आखिर क्यों ऋषिमुख पर्वत पर नहीं जा सकता था बाली?

बाली को लेकर ऐसी कथा मिलती है कि उसने एक मिथ्या-ग्रहण यानी कि गलतफहमी के कारण अपने भाई सुग्रीव को राज्य से निकाल दिया था और सुग्रीव की पत्नी रूमा को बलपूर्वक अपने साथ महल में रख लिया था। 
What was the curse of Rishyamukha
What was the curse of Rishyamukha

रामायण के मुख्य पात्रों में से एक था बाली जिसका वध श्री राम द्वारा हुआ था। बाली को लेकर ऐसी कथा मिलती है कि उसने एक मिथ्या-ग्रहण यानी कि ग़लतफ़हमी के कारण अपने भाई सुग्रीव को राज्य से निकाल दिया था और सुग्रीव की पत्नी रूमा को बलपूर्वक अपने साथ महल में रख लिया था। जब सुग्रीव ने बाली को समझाने का प्रयास किया और उसकी पत्नी को छोड़ने का आग्रह किया।

parvat aur bali se judi shrap ki katha

तब बाली सुग्रीव को मृत्यु के घाट उतारने की संपूर्ण प्रयास करने लगा, लेकिन उसका यह प्रयास सफल नहीं हो पाया क्योंकि हनुमान जी के सुझाव अनुसार सुग्रीव ने भागकर ऋषिमुख पर्वत पर शरण ले ली थी और बाली इस स्थान पर कदम भी नहीं रख सकता था। अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर क्यों बाली ऋषिमुख पर्वत पर नहीं जा सकता था। आइये जानते हैं इस बारे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

बाली और ऋषिमुख पर्वत से जुड़ा श्राप क्या था?

kis parvat par nahi ja sakta tha bali

बाली एक बहुत ही शक्तिशाली वानर राजा था, जिसे भगवान इंद्र से एक अद्भुत वरदान प्राप्त था। इस वरदान के अनुसार, बाली जब भी किसी से युद्ध करता था, तो उसके शत्रु की आधी शक्ति बाली को मिल जाती थी, जिससे बाली और भी अधिक शक्तिशाली हो जाता था और उसे हराना लगभग असंभव हो जाता था। इसी शक्ति के कारण बाली ने देवताओं और असुरों सहित कई शक्तिशाली योद्धाओं को पराजित किया था।

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कथा के अनुसार, ऋषिमुख पर्वत पर मातंग ऋषि नामक एक महान और शक्तिशाली तपस्वी रहते थे। बाली ने एक बार मातंग ऋषि का अनादर किया था। असल में एक बार एक असुर ने बाली को युद्ध के लिए चुनौती दी। बाली ने अपनी शक्ति के अहंकार में उस चुनौती को स्वीकार किया, लेकिन युद्ध करते हुए जब बाली ने उस असुर को उठाकर फेंका तब उसका शव मातंग ऋषि के आशरम में जा गिरा जिससे उनका आश्रम अपवित्र हो गया।

bali ko kya shrap mila tha

मातंग ऋषि की तपस्या भंग हो गई और जब उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से देखा तो उन्हें पता चला कि इस कृत्य के पीछे और कोई नहीं बल्कि बाली था। अपने तपोबल से क्रोधित होकर मातंग ऋषि ने बाली को श्राप दिया कि यदि वह कभी भी ऋषिमुख पर्वत की सीमा में प्रवेश करेगा, तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। ऋषि का श्राप इतना शक्तिशाली था कि बाली अपनी अपार शक्ति के बावजूद उस श्राप का उल्लंघन करने का साहस नहीं कर सका।

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FAQ

  • बाली के पुत्र का क्या नाम था?

    बाली के पुत्र का नाम अंगद था।