Vastu Tips For Home: वास्तु में क्या होते हैं इंद्र, रज और यम, आखिर क्यों घर की सीढ़ियां बनाते समय रखा जाता है इनका विशेष ध्यान

वास्तु के अनुसार यदि हम घर के हर स्थान के लिए वास्तु के नियमों का पालन करते हैं तो सदैव खुशहाली बनी रहती है। वहीं मान्यता यह भी है कि अगर आप किसी भी चीज का निर्धारण सही तरीके से नहीं करते हैं तो इसके नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की संरचना में दिशाओं और ऊर्जा का संतुलन अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। यह संतुलन न केवल भवन के वातावरण को प्रभावित करता है, बल्कि वहां रहने वाले लोगों की समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति पर भी असर डालता है। इसी संदर्भ में इंद्र, रज और यम जैसे तत्वों का घर की विभिन्न संरचनाओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है जिनमें से घर में बनी हुई सीढ़ियों का स्थान भी विशेष महत्व रखता है। वास्तु के नियमों के अनुसार इन तीनों में से एक तत्व का स्थान घर की सीढ़ियों में रखना अत्यंत अशुभ माना जाता है जो घर में नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। इंद्र, रज और यम का वास्तु में क्या महत्व है और किन कारणों से सीढ़ियों में यम का स्थान नहीं होना चाहिए, इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए। जिससे घर में किसी तरह का वास्तु दोष न हो।
वास्तु शास्त्र प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो दिशाओं, ऊर्जा और भवन निर्माण के सिद्धांतों पर आधारित है।

यह विज्ञान इस बात पर जोर देता है कि घर की संरचना, दिशाओं और स्थानों का सही संतुलन न केवल भवन की सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि वहां रहने वाले लोगों की समृद्धि, सुख-शांति और स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ विशेष तत्व और देवता ऐसे होते हैं जिनका घर की विभिन्न दिशाओं और संरचनाओं पर गहरा प्रभाव होता है, जैसे इंद्र, रज, और यम। इनमें से यम का स्थान सीढ़ियों में रखना अत्यंत अशुभ माना जाता है। आइए वास्तु एक्सपर्ट डॉ मधु कोटिया से जानें इंद्र, रज, और यम का वास्तु शास्त्र में क्या महत्व है और किन कारणों से सीढ़ियों में यम का स्थान नहीं होना चाहिए।

वास्तु के अनुसार क्या होता है इंद्र का स्थान

yam and raj in vastu

इंद्र को हिंदू धर्म के देवताओं के राजा के रूप में पूजा जाता है। इन्हें शक्ति, समृद्धि और शांति का प्रतीक भी माना जाता है। वास्तु शास्त्र में इंद्र का स्थान पूर्व दिशा में होता है। पूर्व दिशा को हमेशा शुभ और सकारात्मक दिशा माना जाता है, क्योंकि यह सूर्योदय की दिशा होती है और इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

ऐसा माना जाता है कि घर में इंद्र की दिशा यानी कि पूर्व दिशा में घर का मुख्य द्वार या खिड़कियां होनी चाहिए जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सके। इंद्र की दिशा स्वच्छता, समृद्धि और शांति की दिशा मानी जाती है। यह दिशा घर के सदस्यों की मानसिक शांति और आर्थिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

सीढ़ियों में इंद्र का स्थान क्यों नहीं रखना चाहिए?

सीढ़ियों को वास्तु शास्त्र में एक महत्वपूर्ण संरचना माना गया है, क्योंकि इनसे घर के विभिन्न हिस्सों में ऊर्जा का प्रवाह होता है। इंद्र की दिशा पूर्व में होने के कारण यदि सीढ़ियों को इस स्थान पर रखा जाए तो घर की समृद्धि और शांति बाधित हो सकती है। सीढ़ियों को हमेशा उस दिशा में रखा जाना चाहिए जो स्थिरता और स्थायित्व का प्रतीक हो, जबकि इंद्र की ऊर्जा का स्थान किसी अन्य हिस्से में होना चाहिए जो समृद्धि को प्रोत्साहित करे।

वास्तु के अनुसार क्या होता है रज का स्थान?

