदि सूर्य तुला राशि में मौजूद है तो वह कमजोर स्थिति में होता है।
जब शनि, राहु, या मंगल जैसे ग्रहों का प्रभाव किसी राशि पर हो। जब ग्रह वक्री गति में हों या सूर्य के बहुत करीब होने से उनकी शुभता कम हो जाए। इसके अलावा ग्रह उस समय भी कमजोर हो सकते हैं जब वह कुंडली के 6वें, 8वें, या 12वें भाव में हों। यदि इनमें से कोई भी स्थिति में ग्रह होते हैं तो वो अपनी ऊर्जा कम कर देते हैं और कमजोर स्थिति में आ जाते हैं।
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यदि आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है तो आपके आत्मविश्वास में कमी आ सकती है और आपके वर्कप्लेस पर समस्याएं आ सकती हैं। यदि चंद्रमा की स्थिति कमजोर है तो भावनात्मक अस्थिरता, मानसिक समस्याएं और शांति का अभाव बना रहता है। मंगल की कमजोर स्थिति से आपको ज्यादा गुस्सा आ सकता है।
आपको कार्यों में असफलता मिल सकती है और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बुध के कमजोर होने से आपसी संवाद में समस्या और ध्यान की कमी आ सकती है। कमजोर बृहस्पति आपके जीवन में आध्यात्मिक दूरी, आर्थिक अस्थिरता और निर्णय में लेने में त्रुटियों जैसी समस्याओं को न्योता देता है। शुक्र की कमजोर स्थिति संबंधों में समस्या, रचनात्मकता की कमी और वित्तीय नुकसान को बढ़ावा देती है। शनि के कमजोर होने से जीवन में जल्दी सफलता नहीं मिलती है और पुरानी बीमारियों को दूर करने में समस्या आती है।
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एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी जी बताते हैं कि ग्रहों की स्थिति ठीक करने के लिए कोई भी उपाय आजमाने से पहले आपको एक सबसे कारगर उपाय आजमाने की जरूरत है। इसके लिए आप लगातार 8 दिनों तक नहाने के पानी में एक चुटकी नमक डालकर उसी पानी से स्नान करें इससे आपको कई लाभ होंगे और कोई भी उपाय जो आप ग्रह दोषों की मुक्ति के लिए आजमाएंगे वो भी कारगर साबित होगा।
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ज्योतिष की मानें तो नमक के पानी से स्नान करने से कई लाभ हो सकते हैं, जो न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति को भी बढ़ाने में मदद करते हैं। यदि आप लगातार 8 दिनों तक नमक के पानी से स्नान करते हैं तो इसके यहां बताए कई लाभ हो सकते हैं। आइए जानें-
यदि आपकी कुंडली में भी ग्रहों को स्थिति कमजोर है और आप इस समस्या से परेशान हैं तो यहां बताए उपाय को आजमा सकते हैं। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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