हिंदू धर्म में हनुमान जी को संकटमोचन, बल और बुद्धि का दाता माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि भक्त जब भी किसी कठिनाई में फंसते हैं, तो सबसे पहले हनुमान जी का नाम लेते हैं। यही नहीं घर में नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास और सुरक्षा प्रदान बनी रहती है। हनुमान चालीसा में कुल 40 चौपाइयां हैं और दो दोहे हैं जिनके माध्यम से हनुमान जी की महिमा और कृपा का वर्णन किया गया है। वहीं हनुमान चालीसा की कुछ विशेष चौपाइयां भी हैं जिनका पाठ करने से समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है। ऐसी ही एक चौपाई है जिसका पाठ घर से बाहर निकलते ही करने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप इस चौपाई का पाठ घर से निकलते ही करती हैं तो आपको यात्रा में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हो सकती है, यही नहीं इस चौपाई के पाठ से दुर्घटना का भय भी समाप्त हो जाता है। आइए सेलेब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी से जानें हनुमान चालीसा की इस चौपाई के बारे में और उसके पाठ के महत्व के बारे में।
हनुमान चालीसा की इस चौपाई से दुर्घटना का भय कम होता है
'सब सुख रहे तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना।' हनुमान चालीसा की यह चौपाई विशेष रूप से उस समय पाठ करने की सलाह दी जाती है जब कोई व्यक्ति घर से बाहर किसी कार्य के लिए जा रहा हो। चाहे नौकरी, व्यापार, परीक्षा, यात्रा या कोई नया कार्य हो, जिसके लिए आप घर से बाहर निकल रहे हैं तो यह चौपाई पढ़ना शुभ और मंगलकारी माना जाता है। इससे आपकी यात्रा में आने वाली कोई भी बढ़ा समाप्त होती है और यात्रा का शुभ फल मिलता है।
'सब सुख रहे तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना' चौपाई का अर्थ
इस चौपाई में तुलसीदास जी कहते हैं कि-जो भी व्यक्ति हनुमान जी की शरण में आता है, उसे हर प्रकार का सुख प्राप्त होता है। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी की रक्षा में रहते हुए किसी भी तरह का भय या संकट व्यक्ति को छू भी नहीं सकता है। अर्थात, जब इंसान सच्चे मन से हनुमान जी की शरण लेता है, तो उसकी जीवन यात्रा सुरक्षित हो जाती है और हर प्रकार की नकारात्मक शक्तियां या अवांछित बाधाएं दूर रहती हैं।
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घर से निकलते समय इस चौपाई पाठ का महत्व
- आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जब भी हम घर से बाहर निकलते हैं, तो मन में कई आशंकाएं होती हैं। कई बार मन में नकारात्मक ख्याल भी आते हैं जैसे कि कहीं दुर्घटना न हो जाए, कोई कार्य बिगड़ न जाए या यात्रा असुरक्षित न हो। ऐसे समय में यह चौपाई व्यक्ति को मानसिक सुरक्षा और आत्मविश्वास देती है। जिससे विश्वास बनता है कि हनुमान जी स्वयं हमारे रक्षक हैं और कोई भी कार्य सिद्ध होता है।
- इसके साथ ही जब इंसान घर से निकलते समय इस चौपाई का पाठ करता है, तो उसके मन और मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है। इससे न केवल मनोबल बढ़ता है बल्कि काम करने की क्षमता भी प्रबल होती है।
- घर से निकलते समय कई बार मन में अनजाना डर या चिंता बनी रहती है। यह चौपाई उस भय को दूर कर मानसिक शांति प्रदान करती है। हनुमान जी की शरण का स्मरण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास जगता है कि कोई भी बाधा स्थायी नहीं है और जल्द ही सभी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।
यदि आप भी यात्रा से पहले या घर से निकलकर इस चौपाई का पाठ करेंगी तो आपके जीवन में आने वाली किसी भी बाधा से मुक्ति मिल सकती है।
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