बेटी की विदाई के समय खोइछा में डाली जाती हैं ये खास चीजें, जानें इसका महत्व

शादी के समय कई सारी रस्में निभाई जाती है। एक रस्म खोइछा भी होती है। इसे विदाई के समय निभाया जाता है। इसमें बेटी की गोद में चावल के साथ अन्य चीजों को दिया जाता है, ताकि उसके जीवन में खुशहाली बनी रहे। आर्टिकल में बताते हैं इसके बारे में।
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शादी बिना रस्मों के कभी पूरी नहीं होती है। इसलिए हर किसी के घर में शादी के समय होने वाली अलग-अलग रस्मों को निभाया जाता है। बिहार की शादी में अक्सर विदाई के समय एक रस्म को जरूर किया जाता है, जिसे खोइछा कहते हैं। इसमें मां अपनी बेटी की गोद में खोइछा देती है। उसमें चावल और अन्य सामानों को डाला जाता है, ताकि बेटी के जीवन में खुशहाली बनी रहे। आइए आर्टिकल में जानते हैं खोइछा में चावल के साथ और क्या-क्या डाला जाता है।

खोइछा में डाली जाती है साबुत हल्दी की गांठ

हल्दी को हमारे यहां शुभ माना जाता है। इसलिए शादी में सबसे ज्यादा इसा इस्तेमाल किया जाता है। यह समृद्धि, शुद्धता और सौभाग्य का प्रतीक है। नवविवाहित जोड़े के जीवन में सुख-शांति और संपन्नता लाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसी को मां अपनी बेटी के खोइछा में डालती है। यह हल्दी की गांठ उसके नए जीवन को बुरी नजरों से बचात है। इसलिए इसे जरूर डाला जाता है।

Haldi ganth

खोइछा में डाली जाती है दूर्वा घास

दूर्वा घास पूजा में अक्सर किया जाता है। शादी के समय कई सारी रस्में ऐसी होती हैं, जिसमें इसका इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह पवित्र मानी जाती है। इसी वजह से यह गणेश जी को भी प्रिय होती हैं। इसे भी खोइछा में डाला जाता है। इसका अर्थ होता है वैवाहिक जीवन सदा हरा-भरा रहे, अटूट प्रेम बना रहे और सभी बाधाएं दूर हो। इसलिए बेटी को मां यह जरूर देती है।

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खोइछा में दिया जाता है कुमकुम

शादी के बाद का जीवन सुखमय रहे और हमेशा बेटी के जीवन में रंग भरा रहे। इसके लिए बेटी को खोइछा में कुमकुम दिया जाता है। इससे उनके रिश्ते की उम्र लंबी होती है। साथ ही, पति-पत्नी का साथ लंबे समय तक बना रहता है।

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खोइछा में चावल के साथ पैसे भी रखें जाते हैं, ताकि बेटी के जीवन में आर्थिक समृद्धि बनी रहे। यह रस्म शादी के बाद हमेशा निभाई जाती है। इससे बेटी के जीवन में हमेशा मधुरता बनी रहती है। इसलिए इस रस्म को निभाया जाता है। साथ ही, इसे संभालकर रखा जाता है।

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Image Credit- Freepik

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