आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। योगिनी एकादशी का व्रत रखना बहुत पुण्यकर माना जाता है। इस व्रत को रखने और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत न केवल शारीरिक कष्टों और बीमारियों को दूर करता है बल्कि 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य भी प्रदान करता है। इसके अलावा, योगिनी एकादशी के दिन दाना का भी बहुत महत्व माना जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि योगिनी एकादशी के दिन क्या दान करें और क्या हैं उससे मिलने वाले लाभ।
योगिनी एकादशी 2025 का दान
योगिनी एकादशी के दिन गेहूं, चावल, दालें, या पका हुआ भोजन जैसे खिचड़ी, पूड़ी-सब्जी। आप किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को, मंदिर में या किसी गौशाला में दान कर सकते हैं। अन्न का दान शास्त्रों में सर्वोत्तम दान माना गया है। इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और मां अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है। यह व्यक्ति के पिछले जन्मों के पापों को भी नष्ट करता है और भविष्य में सुख-समृद्धि लाता है। ज्योतिष के अनुसार, अन्न दान से कुंडली में कमजोर ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और दरिद्रता दूर होती है।
गरीबों या जरूरतमंदों को साफ और नए कपड़े दान करें। विशेष रूप से पीले रंग के वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। वस्त्र दान से व्यक्ति को मान-सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। यह घर में सुख-शांति लाता है और सामाजिक संबंधों को मजबूत करता है। ज्योतिष में, पीले वस्त्रों का दान बृहस्पति ग्रह को मजबूत करता है जिससे ज्ञान, भाग्य और समृद्धि बढ़ती है।
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प्यासे लोगों को पानी पिलाएं, सार्वजनिक स्थानों पर पानी की व्यवस्था करें या जल से भरे कलश का दान करें। जल का दान जीवन और तृप्ति का प्रतीक है। इससे पितरों को शांति मिलती है और व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है। ज्योतिष में जल दान चंद्रमा ग्रह को शांत करता है जिससे मन की चंचलता दूर होती है और भावनात्मक स्थिरता आती है।
मंदिर में, पीपल के पेड़ के नीचे या तुलसी के पौधे के पास घी या तेल का दीपक जलाएं। दीप दान करने से जीवन से अंधकार दूर होता है और ज्ञान का प्रकाश फैलता है। यह घर की दरिद्रता दूर करता है और सभी इच्छाओं की पूर्ति में सहायक होता है। ज्योतिष के अनुसार, दीप दान करने से सूर्य और मंगल जैसे ग्रहों के शुभ प्रभाव बढ़ते हैं जो ऊर्जा, आत्मविश्वास और सफलता प्रदान करते हैं।
अपनी क्षमतानुसार ब्राह्मणों, जरूरतमंदों या धार्मिक संस्थाओं को धन दान करें। धन का दान व्यक्ति के अंदर की लोभ की भावना को कम करता है और उदारता बढ़ाता है। इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। ज्योतिष में धन का दान शुक्र ग्रह को बल देता है जिससे सुख, ऐश्वर्य और भौतिक समृद्धि आती है।
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मौसमी फल जैसे आम, केला, सेब आदि का दान करें। फलों का दान आरोग्य और खुशहाली लाता है। यह जीवन में मिठास भरता है और संतोष की भावना प्रदान करता है। इन चीजों का दान करते समय सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दान निस्वार्थ भाव से और पूरी श्रद्धा के साथ किया जाए। दिखावे के लिए किया गया दान उतना फलदायी नहीं होता जितना सच्चे मन से किया गया दान।
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image credit: herzindagi
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