what is yam in vastu

रज शब्द संस्कृत के ‘राजस’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है परिवर्तन, गति और क्रियाशीलता। वास्तु शास्त्र में रज को घर की गतिविधियों, जीवनशैली और गतिशीलता से जोड़ा जाता है। यह ऊर्जा घर के सदस्यों की गतिविधियों को नियंत्रित करती है और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। रज का स्थान ऊर्जा का सही संतुलन घर के सामंजस्य और प्रगति को बनाए रखने में सहायक होता है। रज का स्थान घर के उन हिस्सों में होना चाहिए जहां घर के लोग सबसे ज्यादा समय बिताते हैं जैसे कि घर का लिविंग रूम। रज ऊर्जा क्रियाशीलता और बदलाव का प्रतीक है, जिससे घर में नवीनता और तरक्की की भावना बनी रहती है।

इसे जरूर पढ़ें: क्या घर के अंदर सीढ़ियां बनाना सही है?

सीढ़ियों में रज का स्थान क्यों नहीं रखना चाहिए?

सीढ़ियां घर में स्थिरता और सामंजस्य का प्रतीक होती हैं, जबकि रज ऊर्जा परिवर्तन और गति को बढ़ावा देती है। यदि सीढ़ियों में रज ऊर्जा का स्थान होता है, तो घर में असंतुलन और बेचैनी उत्पन्न हो सकती है। इससे घर के सदस्यों में मानसिक अस्थिरता और असंतोष का भाव बढ़ सकता है। इसलिए, वास्तु शास्त्र में सीढ़ियों में रज का स्थान रखना भी अनुकूल नहीं माना गया है।

क्या होता है वास्तु में यम का स्थान?

यम यानी यमराज को हिंदू धर्म में मृत्यु और अनुशासन के देवता माना जाता है। इन्हें न्याय और अनुशासन का प्रतीक भी माना जाता है। वास्तु शास्त्र में यम का स्थान दक्षिण दिशा में होता है जो नकारात्मक ऊर्जा, अवरोध और समस्याओं से जुड़ी मानी जाती है। यम का संबंध न केवल मृत्यु से होता है, बल्कि जीवन के कठोर सत्य और अनुशासन से भी जुड़ा होता है। दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है और इस दिशा को मुख्य द्वार, खिड़कियां, या सीढ़ियों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। यम की ऊर्जा का प्रभाव घर के सदस्यों पर मानसिक, शारीरिक और आर्थिक दृष्टि से प्रतिकूल हो सकता है। यह दिशा बाधाओं और संघर्षों को जन्म दे सकती है, जिससे घर में अशांति और नकारात्मकता का प्रवेश हो सकता है।

आखिर क्यों यम के स्थान पर नहीं बनाई जाती हैं सीढ़ियां?

yam place at home

वास्तु शास्त्र के अनुसार, सीढ़ियों में यम का स्थान रखना अत्यंत अशुभ माना जाता है। सीढ़ियों का स्थान घर में महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह उन संरचनाओं में से एक है जहां से घर के विभिन्न हिस्सों में ऊर्जा का प्रवाह होता है। यम की ऊर्जा, जो मृत्यु और अनुशासन का प्रतीक मानी जाती है, अगर सीढ़ियों में होती है, तो यह घर में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। आप घर के अन्य स्थानों पर भले ही सीढ़ियां बना लें, लेकिन आपको भूलकर भी यम के स्थान पर सीढ़ियां नहीं बनानी चाहिए। ऐसा माना जाता है सीढ़ियां घर में ऊपर और नीचे के हिस्सों को जोड़ती हैं, जो ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करती हैं।

अगर सीढ़ियों में यम का स्थान रखा जाए, तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है। इससे घर के सदस्यों के जीवन में अवरोध, समस्याएं, और संघर्ष बढ़ सकते हैं। यम का संबंध मृत्यु और अनुशासन से होता है, जो जीवन में कठिनाइयां और बाधाएं उत्पन्न कर सकता है। यदि यम की ऊर्जा सीढ़ियों में होती है, तो घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यह वास्तु दोष मानसिक तनाव, शारीरिक समस्याओं और दीर्घकालिक रोगों को जन्म दे सकता है।

यम की दिशा में सीढ़ियां रखने से आर्थिक स्थिरता में कमी आ सकती है। यह वास्तु दोष घर के सदस्यों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर डाल सकता है, जिससे घर में धन की हानि और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

आपको घर में सीढ़ियां बनाते समय इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि यम के स्थान पर इन्हें न बनाएं। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Images:freepik.com

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