किसी भी देवी-देवता की आरती शुरू करने से पहले क्या बोलना चाहिए?

हम से बहुत से लोगों को यह पता ही होगा कि देवी-देवताओं की आरती से पहले कुछ बोला जाता है और वह है एक मंत्र। ऐसे में आइये जानते हैं कि देवी-देवताओं की आरती से पहले कौन सा मंत्र बोलना चाहिए और क्या हैं उसका महत्व। 
What to chant during Aarti

शास्त्रों में बताया गया है कि कीस भी पूजा-पाठ का पूर्ण फल पाने के लिए देवी-देवताओं की आरती करनी चाहिए। इससे देवी-देवताओं की कृपा होती है और पूजा का पूर्ण फल मिलता है। वहीं, देवी-देवताओं की आरती से जुड़े कुछ नियम भी हैं जिनका पालन करना आवश्यक माना गया है। इन्हीं नियमों में से एक है आरती से पहले मंत्र का उच्चारण। हम से बहुत से लोगों को यह पता ही होगा कि देवी-देवताओं की आरती से पहले कुछ बोला जाता है और वह है एक मंत्र। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि देवी-देवताओं की आरती से पहले कौन सा मंत्र बोलना चाहिए और क्या हैं उसका महत्व एवं उससे मिलने वाले लाभ।

देवी-देवताओं की आरती से पहले क्या बोलें?

devi-devtaon ki aarti se pehle kya bole

देवी-देवताओं की आरती शुरू करने से पहले गुरु मंत्र का उच्चारण किया जाता है। बिना गुरु मंत्र बोले देवी-देवता आरती स्वीकार नहीं करते हैं। सबसे पहले, गुरु मंत्र का अर्थ समझना आवश्यक है। गुरु मंत्र वह शक्तिशाली शब्द या वाक्य होता है जो शिष्य को उसके गुरु द्वारा प्रदान किया जाता है। यह मंत्र गुरु और शिष्य के बीच एक पवित्र बंधन स्थापित करता है और शिष्य को आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मार्गदर्शन करता है।

गुरु को आध्यात्मिक ज्ञान और अनुभव का प्रतीक माना जाता है। गुरु के माध्यम से ही हम सब भगवान को प्राप्त करते हैं। ऐसे में देवी-देवताओं से भी पहले अगर किसी का नाम लिया जाता है तो वह है गुरु। ऐसे में यह जरूरी है कि आरती से पहले गुरु मंत्र का जाप करें। तभी आपकी पूजा पूर्ण मानी जाती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद आपको मिलता है। बिना गुरु वंदना के देवी-देवताओं की आरती व्यर्थ है और उनकी कृपा भी नहीं मिलती है।

devi-devtaon ki aarti se pehle kya bola jata hai

जब हम किसी देवी या देवता की आरती करते हैं, तो हमारा उद्देश्य उनके प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करना होता है। आरती एक प्रकार की प्रार्थना है जिसमें हम अपनी भावनाओं को गाकर, दीपक जलाकर और परिक्रमा करके अर्पित करते हैं। आरती के माध्यम से हम दिव्य ऊर्जा को अपने आसपास आमंत्रित करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं। आरती से पहले गुरु मंत्र बोलना गुरु के प्रति आदर को दर्शाता है।

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गुरु मंत्र का नियमित जाप हमारे मन में जमे नकारात्मक विचारों और भावनाओं को दूर करता है। यह हमारे चित्त को शुद्ध करता है और हमें सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। जब हमारा मन शुद्ध होता है, तो हम आरती के दौरान अधिक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं और हमारी भक्ति अधिक गहरी होती है। आरती करते समय हमारा मन भटक सकता है। गुरु मंत्र का जाप हमारी एकाग्रता शक्ति को बढ़ाता है, जिससे हम आरती के हर पहलू को महसूस कर पाते हैं।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • देवी-देवताओं की आरती कब नहीं करनी चाहिए? 

    देवी-देवताओं की आरती किसी के जन्म, किसी की मृत्यु और दोपहर के समय नहीं करनी चाहिए।