(vishwakarma puja) दिनांक 17 सितंबर को कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा की जयंति मनाई जाएगी। इस दिन सभी देवी-देवताओं के अस्त और शस्त्र की पूजा करने का विशेष विधि-विधान है।
वहीं भगवान शिव का त्रिशूल, द्वारका और लंका महल आदि सभी देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र और भवन का निर्माण भगवान विश्वकर्मा की ही देन है। बता दें, कारीगर, फर्नीचर बनाने वाले और कारखानों से जुड़े लोग भगवान विश्वकर्मा की जयंती धूमधाम के साथ मनाते हैं।
अब ऐसे में इस साल पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
भगवान विश्वकर्मा कौन हैं? ( Who is Lord Vishwakarma ?)
विश्वकर्मा पुराण के अनुसार ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीहरि विष्णु (भगवान विष्णु मंत्र) ने सबसे पहले ब्रह्माजी और फिर विश्वकर्मा जी की रचनी की थी। ब्रह्माजी के निर्देश पर ही भगवान विश्वकर्मा ने पुष्पक विमान, त्रेता में लंका, द्वापर में द्वारिका और हस्तिनापुर, कलयुग में जगन्नाथ पुरी का निर्माण किया । इसके साथ ही वास्तु शास्त्र का ज्ञान, यंत्र निर्माण विद्या आदि के बारे में भगवान विश्वकर्मा ने ही जानकारी जानकारी दी थी।
जानें विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त (Vishwakarma Puja Shubh Muhurat 2023)
- विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त दिनांक 17 सितंबर दिन रविवार तो सुबह 07 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक है।
- इसके बाद दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक विश्वकर्मा पूजा की जा सकती है।
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जानें विश्वकर्मा पूजा का महत्व (Vishnwakarma Puja Significance)
प्राचीन काल में भगवान ब्रह्मा-विष्णु और महेश के साथ विश्वकर्मा जी की पूजा-अर्चना का प्रावधान ऋषि-मुनियों ने किया है। भगवान विश्वकर्मा को प्राचीनकाल का सबसे बड़ा इंजीनियर कहा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन विश्वकर्मा जी की पूजा करने से कार्य में कार्य में कुशलता, शिल्पकला का विकास होता है। साथ ही धन-धान्य (धन-धान्य उपाय) में भी वृद्धि हो सकती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर जिस भी व्यक्ति के व्यापार में किसी भी प्रकार की परेशानी आ रही है, तो उसे व्यापारिक स्थान पर विश्वकर्मा जी की प्रतिमा जरूर स्थापित करना चाहिए। इससे आपके व्यापार में लाभ हो सकता है।
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विश्वकर्मा पूजा के दिन करें इस मंत्र का जाप (Chant these Mantras during Vishwakarma Puja)
विश्वकर्मा जयंती के दिन पूजा के दौरान 21 बार इस मंत्र का जाप जरूर करें। इससे लाभ हो सकता है।
- ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:
विश्वकर्मा पूजा के दिन इस मुहूर्त में पूजा करें और अगर अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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