हनुमान जन्मोत्सव का पर्व इस साल 12 अप्रैल, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन हनुमान जी के बाल रूप की पूजा का विधान है। मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन बाल हनुमान की पूजा करने से जीवन के संकटों का नाश होता है और व्यक्ति के भीतर साहस एवं पराक्रम का संचार होने लगता है। इसके अलावा, नकारात्मक ऊर्जाओं से भी रक्षा होती है। जहां एक ओर हनुमान जन्मोत्सव के दिन कई धार्मिक कार्य करना शुभ माना जाता है तो वहीं, दूसरी ओर कुछ काम ऐसे भी हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि हनुमान जयंती के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
हनुमान जयंती के दिन क्या न करें?
हनुमान जयंती के दिन यदि आप बजरंगबली की सच्चे मन से कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि हनुमान जी श्री राम के परम भक्त हैं, और उनकी आराधना का मूल आधार प्रभु श्रीराम की सेवा है।
अतः अगर आप हनुमान जी की पूजा कर रहे हैं, तो उनके आराध्य भगवान राम की उपेक्षा या अपमान भूलकर भी न करें। ऐसा करने से हनुमान जी अप्रसन्न होते हैं और आपकी कितनी भी भक्ति उनके प्रति निष्फल हो सकती है।
इस पावन दिन पर यह भी ध्यान रखें कि किसी भी बंदर को कष्ट न पहुंचाएं। हनुमान जी का जन्म वानर कुल में हुआ था, और वे इस वंश के प्रतीक माने जाते हैं। अतः किसी भी बंदर को तंग करना या उन्हें नुकसान पहुंचाना हनुमान जी का अपमान माना जाता है।
महिलाएं पूरी श्रद्धा से हनुमान जी की पूजा कर सकती हैं, परंतु उनकी प्रतिमा को स्पर्श नहीं करना चाहिए। इसका कारण यह है कि हनुमान जी आजीवन ब्रह्मचारी रहे और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महिलाएं केवल दूर से पूजन करें तो यह अधिक उचित होता है।
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इसके साथ ही, महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह पाठ विशेष रूप से वीर रस और उग्र भाव वाला होता है, जिसकी अनुशंसा केवल पुरुष साधकों के लिए की जाती है।
अगर आप हनुमान जयंती का व्रत रखते हैं, तो इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत का पारण भी मीठे या सात्विक भोजन से ही करें। साथ ही, मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज आदि जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन न करें। सात्विक और पवित्र आचरण अपनाएं।
हनुमान जी की पूजा में पंचामृत या चरणामृत का प्रयोग नहीं किया जाता, इसलिए पूजा करते समय इनका उपयोग न करें। बजरंगबली की भक्ति में सादगी, आस्था और निष्ठा सर्वोपरि है और इन नियमों का पालन कर आप उनकी कृपा सहज ही प्राप्त कर सकते हैं।
हनुमान जयंती के दिन क्या करें?
हनुमान जयंती के पावन अवसर पर यदि आप बजरंगबली को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो कुछ विशेष पूजन विधियों और भोगों का पालन अवश्य करें। सबसे पहले, हनुमान जी की आरती करते समय घी का दीपक या चमेली के तेल का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
बजरंगबली की कृपा प्राप्त करने के लिए उन्हें चोला चढ़ाना, सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करना विशेष फलदायी होता है। चोला चढ़ाने की परंपरा यह दर्शाती है कि भक्त पूर्ण श्रद्धा और समर्पण के साथ भगवान को पूज रहा है। यह उपाय हनुमान जी की विशेष कृपा पाने का एक अचूक माध्यम है।
भोग के रूप में हनुमान जी को बूंदी, बेसन के लड्डू, इमरती आदि अति प्रिय हैं। इन मिठाइयों को श्रद्धा से अर्पित करने पर भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में शुभता बढ़ती है।
यदि आप वीर हनुमान का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें। ये पाठ न केवल मन को शांति प्रदान करते हैं, बल्कि संकटों से भी रक्षा करते हैं। यह साधना शत्रु बाधाओं और मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाने में अत्यंत प्रभावी मानी जाती है।
हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली को लौंग और इलायची अर्पित करने से शनि दोष में राहत मिलती है। शनि की पीड़ा से पीड़ित व्यक्ति अगर श्रद्धा से यह उपाय करे, तो उसके जीवन में शांति और स्थिरता का आगमन होता है।
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image credit: herzindagi
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