आजकल के बच्चे बहुत ज्यादा संवेदनशील होते हैं। अगर उन्हें कोई कुछ कह देता है, तो वे तुरंत रोने लगते हैं या गुस्सा हो जाते हैं। मोबाइल या टीवी जैसे स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने की वजह से आजकल बच्चे चिड़चिड़े और गुस्सैल बन गए हैं।
कभी-कभी बच्चों का गुस्सा माता-पिता के लिए चिंता की बात बन जाता है, खासकर जब बच्चा गुस्से में जोर-जोर से चिल्लाने लगे, चीजें फेंके या खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश करे। ऐसे में बच्चों को शांत करने और उनका ध्यान भटकाने के लिए हिंदू धर्म के मंत्रों का सहारा लेना एक बहुत अच्छा और असरदार तरीका है।
संस्कृत में बोले गए मंत्र सिर्फ पूजा-पाठ के लिए नहीं होते, बल्कि इनकी आवाजें हमारे दिमाग को शांत करती हैं और स्ट्रेस पैदा करने वाले हार्मोन को कम करती हैं। जब बच्चा इन मंत्रों को जपने लगता है, तो उसका गुस्सा कम होने लगता है और मन शांत हो जाता है।
आज हम आपको 4 ऐसे मंत्र बता रहे हैं, जो बच्चों को खुद पर काबू रखना, ध्यान लगाना और अपनी भावनाओं को समझना सिखा सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- Mantra Magic: हर मंत्र के आगे क्यों लगता है 'ॐ'
1. शांति मंत्र – ओम शांति शांति शांति
इस मंत्र का अर्थ है कि मेरा शरीर, मन और आत्मा शांत बनी रहे।
इसे जपने से मन और सोच को शांति मिलती है, लड़ाई-झगड़े से बचाव होता है और आस-पास का माहौल शांत रहता है। अगर आप अपने बच्चे को यह मंत्र जपाते हैं, तो उसका दिमाग और भावनाएं शांत रह सकती हैं और गुस्सा कम हो सकता है। यह मंत्र बच्चों को बोलने में भी आसान है।
बच्चे को खेल-खेल में सिखाएं। उससे कहें कि आंखें बंद करे और गहरी सांस ले। फिर धीरे से ओम शांति शांति शांति तीन बार बोलने को कहें।
2. बीज मंत्र – राम राम राम…
राम एक छोटा लेकिन बहुत असरदार मंत्र है। यह हमारे शरीर के अंदर की इच्छाशक्ति और भावनाओं के केंद्र से जुड़ा है।
इसे जपने से मन शांत होने लगता है और चिंता, गुस्सा और बेचैनी धीरे-धीरे कम होती है। अगर आपके बच्चे को बहुत गुस्सा आता है, तो आप इस मंत्र का जाप करवाकर उसके मन और भावनाओं को शांत कर सकते हैं।
अगर आपका बच्चा गुस्से में चीजें फेंकता है या चिल्लाता है, तो आप उससे यह मंत्र बोलने के लिए कह सकते हैं।
इसे भी पढ़ें-थेरेपी महंगी लगती है? मानसिक शांति के लिए आजमाएं ये 5 हिंदू मंत्र
3. गायत्री मंत्र
मंत्र:
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यम्
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्
इस मंत्र का अर्थ है कि हम सूरज की तरह चमकने वाली उस पवित्र शक्ति से प्रार्थना करते हैं कि वह हमारे विचारों को साफ करे और हमारी बुद्धि को तेज बनाए।
अगर आपके बच्चे को डर, चिंता और गुस्सा आता है, तो यह मंत्र उसे सकारात्मक ऊर्जा दे सकता है।
एक बार में एक लाइन सिखाएं और जल्दबाजी न करें। आप पहले ॐ भूर्भुवः स्वः कहें और फिर बच्चे से उसे दोहराने को कहें। इस तरह बच्चे को धीरे-धीरे पूरा गायत्री मंत्र सिखाएं और स्कूल जाने से पहले और रात को सोने से पहले इसका अभ्यास करवाएं।
4. मंत्र – सो... हम…
इस मंत्र का अर्थ होता है 'मैं वही हूँ'। इस मंत्र में जब आप 'सो' कहते हैं, तो सांस अंदर लेते हैं और 'हम' बोलते हुए सांस बाहर छोड़ते हैं।
अगर आप बच्चों को यह मंत्र सिखाते हैं, तो यह गहरी सांस लेने की आदत बनाता है और गुस्सा कम करता है। अगर आपके बच्चे को नींद कम आती है, तो यह मंत्र धीरे-धीरे उसे शांत कर सकता है।
बच्चे से कहें कि गहरी सांस अंदर ले और मन में हल्के से सो कहे। फिर जब धीरे-धीरे सांस छोड़े, तो हम कहे।
हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों